Leh Ladakh Violence News: लद्दाख इन दिनों एक बार फिर सुर्खियों में है। पूर्ण राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची के तहत अधिकार देने की मांग को लेकर यहां प्रदर्शन कर रहे लोगों और पुलिस के बीच बुधवार को हिंसक झड़प हो गई। इस घटना ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया है।
प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई टकराव में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई है, जबकि 70 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। हालात बिगड़ने के बाद प्रशासन ने लेह में कर्फ्यू लगा दिया है और इंटरनेट सेवाओं पर भी रोक लगा दी गई है।
Leh Ladakh Violence News: कैसे भड़की हिंसा?
जानकारी के मुताबिक लेह में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होकर राज्य का दर्जा, स्थानीय नौकरियों और जमीन पर अधिकार को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। शुरुआत में यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण था, लेकिन कुछ ही देर बाद भीड़ और पुलिस के बीच टकराव हो गया।
This man rioting in Ladakh is Phuntsog Stanzin Tsepag, Congress Councillor for Upper Leh Ward.
He can be clearly seen instigating the mob and participating in violence that targeted the BJP office and the Hill Council.
Is this the kind of unrest Rahul Gandhi has been… pic.twitter.com/o2WHdcCIuC
— Amit Malviya (@amitmalviya) September 24, 2025
देखते ही देखते स्थिति बेकाबू हो गई और पत्थरबाजी शुरू हो गई। कई जगहों पर सरकारी दफ्तरों और राजनीतिक दलों के दफ्तरों में आगजनी की भी खबरें सामने आईं।
सोनम वांगचुक ने खत्म की भूख हड़ताल
लद्दाख आंदोलन का चेहरा बन चुके पर्यावरणविद् और सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक बीते 15 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे थे। उन्होंने आज यह हड़ताल खत्म करने का ऐलान किया।
4 killed and 70 injured in Leh violence systematically orchestrated by Sonam Wangchuk and led by Congress Councillor Phuntsog Stanzin Tsepag.
This is not a Gen-Z protest it’s political violence disguised as youth activism. Prompt action is essential.#LadakhProtest pic.twitter.com/aOPINj0Xfq
— Abhishek (@Thakur3880) September 24, 2025
वांगचुक ने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने और हिंसा से दूर रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि लद्दाख की असली ताकत यहां की जनता की एकजुटता और अहिंसक संघर्ष है।
प्रशासन और केंद्र सरकार की सख्ती
Ladakh Violence के बाद लेह और आसपास के इलाकों में भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं। पुलिस, सीआरपीएफ और अर्धसैनिक बलों की तैनाती से इलाके में चौकसी बढ़ा दी गई है। प्रशासन ने कर्फ्यू लागू कर दिया है और एहतियातन इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं ताकि अफवाहों को रोका जा सके।
🚨 Sambit Patra : “In Ladakh, protests were portrayed as Gen Z-led, but they were actually driven by Congress.
Councilor Stanzing Tsepang from Upper Leh ward is the main instigator, with photos showing him and his workers fueling the violence.” pic.twitter.com/4B6rQvkjfw
— Political Views (@PoliticalViewsO) September 24, 2025
केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि Ladakh Violence अचानक नहीं बल्कि योजनाबद्ध तरीके से भड़काई गई है। गृह मंत्रालय ने बताया कि वह पहले से ही लेह और कारगिल के नेताओं व संगठनों के साथ संवाद कर रहा था। सरकार का कहना है कि लद्दाख की समस्याओं और मांगों पर बातचीत की प्रक्रिया जारी रहेगी। अगले दौर की बातचीत 6 अक्टूबर को प्रस्तावित है।
आंदोलनकारियों की मुख्य मांगें
लद्दाख में चल रहे इस आंदोलन की कई अहम मांगें हैं:
- लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले।
- संविधान की छठी अनुसूची के तहत विशेष अधिकार दिए जाएं।
- सरकारी नौकरियों और भर्ती प्रक्रिया में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता और आरक्षण मिले।
- संसद और प्रशासनिक ढांचे में लद्दाख की भागीदारी और प्रतिनिधित्व बढ़ाया जाए।
लोगों में गुस्सा और चिंता
हिंसा और मौतों की खबर से इलाके में तनाव है। स्थानीय लोग अपनी मांगों पर अडिग हैं और उनका कहना है कि अगर उनकी आवाज नहीं सुनी गई तो आंदोलन और तेज होगा। वहीं दूसरी ओर आम नागरिकों में हिंसा और कर्फ्यू के कारण डर और असुरक्षा का माहौल है।
लद्दाख में राज्य का दर्जा और अधिकारों की मांग को लेकर चल रहा संघर्ष अब एक अहम मोड़ पर पहुंच गया है। जहां एक तरफ आंदोलनकारियों की भावनाएं और गुस्सा चरम पर है, वहीं दूसरी ओर सरकार स्थिति को संभालने और संवाद बनाए रखने की कोशिश कर रही है। आने वाले दिनों में यह देखना होगा कि बातचीत का अगला दौर कितनी दूर तक जाता है और क्या लद्दाख की जनता को उनकी मांगों का समाधान मिल पाता है या नहीं।
FAQs
लद्दाख में प्रदर्शन क्यों हो रहे हैं?
लद्दाख के लोगों की मांग है कि क्षेत्र को राज्य का दर्जा दिया जाए और स्थानीय लोगों के भूमि, नौकरियों और सांस्कृतिक अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
हिंसक झड़पों में कितने लोगों की मौत हुई?
ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, इस हिंसक प्रदर्शन में चार लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग घायल हुए हैं।
प्रशासन ने स्थिति को काबू में करने के लिए क्या कदम उठाए?
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए कर्फ्यू लागू किया गया है और इंटरनेट सेवाएँ अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं।
प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगें क्या हैं?
उनकी मुख्य मांगें हैं – लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले, स्थानीय जनजातीय आबादी के अधिकारों की रक्षा हो और रोजगार व संसाधनों पर स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता मिले।
क्या सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच बातचीत की संभावना है?
हाँ, सरकार की ओर से शांति बनाए रखने की अपील की गई है और उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही बातचीत के जरिए समाधान निकाला जाएगा।
इमेज सोर्स: Twitter
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