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Kumbhalgarh Fort Facts: कुम्भलगढ़ फोर्ट के ऱोचक फ़ैक्ट्स

Kumbhalgarh Fort Facts: कुम्भलगढ़ फोर्ट के ऱोचक फ़ैक्ट्स

Kumbhalgarh Fort Facts

Kumbhalgarh Fort Facts: एक ऐसा किला, अपने गौरवशाली इतिहास, प्राकृतिक सौंदर्य, और राणा महाराणा प्रताप के जन्म स्थली होने का गौरव रखती है। जी हां दोस्तों, हम बात कर रहे हैं कुंभलगढ़ किले की जो की राजस्थान में स्थित है। इस किले की दीवार दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी दीवार होने का गौरव रखती है।

आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हम कुंभलगढ़ किले की रोचक फैक्ट्स के बारे में बात करने वाले हैं। जो इसे प्राचीन भारत का सबसे भव्य और ऐतिहासिक किला बनाती है।

Kumbhalgarh Fort Facts: कुम्भलगढ़ फोर्ट के ऱोचक फ़ैक्ट्स

 1. कभी ना टूटने वाली दीवारें

Kumbhalgarh fort facts

Image Credit: Wikipedia

कुंभलगढ़ किला अपने 36 किलोमीटर लंबी दीवारों के लिए प्रसिद्ध माना जाता है जो की द ग्रेट वॉल आफ चीन के बाद दूसरे स्थान पर सबसे बड़ी दीवार है। इस किले की दीवारों को इतनी मजबूती से बनाया गया है की इन्हें कभी कोई तोड़ नहीं सकता।

कुम्भलगढ़ किला मेवाड़ के शासकों के लिए शरणस्थली के रूप में कार्य करता था। अपनी मजबूत सुरक्षा और पृथक स्थान के कारण इसे भारत के सबसे अभेद्य किलों में से एक माना जाता था।

2. महाराणा प्रताप का जन्मस्थान।

Kumbhalgarh fort facts

Image Credit: The Economic Times

Kumbhalgarh Fort Facts: कुम्भलगढ़ किला भारतीय इतिहास के सबसे महान योद्धाओं में से एक, महाराणा प्रताप का जन्मस्थान है। उन्होंने मुगल सम्राट अकबर की सेना का बहादुरी से विरोध किया और राजपूत बहादुरी का प्रतीक बन गए।

साल 2013 में कुंभलगढ़ फोर्ट को यूनेस्को द्वारा विश्व के धरोहर के रूप में मान्यता दी गई थी। जो कि इस दुनिया भर के अन्य प्रसिद्ध स्थलों के श्रेणी में लाता है।

3. शानदार वास्तुकला

Kumbhalgarh fort facts

Image Credit: Wikipedia

कुंभलगढ़ किला वास्तुकला में भव्यता का प्रदर्शन करता है और इसमें 360 से अधिक मंदिर हैं। इनमें से एक प्रमुख मंदिर है, जो महाराणा कुंभा के शासनकाल के दौरान बनाया गया प्रसिद्ध शिव मंदिर है।

यह मंदिर अपनी विशेष वास्तुकला और सुंदर सांगीत्य सुलभता के लिए प्रसिद्ध है, और यह दर्शनीय स्थल के रूप में भी महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, कुंभलगढ़ किले की दीवारों, खिड़कियों, और स्थलों में राजपूताना के विशेष वास्तुकला का अद्वितीय अनुभव किया जा सकता है।

इतना ही नहीं राजस्थान के कुंभलगढ़ किले में हर शाम लाइट एंड साउंड शो होता है। जो कि वहां के पर्यटक को बेहद आकर्षित करता है यह शो हर शाम 6:45 पर शुरू होता है।

4. एक रहस्यमय कहानी से भरा

Kumbhalgarh fort facts

Image Credit: Wikipedia

ऐसा माना जाता है की कुंभ किले के दीवार के निर्माण के समय एक बहुत ही रहस्यमय कहानी जुड़ी है। महाराणा कुंभा द्वारा साल 1443 में जब इस किले का निर्माण हो रहा था तभी बहुत सारी बाधा आने लगी थी। जिसे परेशान होकर कुंभा ने एक महंत को बुलाकर अपनी सारी समस्या बताई तब महंत ने कहा की जो भी इस किले के निर्माण में अपनी स्वेच्छा से बलिदान देगा तभी इसका निर्माण कार्य पूरा हो पाएगा।

यह बात सुनकर एक अन्य महंत ने कहा कि वह बलिदान देने को तैयार हैं। उन दूसरे संत ने कहा कि वह पहाड़ पर चढ़ने चले जाएंगे और जहां पर उनके कदम रुकेंगे उनकी बलि वही चढ़ा दी जाएगी, उनके कहे अनुसार महाराणा कुंभा ने ऐसा ही करवाया और अंत में जाकर उनकी बलि चढ़ाने के बाद इस किले का निर्माण पूरा हो पाया।

5. बादल महल

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Image Source: Kumbhalgarh Fort

बादल महल कुंभलगढ़ फोर्ट के उत्तरी भाग में स्थित है जिसे “Place of clouds” के नाम से भी जाना जाता है। यह महल खूबसूरत झरोखों, कलाओं से भारी दीवारों और अलग-अलग प्रकार के कला संबंधी आकर्षण का एक खूबसूरत उदाहरण है। इस महल का नाम बादल महल इसलिए रखा गया है क्योंकि यहां से आसमान की ऊंचाइयों को छूने का अनुभव होता है।

6. सात दरवाजे

कुंभलगढ़ किला अपने साथ दरवाजा के लिए भी प्रसिद्ध है जो की कुछ इस प्रकार है।

  • आरेत पोल – अरिद पल कुंभलगढ़ किले का मुख्य दरवाजा है, यह एक बड़ा दरवाजा है जिसमें एक सुंदर तीर्थ स्थल है और यह किले का प्रमुख प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है। इसका नाम आरेता के नाम पर रखा गया है। जिन्होंने किले की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी।
  • हल्लान पोल- यह दरवाजा आरेत पोल के पास स्थित है और उसका मुख्य उद्देश्य प्रशासनिक उद्देश्यों के लिए होता था।
  • हनुमान पोल- यह पोल भगवान राम के भक्त हनुमान को समर्पित किया गया है।
  • राम पोल- इस पोल का नाम भगवान श्री राम के नाम पर रखा गया है, और यह किले के महत्वपूर्ण दरवाजों में से एक है।
  • वेदी पोल- यह दरवाजा एक वेद या एक उच्च प्लेटफार्म के वास्तु शैली से जुड़ा हुआ है यह सुरक्षा के उद्देश्यों के लिए रचा गया है।
  • नींबू पोल – नींबू फूल का नाम दरवाजे पर चटकीले रंगों से बने छोटे चित्रों के कारण रखा गया है कहा जाता है, नींबू से निकलने वाला तेल किले को खड़ा करने में मदद करता था।
  • भैरों पोल- इस पोल को भैरों भगवान के नाम पर समर्पित किया गया है, और इसमें धार्मिक महत्व है। कहा जाता है कि इस दरवाजे से गुजरने से किले के अंदर किए गए किसी भी पापों से मुक्ति मिलती थी।

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