Kailash Mansarovar Yatra 2025 Announced- हिंदू धर्म में धार्मिक यात्राओं को काफी महत्व दिया जाता है, जिनमें वैष्णो देवी की यात्रा, चार धाम यात्रा और मानसरोवर यात्रा का काफी महत्व है। साल 2019 में बंद कैलाश मानसरोवर यात्रा को इस साल अगले महीने यानी जून में एक बार फिर से शुरू किया जा रहा है।
पांच साल के अंतराल के बाद इस साल पवित्र कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू होने जा रही है, जिससे इस आध्यात्मिक यात्रा पर जाने के लिए उत्सुक श्रद्धालुओं में उम्मीद की किरण जगी है। भू-राजनीतिक और महामारी संबंधी चुनौतियों के कारण स्थगित की गई यह तीर्थयात्रा एव बार फिर दुनिया भर के साधकों के लिए अपने कठिन रास्ते खोल रही है।
कई लोगों के लिए, कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील की यात्रा महज़ एक तीर्थयात्रा नहीं है – यह एक गहन आंतरिक आह्वान है। लेकिन यह आह्वान अपनी चुनौतियों के साथ आता है। खराब मौसम की स्थिति, उच्च ऊंचाई और कठिन इलाके तैयारी को ज़रूरी बनाते हैं।
अगर आप इस साल तीर्थयात्रा करने की योजना बना रहे हैं, तो यहां आपको रूट, हेल्थ के लिए जरुरी आवश्यकताओं, परमिट और इस जीवन में एक बार होने वाले अनुभव का अधिकतम लाभ उठाने के लिए क्या पैक करना है और पूरी प्रकिया के बारे में सब कुछ जानने की ज़रूरत है।
Kailash Mansarovar Yatra 2025 Announced- अगले महीने से शुरू होगी कैलाश मानसरोवर यात्रा
कैलाश मानसरोवर यात्रा क्या है?
पांच साल के अंतराल के बाद इस साल कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू होगी। विदेश मंत्रालय (MEA) की घोषणा के अनुसार तीर्थयात्रा 30 जून से शुरू होगी। यह 2019 के बाद से बंद है, पहले कोविड-19 प्रकोप के कारण और बाद में भारत और चीन के बीच बिगड़े संबंधों के कारण।
Sacred Mount Kailash Journey to Resume After FIVE YEARS
The Kailash Mansarovar Yatra will start again in June, after a hiatus triggered by Covid and the Doklam stand-off. The pilgrimage at the Indo-China border is highly revered for Hindus, Buddhists, Jains, and others.
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— RT_India (@RT_India_news) May 19, 2025
कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील चीन के तिब्बत क्षेत्र (टीएआर) में कैलाश रेंज के भीतर स्थित हैं। यह तीर्थस्थल तिब्बती पठार के पश्चिम में, विशेष रूप से न्गारी प्रान्त में है। आध्यात्मिक रूप से यह महत्वपूर्ण यात्रा, दो से तीन सप्ताह तक चलती है, जिसे इस साल भक्तों के शुरू किया गया है। कुमाऊं मंडल विकास निगम को तीर्थयात्रा के संचालन का जिम्मा सौंपा गया है, जिसमें 250 लोग (प्रत्येक समूह में 50 लोगों के साथ पाँच समूह) भाग लेंगे।
यात्रा लिपुलेख दरें से होकर गुजरेगी, जो उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में 17,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। पांचों ग्रुप दिल्ली से रवाना होंगे और उत्तराखंड के चंपावत जिले के टनकपुर में एक रात, पिथौरागढ़ के धारचूला में एक और रात, गुंजी में दो रातें और नाभीडांग में दो रातें बिताने के बाद चीन के तकलाकोट में प्रवेश करेंगे।
कैलाश मानसरोवर की आध्यात्मिक महत्ता
मानसरोवर झील और निकटवर्ती कैलाश पर्वत, जिसे भगवान शिव और उनकी पत्नी देवी पार्वती का निवास माना जाता है, न केवल हिंदुओं के लिए बल्कि जैन, बौद्ध और तिब्बतियों के लिए भी अत्यधिक आध्यात्मिक महत्व रखते हैं। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह झील धरती पर प्रकट होने से पहले भगवान ब्रह्मा के मन में बनी थी।
ऐसा माना जाता है कि झील के पानी का एक घूंट और कैलाश पर्वत के आंतरिक और बाहरी कोर की परिक्रमा करने से व्यक्ति वर्तमान और अगले सौ जन्मों में किए गए पापों से मुक्त हो जाता है। इस तीर्थयात्रा को करना न केवल आत्मा को शुद्ध करने का एक साधन है, बल्कि मोक्ष प्राप्ति की दिशा में एक कदम भी है।
Gangtok, Sikkim: The Kailash Mansarovar Yatra is set to resume via Nathula Pass in Sikkim this June, ending a five-year suspension caused by the COVID-19 pandemic. With the first batch of pilgrims arriving in Gangtok on June 15 and the final batch on August 7, the total journey… pic.twitter.com/gBcoojDTzy
— IANS (@ians_india) May 19, 2025
ऐसा कहा जाता है कि आमतौर पर कैलाश मानसरोवर यात्रा करने के बाद एक व्यक्ति पूरी तरह से बदल जाता है। वह आध्यात्म के मार्ग पर चलने की कोशिश करने लगता है। यह तीर्थ स्थल जैन धर्म के अनुयायियों के लिए भी बहुत महत्व रखता है। अष्टपद पर्वत, जहाँ पहले तीर्थंकर ऋषभदेव ने निर्वाण या मोक्ष प्राप्त किया था, कैलाश पर्वत के करीब स्थित है।
खूबसूरत आध्यात्मिक यात्रा है कैलाश मानसरोवर
अगर आप सिर्फ ट्रैकिंग या किसी खूबसूरत जगह की तलाश में जा रहे हैं तो इस यात्रा पर मत जाइये। यह कोई ट्रिप नहीं है – यह एक तीर्थयात्रा है। कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए आस्था और विश्वास की आवश्यकता होती है। हालांकि सरकार के कुछ नियमों के अनुसार केवल 12 से 70 वर्ष की आयु के लोगों को ही यात्रा करने की अनुमति है।
कुछ विशेष स्थिति में डॉक्टर से जांच करवाने के बाद मेडिकल सर्टिफिकेट के आधार पर 70 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को भी अनुमति दी जाती है। सभी तीर्थयात्रियों की मेडिकल जांच होती है, जिससे यह पता चल जाता है कि वे कठोर जलवायु में जाने के लिए फिट हैं या नहीं।
कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए क्या पैक करें?
पूर्व में जा चुके तीर्थयात्रियों के अनुसार सभी तीर्थयात्रियों को कुछ जरुरी सामान अपने साथ रखना चाहिए। ये निम्न हैं –
- अच्छे गर्म और हवादार कपड़े पैक करें क्योंकि एक ही दिन में मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है।
- रेनकोट या वाटरप्रूफ जैकेट भी साथ जरूर रखें।
- स्नैक्स, मसालेदार नमकीन और जरुरी नाश्ते की चीजें अपने साथ रखें।
- अपने साथ डॉक्टर द्वारा निर्धारित ब्लड प्रेशर आदि की दवा के अलावा उल्टी, दस्त आदि की दवा भी रखें।
- इस यात्रा के लिए हाइकिंग बूट और बेहतरीन बैकपैक ले जाना ना भूलें।
- पानी पीने के लिए बढ़िया स्ट्रा वाली बॉटल ले जाएं।
- अँधेरे में चलने के लिए टॉर्च रखना बहुत ज़रूरी है। इससे शाम या रात के समय बाहर निकलते पर्याप्त रोशनी मिलेगी।
- लंबी पैदल यात्रा के लिए ट्रैवेल स्टिक साथ लेना ना भूलें।
इसके अलावा उन सभी जरुरी चीजों की लिस्ट जरूर बनाएं जिनकी जरुरत आपको कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान पहाड़ी इलाकों में पड़ सकती है। श्रद्धालुओं के बीच इस यात्रा को लेकर काफी ज्यादा उत्साह देखने को मिल रहा है। यात्रा के लिए भारत चीन सीमा पर तैयारी अपने अंतिम चरण में है और रास्ते को ठीक किया जा रहा है। नाथुला में भी श्रद्धालुओं के रुकने के लिए जरुरी निर्माण कार्य किया जा रहा है।
कैसे होगा यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन
Finally its happening ..
Best news for all Mahadev Bhakts …
After a five-year suspension, the Kailash Mansarovar Yatra is set to resume through the Nathula Pass in Sikkim starting June this year.The pilgrimage was put on hold following the 2017 Doklam standoff between India… pic.twitter.com/vPwHGu2aah
— AstroCounselKK 🇮🇳 (@AstroCounselKK) May 19, 2025
कोविड महामारी के कारण बंद हुई कैलाश मानसरोवर की यात्रा इस साल 30 जून 2025 से शुरू होने जा रही है। इस साल शुरू हो रही कैलाश मानसरोवर की यात्रा 23 दिन में पूरी की जाएगी। पहले इस यात्रा में 20 से 21 दिन ही लगते थे। वहीं साल 2025 में कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए श्रद्धालुओं को ज्यादा पैसे भी देने पड़ेंगे।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड के लिपुलेख से यात्रा करने पर एक श्रद्धालु को 1.84 लाख रुपए खर्च करने होंगे, जिसमें 95 हजार चीन की फीस होगी। वहीं अगर कोई श्रद्धालु मानसरोवर की यात्रा नाथुला से शुरू करेगा तो इस यात्रा के लिए उसे लगभग 2.84 लाख रुपये खर्च करने होंगे, जिसमें से 2.05 लाख रुपए तो सिर्फ चीन की फीस होगी।
अगर आप कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाना चाहते हैं और उसके लिए रजिस्ट्रेशन करवाना चाहते हैं तो इसके लिए कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए बनाई गई विदेश मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट https://kmy.gov.in/ पर जायें। वेबसाइट के माध्यम से आपको ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा। रजिस्ट्रेशन के लिए आपके पास पासपोर्ट और फिटनेस/ मेडिकल सर्टिफिकेट होना अनिवार्य है।
ऑफिसियल वेबसाइट -> kmy
इमेज सोर्स: Twitter
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