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ISRO Successfully Launches EOS 8 from SriHarikota: इसरो ने लांच किया भारत का सबसे छोटा रॉकेट, जानें इसकी कुछ खूबियां

ISRO Successfully Launches EOS 8 from SriHarikota: इसरो ने लांच किया भारत का सबसे छोटा रॉकेट, जानें इसकी कुछ खूबियां

ISRO Successfully Launches EOS 8 from SriHarikota

ISRO Successfully Launches EOS 8: भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो अपने कम लागत वाले और ऐतिहासिक लॉन्चिंग के लिए पूरी दुनिया में जानी जाती है। अब तक इसरो ने कम लागत वाले कई मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया है। इनमें चंद्रयान, मंगलयान के अलावा दुनिया के कई देशों के सैटेलाइट को भारतीय रॉकेट से स्पेस में पहुंचाने में कामयाबी पायी है।

Isro successfully launches eos 8
लॉन्चिंग पैड, श्रीहरिकोटा

आज 16 अगस्त को इसरो ने एकऔर उपलब्धि हासिल की। इसरो ने अपने तीसरे प्रयास में अब तक के सबसे छोटे रॉकेट SSLV-D3 से सैटेलाइट EOS-8 को लांच किया। इसरो की यह लॉन्चिंग प्रक्रिया श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से पूरी की गयी।

SSLV-D3 रॉकेट की खासियत

SSLV को स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल के रूप में जाना जाता है। D3 इसके थर्ड डिमॉनस्ट्रेशन फ्लाइट को बताता है। मतलब तीसरी बार यह लॉन्चिग की जा रही है। इसरो के मुताबिक इस रॉकेट से 500 kg या उससे कम वजन के सैटेलाइट को धरती की निचली कक्षा में भेजा जा सकता है।

 

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इसरो के मुताबिक SSLV रॉकेट की लंबाई 34 मीटर है। वहीं इसका वजन 120 टन है। यह 10 से 500 किलो तक के पेलोड्स को पृथ्वी के 500 km तक के ऑर्बिट में पहुंचा सकता है। SSLV की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसको सिर्फ 72 घंटे में लॉचिंग के लिए रेडी किया जा सकता है।

साथ में लांच हुई EOS-8 सैटेलाइट की खूबियां

इसरो की सैटेलाइट EOS-8 में तीन पेलोड हैं। इनको इसरो ने इलेक्ट्रो ऑप्टिकल इन्फ्रारेड पेलोड (EOIR), ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम-रिफ्लेक्टोमेट्री पेलोड (GNSS-R) और सिक यूवी डोजीमीटर (SiC UV Dosimeter) नाम दिया है। इस सैटेलाइट का मुख्य काम पृथ्वी की मॉनिटरिंग करना है।

Isro successfully launches eos 8
Eos-8 सैटेलाइट

यह सैटेलाइट पृथ्वी की मिट्टी की नमी के अलावा आग लगने और ज्वालामुखी विस्फोट का सूक्ष्म विश्लेषण करेगी। इसके अलावा यह इंफ्रारेड कैमरे से फोटो खींच कर भेजेगी। जिससे आपदाओं की सटीक जानकारी मिलेगी।


इसके अलावा इसरो की इस सैटेलाइट की मदद से कम्युनिकेशन के अलावा बेहतर नेविगेशन सपोर्ट भी मिलेगा। जिससे दूसरे देशों की नेविगेशन सिस्टम पर निर्भरता कम होगी। भारतीय स्पेस एजेंसी स्वदेशी जीपीएस को बेहतर बनाने पर तेजी से काम कर रही है। इस सैटेलाइट से जीपीएस और भी बेहतर हो जायेगा।

प्रधानमंत्री ने दी बधाई

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इसरो वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा कि इसरो ने बेहद कम लागत में इस मिशन को पूरा किया है। इससे आने वाले समय में स्पेस मिशन में बेहद मदद मिलेगी। सभी वैज्ञानिकों को बधाई।


इमेज क्रेडिट: Twitter 

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