International Labour Day 2024: जब भी हम मजदूर शब्द सुनते हैं तो हमारे दिमाग में एक गरीब खेतों में काम करने वाला या ईंट उठाने वाला इंसान की छवि हमारे दिमाग में आती है, लेकिन मजदूर का अर्थ यह नहीं होता जो खेतों, या ईंट उठाने का कार्य करे बल्कि मजदूर का अर्थ हर उस व्यक्ति से होता है जो किसी भी संस्था के लिए काम करता है और उसके बदले पैसा लेता है।
मजदूर ही समाज का ऐसा विभिन्न अंग है जो किसी भी समाज को परिपक्व बनाता है, और समाज को सफलता की ओर लेकर जाता है। शारीरिक और मानसिक रूप से काम करने वाला हर एक इंसान मजदूर है जो अपने कार्य के बदले पैसे लेता है।
चाहे वह धूप में काम करने वाला इंसान हो या फिर ऑफिस में काम करने वाला कर्मचारी। आज के इस लेख में जानेंगे मजदूर दिवस क्यों मनाया जाता है?
International Labour Day 2024: जानिये क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय मजदूऱ दिवस?
1 मई 2024 को पूरे विश्व भर में अंतरराष्ट्रीय मजदूऱ दिवस, जिसे मई दिवस भी कहते हैं, मनाने की परंपरा है। केवल भारत ही नहीं बल्कि विश्व भर में मनाया जाने वाला मजदूर दिवस मजदूरों के सम्मान में मनाया जाने वाला बेहद ही महत्वपूर्ण दिन होता है, उन सभी मजदूरों के लिए जो अपने श्रम से किसी भी समाज, देश या संस्था के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
किसी भी समाज, देश, संस्था और उद्योग के लिए मजदूरों की अहम भूमिका होती है। मजदूरों की बड़ी संख्या समाज को आगे बढ़ाने के लिए एक साथ जुटी होती है। मजदूरों के बिना कोई भी औद्योगिक ढांचा खड़ा नहीं रह सकता।
जानिये कहाँ से हुई मजदूऱ दिवस की शुरूआत?
मजदूऱ दिवस की शुरूआत तब हुई थी जब 1 मई 1886 को अमेरिका में हुए घटनाक्रम ने श्रमिकों के अधिकारों को समर्थन देने और काम के समय को नियंत्रित करने की मांग की थी। उस दिन शिकागो की हे मार्केट में हड़ताल के दौरान बम विस्फोट हुआ था, जिसमें पुलिस ने श्रमिकों पर गोलियाँ चलाईं और कई श्रमिकों को मार दिया।
यह घटना श्रमिकों की आवाज को समर्थन मिलने के लिए महत्वपूर्ण थी।इसके परिणामस्वरूप, अमेरिका में बाद में 8 घंटे के काम का समय निर्धारित किया गया। वर्तमान में भारत और अन्य देशों में भी श्रमिकों के लिए यही समय निर्धारित है।
अंतरराष्ट्रीय मज़दूर दिवस का महत्व इस ऐतिहासिक घटना के साथ जुड़ा है, जो केल्ट बसंत महोत्सव के दौरान हुई थी। यह दिवस श्रमिकों के संघर्ष और उनके अधिकारों को समर्थन देने का प्रतीक है।
जानिये भारत में कब मनाया गया मजदूऱ दिवस?
भारत में 1 मई 1923 को, चेन्नई में, पहले “मद्रास दिवस” के रूप में मनाया गया था। इसे भारतीय मज़दूर किसान पार्टी के नेता कामरेड सिंगरावेलू चेट्यार ने शुरू किया था। उस समय, मद्रास हाईकोर्ट के सामने एक बड़ा प्रदर्शन हुआ और एक संकल्प पास किया गया कि भारत में इस दिन को “कामगार दिवस” के रूप में मनाया जाएगा और इस दिन को छुट्टी के रूप में घोषित किया जाए।
मजदूऱ दिवस 2024 थीम
हर साल मजदूर दिवस की थीम किसी न किसी उद्देश्य पर मनाई जाती है। आपको बता दे मजदूर दिवस 2024 की थीम “सभी के लिए सामाजिक न्याय और सम्मानजनक कार्य” पर रखी गयी है।
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