Indrayani River Bridge Collapse: 15 जून 2025 को पुणे जिले के मावल तहसील के कुंडमाळा गांव में इंद्रायणी नदी पर बना 30 साल पुराना पैदल पुल भारी भीड़ के दबाव में अचानक टूट गया। उस वक्त पुल पर करीब 150 लोग और कई बाइक सवार मौजूद थे। हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक बच्चा भी शामिल है, जबकि 30 से ज्यादा लोग घायल हुए।
पुल की हालत पहले से खराब थी, लेकिन समय पर मरम्मत नहीं की गई। यह हादसा प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सुधारात्मक कदम उठाने की जरूरत है।
Indrayani River Bridge Collapse: कैसे हुआ हादसा?
यह हादसा रविवार को हुआ, जब बड़ी संख्या में पर्यटक और स्थानीय लोग कुंडमाळा के सुंदर घाट क्षेत्र में घूमने आए थे। दोपहर करीब 3:15 बजे, पुल पर लगभग 150 से ज्यादा लोग और दर्जनों बाइक सवार मौजूद थे।
Pune: Many Tourists Feared Drowned After Old Bridge Collapses Over Indrayani River at Kund Mala
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— Punekar News (@punekarnews) June 15, 2025
पुराना और जर्जर हो चुका यह पुल इतनी भारी भीड़ का भार सह नहीं सका और अचानक टूट गया। कई लोग पुल से सीधे इंद्रायणी नदी में गिर पड़े।
जाने कैसे प्रशासनिक लापरवाही और प्राकृतिक स्थितियाँ बनी हादसे का मुख्य कारण?
1. जर्जर और असुरक्षित पुल की हालत:
इंद्रायणी नदी पर बना यह पैदल पुल करीब 30 साल पुराना था और वर्षों से जर्जर हालत में था। ग्रामीणों और स्थानीय नागरिकों ने कई बार इसकी मरम्मत और पुनर्निर्माण की मांग की थी, लेकिन प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। न तो समय पर मेंटेनेंस किया गया और न ही इसे बंद किया गया।
2. भीड़ नियंत्रण का पूर्ण अभाव:
रविवार होने के कारण बड़ी संख्या में लोग पिकनिक के लिए घाट पर आए थे। भारी भीड़ पुल पर जमा हो गई, लेकिन वहां न तो कोई सुरक्षा व्यवस्था थी और न ही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस या प्रशासनिक तैनाती की गई थी। पुल पर बाइक और पैदल चलने वाले लोगों की संख्या क्षमता से कहीं अधिक हो गई थी।
3. बारिश और नदी का तेज बहाव:
हादसे से एक दिन पहले भारी बारिश हुई थी, जिससे नदी में तेज बहाव था। पानी का दबाव और पुल पर मौजूद लोगों का भार मिलकर इतनी अधिक ताकत बन गए कि कमजोर पुल इसे सह नहीं सका और टूट गया।
राहत और बचाव अभियान
हादसे के तुरंत बाद स्थानीय ग्रामीण, पुलिस, दमकल विभाग और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंचीं। नदी में गिरे लोगों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया जो रात तक जारी रहा।
Swift action, selfless service.
Upon receiving news of the Kundmala bridge collapse over Indrayani River in Pune District (Maharashtra) this afternoon, a #CRPF team from Group Centre Talegaon, Pune led by senior officers rushed to the spot -actively assisting #NDRF & local… pic.twitter.com/eqBYNljewx
— 🇮🇳CRPF🇮🇳 (@crpfindia) June 15, 2025
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लगभग 50 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
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4 लोगों की मौत की पुष्टि हुई, जिनमें एक 5 साल का बच्चा भी शामिल था।
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करीब 30 से ज्यादा लोग घायल हुए, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
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महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने हादसे पर दुख जताते हुए कहा कि यह प्रशासन की चूक है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जांच के आदेश दिए और मृतकों के परिवारों को मुआवज़े का आश्वासन दिया।
पुणे जिल्ह्यातील मावळ तालुक्यातील कुंडमळा येथे इंद्रायणी नदीवर बांधलेला जुना पूल कोसळून दुर्घटना घडली आहे. याठिकाणी फिरायला आलेले २५-३० पर्यटक हा पूल पडल्याने वाहून गेल्याची भीती व्यक्त केली जात आहे. एनडीआरएफची टीम घटनास्थळी पोहोचली असून बचावकार्य सुरू करण्यात आले आहे. मी स्वतः…
— Eknath Shinde – एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) June 15, 2025
- पुणे कलेक्टर की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय जांच समिति बनाई गई है जो इस हादसे के हर पहलू की समीक्षा करेगी।
क्या टल सकता था हादसा?
स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि यह हादसा रोका जा सकता था यदि पुल की समय पर मरम्मत हुई होती या फिर रविवार जैसे भीड़भाड़ वाले दिन पुल पर प्रवेश नियंत्रित किया गया होता। दरअसल, इस पुल को कुछ साल पहले ही “असुरक्षित” घोषित किया गया था, लेकिन इसे बंद करने या सुधारने की बजाय खुला छोड़ दिया गया।
Breaking!🚨
Bridge collapsed near Talegaon, Pune & 20 ~ 30 people were swept away in Indrayani River. Pray for them
Ples don’t ask any accountability related questions to the Govt, Amit Shah ji has already told, “Accidents happen & No one can stop them” 🙌 #Bridgecollapse pic.twitter.com/u9bMdoEW0u
— 𝗩eena Jain (@DrJain21) June 15, 2025
इंद्रायणी नदी पर हुआ यह हादसा सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और अव्यवस्था का नतीजा है। जिस पुल की हालत सभी को पता थी, उसे समय रहते बंद नहीं किया गया। नतीजा यह हुआ कि कई जिंदगियाँ उजड़ गईं। यह हादसा एक चेतावनी है कि आधारभूत संरचनाओं की समय पर देखरेख और सुरक्षा उपायों को नजरअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए। वरना ऐसी त्रासदियाँ दोहराई जाती रहेंगी।
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