फैक्ट्स
Interesting Facts About Andes Mountain Range: दुनिया की सबसे लंबी पर्वत श्रृंखला के बारे में कुछ रोचक तथ्य
Interesting Facts About Andes Mountain Range: आज से लगभग 5 करोड़ साल पहले दो ओशनिक टैकटोनिक प्लेट्स के टकराव से दुनिया की सबसे लंबी माउंटेन रेंज का जन्म हुआ यह दो टैकटोनिक प्लेट्स थी नाज़का प्लेट और अंटार्कटिक प्लेट्स और टकराव के बाद हुए लगातार बदलाव से आज के एंडेज माउंटेन रेंज का जन्म हुआ।
एंडेज माउंटेन रेंज हमेशा से कई सभ्यताओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण रही है। जिसमें सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है इंका सभ्यता जिसका रहस्य आज तक वैज्ञानिक भी नहीं समझ पाए। तो चलिए आज हम आपको बताएंगे एंडीज पर्वत श्रृंखला के बारे में कुछ रोचक तथ्यों के बारे में।
Interesting Facts About Andes Mountain Range: जानिये एंडीज माउंटेन रेंज से जुड़े कुछ रोचक फैक्ट्स
1.दुनिया की सबसे लंबी पर्वत श्रृंखला
एंडीज पर्वत श्रृंखला दुनिया की सबसे लंबी पर्वत श्रृंखला है जो उत्तर से दक्षिण तक लगभग 7000 किलोमीटर तक फैली हुई है। आपको बता दें और इस पर्वत श्रृंखला सा देशों में फैला हुआ है जिनके नाम है वेनेजुएला, कोलंबिया, इक्वाडोर, बोलिविया, पेरू, चिल्ली और अर्जेंटीना।
2.एंडेज पर्वत श्रृंखला का निर्माण
ऐसा कहा जाता है कि आज से लगभग 5 करोड़ साल पहले दो ओशनिक टैकटोनिक प्लेट्स नाज्का प्लेट और अंटार्कटिका प्लेट के टकराव के परिणाम स्वरूप दुनिया की सबसे लंबी माउंटेन रेंज यानी कि एंडेज पर्वत श्रृंखला का जन्म हुआ।
3. एंडेज की सबसे ऊंची
एंडेज माउंटेन रेंज पर 20000 फीट की ऊंचाई से ऊपर लगभग 50 से ज्यादा शिखर मौजूद है। 22481 फीट यानी कि 6962 मीटर की ऊंचाई के साथ अर्जेंटीना में स्थित एकॉनकागुआ चोटी एंडेज की सबसे ऊंची चोटी है।
4. कई पारिस्थितिक तंत्रों का घर
एंडीज़ पर्वत कई तरह के पारिस्थितिक तंत्रों का घर है। यहाँ बर्फीली चोटियाँ, ऊँचे रेगिस्तान, बादल वाले जंगल और गर्म वर्षावन पाए जाते हैं। इस विविधता के कारण यहाँ अलग-अलग तरह के पौधे और जानवर रहते हैं।
5. जैव विविधता से भरपूर
एंडीज़ पर्वत जैव विविधता के मामले में दुनिया के सबसे धनी क्षेत्रों में से एक हैं। यह पर्वत, जो सिर्फ एक प्रतिशत भूमि क्षेत्र घेरते हैं, दुनिया के कुल पौधों का लगभग छठा हिस्सा अपने में समेटे हुए हैं। यहाँ कई अनोखी प्रजातियाँ पाई जाती हैं जो दुनिया में कहीं और नहीं मिलतीं।
6.एंडीज़ पर्वत का मौसम
एंडीज़ पर्वत का मौसम ऊँचाई और अक्षांश के आधार पर बहुत बदलता रहता है। यहाँ Atacama Desert जैसी जगहें हैं, जो दुनिया की सबसे सूखी जगहों में से एक है, और दूसरी ओर बादल वाले जंगल हैं जहाँ बहुत ज्यादा बारिश होती है।
7.आदिवासी संस्कृतियाँ
सदियों से, एंडीज़ पर्वत कई आदिवासी संस्कृतियों का घर रहे हैं। इसमें इंका साम्राज्य शामिल है, जो अमेरिका की सबसे प्रमुख प्राचीन सभ्यताओं में से एक है। इंका ने एंडीज़ की ढलानों पर ऐतिहासिक माचू पिचू का निर्माण किया था।
8.एंडीज़ पर्वत को खतरे
एंडीज़ पर्वत की प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता के बावजूद, इसे कई पर्यावरणीय खतरों का सामना करना पड़ रहा है। इनमें वनों की कटाई, खनन और जलवायु परिवर्तन शामिल हैं। ये खतरे इस अद्भुत पर्वत श्रृंखला के संरक्षण के लिए बड़ी चुनौतियाँ पैदा कर रहे हैं।
Image Credit: Wikipedia
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Facts About World’s Largest Antarctica Desert: दुनिया के सबसे बड़े रेगिस्तान से जुड़े कुछ अद्भुत रहस्य।
Facts About World’s Largest Antarctica Desert: क्या आपको पता है कि अंटार्कटिका जिसे आमतौर पर बर्फ की भूमि के नाम से जाना जाता है वह वास्तव में एक विशाल रेगिस्तान है।
जी हां, आपने सही सुना अंटार्कटिका दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान है जिसमें कई अद्भुत और अनोखे तथ्य छुपे हैं। आज हम आपको दुनिया के सबसे बड़े रेगिस्तान अंटार्कटिका से जुड़े 5 अद्भुत रहस्य बताएंगे जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे।
Facts About World’s Largest Antarctica Desert: दुनिया के सबसे बड़े रेगिस्तान, अंटार्कटिका से जुड़े 5 अद्भुत रहस्य
1.दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान
अंटार्कटिका रेगिस्तान को आमतौर पर बर्फ की वजह से केवल एक बर्फीला क्षेत्र माना जाता है, लेकिन असल में यह दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान है। रेगिस्तान की परिभाषा के अनुसार, यह एक ऐसा क्षेत्र होता है जहां बहुत कम बारिश होती है।
अंटार्कटिका में साल भर में केवल 200 मिमी से भी कम बारिश होती है, जिससे यह धरती का सबसे सूखा स्थान बन जाता है।
2.सबसे ठंडा स्थान
अंटार्कटिका रेगिस्तान धरती का सबसे ठंडा स्थान है। यहां अब तक का सबसे कम तापमान माइनस 128.6 डिग्री फारेनहाइट (माइनस 89.2 डिग्री सेल्सियस) दर्ज किया गया है, जो 21 जुलाई 1983 को वॉस्टोक स्टेशन पर मापा गया था।
इतनी कड़कड़ाती ठंड में जीवन का अस्तित्व मुश्किल हो जाता है, फिर भी कुछ विशेष जीव-जंतु और वनस्पतियाँ यहां जीवित रह पाती हैं।
3.अनोखी झीलें
अंटार्कटिका में कई अनोखी झीलें हैं, जो बर्फ के नीचे छिपी हुई हैं। सबसे प्रसिद्ध झीलों में से एक वॉस्टोक झील है, जो लगभग 4 किलोमीटर बर्फ की परत के नीचे स्थित है।
यह झील हजारों सालों से अलग-थलग है और वैज्ञानिकों का मानना है कि इसमें अनोखे और प्राचीन जीवों का अस्तित्व हो सकता है, जो दुनिया के अन्य हिस्सों में नहीं पाए जाते।
4.सक्रिय ज्वालामुखी
अंटार्कटिका बर्फ से ढका हुआ है, लेकिन यहां पर सक्रिय ज्वालामुखी भी हैं। सबसे प्रसिद्ध ज्वालामुखी माउंट एरेबस है, जो दुनिया का सबसे दक्षिणी सक्रिय ज्वालामुखी है। माउंट एरेबस में एक लावा झील भी है, जो इसको और भी रोमांचक बनाती है।
5.अद्वितीय जीव-जंतु
अंटार्कटिका रेगिस्तान में कई अद्वितीय जीव-जंतु पाए जाते हैं, जो कठोर परिस्थितियों में भी जीवित रहते हैं। यहां की सबसे प्रसिद्ध प्रजातियों में से एक है अडेली पेंगुइन, जो ठंड और बर्फीली हवाओं में भी जीवित रहने की क्षमता रखती है। इसके अलावा, वाडेल सील और अंटार्कटिक क्रिल भी यहां के महत्वपूर्ण जीव हैं, जो समुद्री जीवन का हिस्सा हैं।
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Image: Unsplash
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7 Interesting Facts About Goddess Katyayani: जानिए नवरात्रि के छठे दिन पूजी जाने वाली मां कात्यायनी के रूप से जुड़े कुछ रोचक तथ्य।
7 Interesting Facts About Goddess Katyayani: आज नवरात्रि का छठा दिन है और आज देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है। आपको बता दे देवी कात्यायनी नवदुर्गा के छठे स्वरूप में पूजनीय है। मान्यता के अनुसार मां दुर्गा ने यह रूप अपने परम भक्त ऋषि कात्यायन के लिए धारण किया था।
मां दुर्गा का छठा अवतार मानी जाने वाली माता कात्यायनी अत्यंत दिव्य और बलशाली मानी जाती है। आज हम आपको नवदुर्गा के छठे रूप देवी कात्यायनी के बारे में सात रोचक तथ्य बताएंगे, जो आपको माता कात्यायनी के महिमा से परिचित कराएंगे।
7 Interesting Facts About Goddess Katyayani: मां कात्यायनी के रूप से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
1.माता कात्यायनी की उत्पत्ति
पौराणिक कथाओं के अनुसार माता कात्यायनी देवी दुर्गा के छठे रूप में पूजी जाती हैं। कहां जाता है माता कात्यायनी का जन्म ऋषि कात्यायन के तप से हुआ था।
ऋषि कात्यायन ने उन्हें अपनी पुत्री के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तप किया था तब देवी ने ऋषि कात्यायन के यहां जन्म लिया था। कहा जाता है की देवी का नाम ऋषि कात्यायन के यहां जन्म लेने से उनका नाम देवी कात्यायनी पड़ा।
2.माता कात्यायनी का रूप
माता कात्यायनी चारभुजा वाली देवी है जिनका स्वरूप अत्यंत दिव्य और प्रभावशाली है। उनकी चार भुजाएं हैं जो शक्ति और संकल्प का प्रतीक मानी जाती हैं। इन चारभुजा में माता कात्यायनी तलवार, कमल, अभयमुद्रा और वरमुद्रा को धारण करती हैं।
देवी कात्यायनी द्वारा उनके चारों भुजाओं में धारण किए गए वस्तुओं का महत्व कुछ इस प्रकार से है-
तलवार- मां कात्यायनी की एक भुजा में तलवार होती है जो बुराई और अधर्म को नाश करने वाली है। तलवार देवी कात्यायनी के शक्ति और साहस का प्रतीक है।
कमल- माता कात्यायनी अपनी दूसरी भुजा में कमल धारण करती है जो उनकी कोमलता और दिव्यता को दर्शाता है और यह शांति और पवित्रता का प्रतीक है।
अभयमुद्रा- देवी कात्यायनी की तीसरी भुजा में अभय मुद्रा होती है जिससे मां कात्यानी अपने भक्तों को हर प्रकार के डर और संकट से मुक्त करती हैं। अभय मुद्रा सुरक्षा और निडरता का प्रतीक माना जाता है।
वरमुद्रा- चौथी भुजा में माता कात्यायनी वर मुद्रा को धारण करती हैं जिससे वे भक्तों की सभी इच्छाओं को पूर्ण करने का आशीर्वाद देती है और ये मां की दयालुता और करुणा का प्रतीक है।
3.महिषासुर मर्दिनी
देवी कात्यायनी को महिषासुर मर्दिनी भी कहा जाता है क्योंकि उन्होंने महिषासुर राक्षस का वध करने के लिए ऋषि कात्यायन की पुत्री के रूप में जन्म लिया था।
कथाओं के अनुसार माता कात्यायनी ने महिषासुर राक्षस का वध करके देवताओं को संकट से मुक्त किया था इसलिए उन्हें महिषासुर मर्दिनी भी कहा जाता है।
4.नवदुर्गा का छठा अवतार।
मां कात्यायनी को नवदुर्गा का छठा अवतार माना जाता है और नवरात्रि के छठे दिन माता कात्यायनी की पूजा की जाती है जिसका नवरात्रि के दिनों में बहुत ही विशेष महत्व होता है।
मां कात्यायनी को नवदुर्गा का अत्यंत दिव्य और बलशाली रूप माना जाता है जो नवदुर्गा के नौ रूपों के विभिन्न पहलुओं का प्रतिनिधित्व करती हैं।
5.ऋषि कन्या
देवी कात्यानी को ऋषि कन्या के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि उन्होंने ऋषि कात्यायन के पुत्री के रूप में जन्म लिया था। कहा जाता है की मां कात्यायनी की पूजा करने से अविवाहित कन्याओं को योग्यवर मिलता है इसलिए नवरात्रि में मां कात्यायनी की पूजा का विशेष महत्व होता है।
6.वेदों और शास्त्रों में उल्लेख।
माना जाता है की देवी कात्यायनी का उल्लेख प्राचीन हिंदू शास्त्रों जैसे वेदों और पुराणों में किया गया है। मान्यताओं के अनुसार मार्कंडेय पुराण के देवी के महात्म्य खंड में देवी कात्यानी द्वारा दुष्ट राक्षसों का वध करने का वर्णन सामने आता है।
7.मंत्र और पूजा।
देवी कात्यायनी नवदुर्गा के साहस और दिव्यता का प्रतीक मानी जाती हैं जिनकी पूजा नवरात्रि के दिनों में बहुत विशेष महत्व रखता है।
भक्तगण यदि नवरात्रि के छठे दिन में माता कात्यायनी के बलशाली मंत्र “ॐ देवी कात्यायन्यै नमः” का जाप करते हैं तो उन्हें माता कात्यायनी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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Image: Wallpaer Cave
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