ISRO Hits 100th Rocket Launch Milestone- भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से रॉकेट लॉचिंग का शतक लगा दिया है। इसरो ने जीएसएलवी GSLV-F15 रॉकेट के जरिए नेविगेशन सैटेलाइट (NVS-02) को बुधवार को लॉन्च किया।
ISRO Hits 100th Rocket Launch Milestone- इसरो ने लांच किया 100वां मिशन, NVS-02 नेविगेशन सैटेलाइट को किया लांच
इसरो ने अपने 100वें मिशन के प्रक्षेपण के साथ एक ऐतिहासिक उपलब्धि का जश्न मनाया। एक जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (जीएसएलवी) ने सुबह 6:23 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी, जो एनवीएस-02 नेविगेशन उपग्रह को कक्षा में ले गया।
जीएसएलवी-एफ15 भारत के जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (जीएसएलवी) की 17वीं उड़ान और स्वदेशी क्रायो चरण के साथ 11वीं उड़ान है। यह स्वदेशी क्रायोजेनिक चरण के साथ जीएसएलवी की 8वीं परिचालन उड़ान और भारत के स्पेसपोर्ट श्रीहरिकोटा से 100वां प्रक्षेपण है। जीएसएलवी-एफ15 पेलोड फेयरिंग एक धातु संस्करण है जिसका व्यास 3.4 मीटर है।
🌍 A view like no other! Watch onboard footage from GSLV-F15 during the launch of NVS-02.
India’s space programme continues to inspire! 🚀 #GSLV #NAVIC #ISRO pic.twitter.com/KrrO3xiH1s
— ISRO (@isro) January 29, 2025
जीएसएलवी-एफ15 एनवीएस-02 मिशन क्या है?
इसरो GSLV-F15 NVS-02 की मुख्य बातें: भारत ने श्रीहरिकोटा से 100वां प्रक्षेपण किया। NVS-02 भारत के नेविगेशन विद इंडियन कांस्टेलेशन (NavIC) सिस्टम का एक महत्वपूर्ण घटक है, जिसका उद्देश्य पूरे भारत में और इसकी सीमाओं से 1,500 किलोमीटर दूर तक सटीक स्थिति, वेग और समय (PVT) सेवाएं प्रदान करना है।
पूरी तरह स्वदेशी है NVS-02
स्वदेशी क्रायोजेनिक चरण वाले जीएसएलवी-एफ 15 ने एनवीएस-02 उपग्रह को कक्षा में स्थापित कर दिया। एनवीएस-02, एनवीएस श्रृंखला का दूसरा उपग्रह है, जो अपने पूर्ववर्ती-एनवीएस-01 की तरह सी-बैंड में रेंजिंग पेलोड के अलावा एल 1, एल 5 और एस बैंड में नेविगेशन पेलोड के साथ कॉन्फ़िगर किया गया है।
#100thLaunch:
Congratulations @isro for achieving the landmark milestone of #100thLaunch from #Sriharikota.
It’s a privilege to be associated with the Department of Space at the historic moment of this record feat.
Team #ISRO, you have once again made India proud with… pic.twitter.com/lZp1eV4mmL— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) January 29, 2025
इसे मानक 1-2क बस प्लेटफ़ॉर्म पर कॉन्फ़िगर किया गया है, जिसका लिफ्ट-ऑफ द्रव्यमान 2,250 किलोग्राम है और पावर हैंडलिंग क्षमता ~3 के डब्ल्यू है। इसे आईआरएनएसएस-1ए की जगह 111.75°ए पर रखा जाएगा। एनवीएस-02 सटीक समय अनुमान के लिये स्वदेशी और खरीदी गईं परमाणु घड़ियों के संयोजन का उपयोग करता है।
GSLV की रही अहम भूमिका
जीएसएलवी-एफ 15 भारत के जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (जीएसएलवी) की 17वीं उड़ान है और स्वदेशी क्रायो चरण के साथ 11वीं उड़ान है। यह स्वदेशी क्रायोजेनिक चरण के साथ जीएसएलवी की 8वीं परिचालन उड़ान है।
इसरो के अभी तक के मिशन में GSLV सैटेलाइट ने अहम भूमिका निभाई है। इस सैटेलाइट की मदद से इसरो ने कई महत्वपूर्ण मिशन को पूरा किया है। इसी क्रम में एनवीएस-02 उपग्रह को भी डिज़ाइन किया गया है। इसे अन्य उपग्रह-आधारित कार्य केंद्रों के सहयोग से यूआर उपग्रह केंद्र (यूआरएससी) में डिज़ाइन, विकसित और एकीकृत किया गया।
क्या काम करेगी सैटेलाइट?
GSLV-F15 रॉकेट के जरिए लॉन्च किया गया यह नेविगेशन सैटेलाइट (NVS-02) परिवहन में उचित ट्रैकिंग और मार्गदर्शन में मदद करेगा। हवाई और समुद्री यातायात को कुशलतापूर्वक ट्रैक करेगा।
सैन्य अभियानों को अंजाम देने के लिए सुरक्षित, स्थानीय नेविगेशन होने से रक्षा क्षमताओं को बढ़ाएगा। भारतीय उपमहाद्वीप के साथ-साथ भारतीय भूभाग से लगभग 1,500 किलोमीटर आगे के क्षेत्रों में उपयोगकर्ताओं (यूजर्स) को सटीक स्थिति, गति और समय की जानकारी प्रदान करेगी।
- NVS-02, एनवीएस को नेविगेशन सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए तैयार किया गया है।
- एनवीएस-02 उपग्रह परिवहन, रक्षा और रसद में मदद करेगा।
- नाविक के तहत दूसरी पीढ़ी के पांच उपग्रह शामिल हैं। इससे पहले 29 मई 2023 को एनवीएस-01 को जीएसएलवी-एफ 12 के जरिये लांच किया गया था।
- यूआर सेटेलाइट सेंटर द्वारा डिजाइन और विकसित एनवीएस-02 उपग्रह का वजन लगभग 2,250 किलोग्राम है। इसमें एनवीएस-01 की तरह सी-बैंड में रेंजिंग पेलोड के अलावा एल1, एल5 और एस बैंड में नेविगेशन पेलोड है।
- एनवीएस-02 उपग्रह परिवहन, रक्षा और रसद में मदद करेगा। यह कृषि, उपग्रहों के लिए कक्षा निर्धारण, मोबाइल उपकरणों में लोकेशन आधारित सेवाएं, आपातकालीन सेवाओं में भी मदद करेगा।
Congratulations to team @isro on achieving the stunning milestone of launching the 100th rocket today. This achievement is a testament to the unwavering commitment of our scientists to accelerate Bharat’s journey as a leader in space. pic.twitter.com/JPyNU3zAH9
— Amit Shah (@AmitShah) January 29, 2025
इसरो के इस 100वें मिशन पर पीएम मोदी सहित अमित शाह ने भी इसरो चीफ को बधाई दी है। 100 मिशन को सफलता पूर्वक पूरा करने पर इसरो को बहुत बहुत बधाई।
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