Kartik Amavasya 2024 Subh Muhurat: पंचांग के अनुसार कार्तिक मास में आने वाली अमावस्या को दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है। कार्तिक के महीने में स्नान दान का भी विशेष महत्व है।
इस माह की अमावस्या को तीर्थ स्नान, दान,पितृ पूजा से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।आईए जानते हैं साल 2024 में कार्तिक अमावस्या कब है, दिवाली किस दिन मनाई जाएगी। पूजा व स्नान दान का समय पूजा विधि और इस दिन कौन से उपाय करने चाहिए।
Kartik Amavasya 2024 Subh Muhurat: कार्तिक अमावस्या शुभ मुहूर्त 2024
- साल 2024 में कार्तिक अमावस्या 1 नवंबर शुक्रवार को है।
- अमावस्या तिथि प्रारंभ– 31 अक्टूबर सायंकाल 3:52 मिनट
- अमावस्या तिथि समाप्त – 1 नवंबर सायंकाल 6:16 मिनट पर।
- पूजा का शुभ मुहूर्त -प्रातः काल 11:37 मिनट से दोपहर 12:25 मिनट तक।
- स्नान दान का समय -प्रातः काल 4:29 मिनट से प्रातः काल 5:28मिनट तक।
दीपावली शुभ मुहूर्त 2024
- साल 2024 में दीपावली 1 नवंबर शुक्रवार को मनाई जाएगी हालांकि कुछ जगहों पर 31 अक्टूबर के दिन दीपावली मनाई जाएगी।
- पूजा का शुभ मुहूर्त 1 नवंबर सांयकाल 5:36 मिनट से सायंकाल 6:16 मिनट तक।
- प्रदोष काल मुहूर्त 1 नवंबर सायंकाल 5:36 मिनट से रात्रि 8:11मिनट तक।
कार्तिक अमावस्या 2024 पूजा विधि।
कार्तिक अमावस्या 2024 के दिन गंगाजल मिले जल से स्नान करें। कार्तिक अमावस्या के दिन मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। इस दिन प्रातः काल जल्दी उठकर सूर्योदय से पूर्व स्नान कर गीता पाठ, अन्न दान और दीपदान करना चाहिए।
इसके साथ ही विष्णु प्रिया तुलसी जी की पूजा करें। भगवान विष्णु जी की पूजा कर उन्हें तुलसी चढ़ाए,प्रदोष काल के शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी गणेश जी का पूजन कर दीपदान करना चाहिए।
कार्तिक अमावस्या 2024 उपाय
- शास्त्रों के अनुसार इस दिन विधि विधान से भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए।
- आज के दिन भगवान गणेश जी के 12 नाम का उच्चारण पूजा के दौरान करना शुभ होता है।
- कार्तिक अमावस्या के दिन तुलसी जी के पास घी का दीप जलाकर विधि विधान से पूजा करनी चाहिए।
- कार्तिक अमावस्या यानी दीवाली की शाम घर के ईशान कोण में मौली के धागे से बनी बत्ती से घी और थोड़ी सी हल्दी डालकर दीप जलाने से आर्थिक परेशानियां दूर होने लगती है।
कार्तिक अमावस्या 2024 पर क्या करें।
1.भविष्य पुराण के मुताबिक कार्तिक अमावस्या पर सुबह चांद तारों की मौजूदगी में सूर्योदय से पूरे ही तीर्थ स्नान कर लेना चाहिए। मान्यता है,कि इससे पितर ,मां लक्ष्मी और विष्णु जी बेहद प्रसन्न होते हैं। पाप का नाश होकर सुख, शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
2. स्कंदपुराण के अनुसार कार्तिक अमावस्या को गीता पाठ, अन्न, दीपदान करना चाहिए।
3. इसके साथ है विष्णुप्रिया तुलसी की रोजाना पूजा करें ,भगवान विष्णु को तुलसी भी चढ़ानी चाहिए। इससे धनागमन होता है।अन्नदान करने से सुख बढ़ता है, जातक को दिर्घायु का वरदान मिलता है।
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कार्तिक अमावस्या महत्व।
अमावस्या तिथि के स्वामी पितृ देव माने जाते हैं। स्कंद पुराण के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या पर पवित्र स्थान और दान करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। अमावस्या की रात को तेल का दीपक जलाने से घर में देवी लक्ष्मी का वास होता है ।
इस दिन भगवान विष्णु को तुलसी अर्पित करनी चाहिए और गीता का पाठ करना चाहिए। कार्तिक अमावस्या पर तुलसी की पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही अमावस्या तिथि को पितरों के लिए तर्पण और श्राद्ध करने के लिए शुभ माना जाता है।
भविष्य पुराण में कहा गया है कि कार्तिक अमावस्या दीप अन्न और वस्त्र दान करने से रोग दोष से मुक्ति मिलती है। कार्तिक अमावस्या पर चीटियों को मीठा आटा खिलाने से पाप धुलते हैं ।और सभी मनोकामना पूरी होती है।
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