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Kullu Cloud Burst News: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में बादल फटने से मची तबाही, कई लोग लापता, कई घर बहे!

Kullu Cloud Burst News: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में बादल फटने से मची तबाही, कई लोग लापता, कई घर बहे!

Kullu Cloud Burst News

Kullu Cloud Burst News: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में आज दोपहर यानी 25 जून को एक बड़ा प्राकृतिक हादसा सामने आया जब सैंज घाटी और आसपास के क्षेत्रों में अचानक बादल फट गया। इस घटना ने पूरे इलाके में अफरातफरी मचा दी और कई घरों, दुकानों और सड़कों को भारी नुकसान हुआ। प्रशासन ने इसे एक गंभीर आपदा करार दिया है और राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी हैं।

Kullu Cloud Burst News: जाने कहां हुआ हादसा?

Kullu cloud burst news

यह भीषण प्राकृतिक हादसा हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में हुआ, जिसका केंद्र विशेष रूप से सैंज घाटी, गड़सा घाटी, बिहाली गांव, और मणिकर्ण घाटी रहे। यह इलाके कुल्लू जिले के पर्वतीय क्षेत्रों में आते हैं, जहां पहले से ही संवेदनशीलता अधिक रहती है। मंगलवार की दोपहर के समय अचानक आसमान में घने काले बादल छा गए और कुछ ही पलों में जोरदार बारिश शुरू हो गई। यह बारिश इतनी तेज़ थी कि नालों और छोटी नदियों में पानी का बहाव अत्यधिक बढ़ गया।

सैंज नाला, जीवा नाला, और ब्रह्मगंगा नदी उफान पर आ गए, जिससे इनके किनारे बसे गांवों में पानी घुस गया और कई घरों को अपनी चपेट में ले लिया। बिहाली गांव, जो पर्वतीय ढलान पर बसा हुआ है, सबसे ज़्यादा प्रभावित रहा। यहां कई घर मलबे में दब गए और कुछ पूरी तरह से बह भी गए। वहीं गड़सा घाटी और मणिकर्ण घाटी में भी सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हो गए।

तेज बारिश के कारण कई निचले इलाकों में जलभराव और मलबे का जमाव हो गया, जिससे लोगों को घरों से बाहर निकलने में मुश्किल हो रही है। स्थानीय लोग इस घटना को पिछले कुछ वर्षों की सबसे गंभीर प्राकृतिक आपदा मान रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इतनी तेज़ बारिश और अचानक आई बाढ़ जैसी स्थिति उन्होंने इससे पहले कभी नहीं देखी थी। प्रशासन ने इन क्षेत्रों को संवेदनशील क्षेत्र घोषित कर अस्थायी रूप से आवाजाही पर रोक लगा दी है।

बिहाली गांव में सबसे ज्यादा नुकसान, राहत कार्य जारी

बिहाली गांव में Cloudburst की घटना ने सबसे भारी तबाही मचाई है, जहां करीब पांच मकान पूरी तरह बह गए, जबकि आसपास के अन्य गांवों में भी कई घरों को गंभीर क्षति पहुँची है। इस हादसे में एक ही परिवार के तीन सदस्य लापता बताए जा रहे हैं, जिनकी तलाश अब भी जारी है। गांवों की गलियों और सड़कों पर कीचड़ और मलबा भर जाने से राहत और बचाव कार्यों में काफी मुश्किलें आ रही हैं।

पानी का बहाव इतना तेज था कि एक सरकारी स्कूल भवन भी उसकी चपेट में आकर बह गया, और कई वाहन बहकर नदी-नालों में समा गए। खेतों में खड़ी फसलें नष्ट हो गई हैं, जिससे किसानों को भी भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। हालांकि, प्रशासन की तत्परता से कई ग्रामीणों को समय रहते सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया, जिससे और अधिक जान-माल की हानि टल गई।

प्रशासन का एक्शन और राहत कार्य

बादल फटने की खबर मिलते ही जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस ने तुरंत मोर्चा संभाल लिया।

  • NDRF (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) की टीमों को घटनास्थल की ओर रवाना किया गया।

  • राहत शिविर बनाए गए हैं जहां प्रभावित लोगों को अस्थायी आश्रय और भोजन की व्यवस्था की गई है।

  • लापता लोगों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है।

  • बिजली और पानी की आपूर्ति को पुनः शुरू करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

मौसम विभाग की चेतावनी

भारतीय मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में अगले 24 से 48 घंटों तक भारी वर्षा की संभावना जताते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

  • विशेष रूप से कुल्लू, मंडी, शिमला और कांगड़ा जिलों में भूस्खलन और बाढ़ जैसी स्थिति बनने की आशंका है।

  • प्रशासन ने लोगों से नदी और नालों के पास न जाने की अपील की है।

  • स्कूलों को बंद कर दिया गया है और यात्रा पर भी रोक लगाने की सलाह दी गई है।

जाने क्या होता है बादल फटना?

‘बादल फटना’ यानी Cloudburst एक ऐसा मौसमीय घटनाक्रम होता है, जिसमें बहुत ही कम समय में सीमित स्थान पर अत्यधिक बारिश होती है। यह आमतौर पर पहाड़ी इलाकों में होता है जहां वायुमंडलीय दबाव और नमी का संतुलन बिगड़ जाता है।

  • इससे फ्लैश फ्लड यानी अचानक बाढ़ की स्थिति बनती है।

  • पानी की रफ्तार इतनी तेज होती है कि घर, दुकानें और वाहन बह जाते हैं

Images: Twitter

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