Indian Spices Banned in Hong Kong: भारत पूरे विश्व में अपने देशी मसालों के कारण भी जाना जाता है। ये मसाले लोगों के बीच अपने स्वाद और औषधीय गुणों के लिए जाने जाते हैं। भारत में लगभग 40 से भी ज्यादा प्रकार के अलग-अलग मसाले पाए जाते हैं और इन सभी की अपनी एक अलग खूबी होती है।
जब भी भारत के स्वादिष्ट पकवानों की चर्चा होती है तो इन मसालों का भी जिक्र होता है। भारत में रसोई में उपयोग में लाये जाने वाले कुछ मसालों में हल्दी, धनिया , जीरा , लौंग , लाल मिर्च , कसूरी मेथी आदि मुख्य हैं।
Indian Spices Banned in Hong Kong:मसालों में मिली एथिलीन ऑक्साइड की अधिकतम मात्रा, हांगकांग ने किया बैन
भारत में मसालों को सूखे बीज, पत्तियों, फूलों, छाल, जड़ों, फलों के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। कुछ मसालों को तो पीसकर पाउडर के रूप में भी उपयोग करते हैं।
अर्थव्यवस्था में मुख्य भूमिका
भारत के मसाले अपने स्वाद के कारण पूरी दुनिया में फेमस हैं। यही कारण है कि भारत से मसालों को भारी मात्रा में एक्सपोर्ट किया जाता है। इससे ये मसाले भारत की आर्थिक व्यवस्था को मजबूती देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
भारत में पाए जाने वाले मसालों की क्वालिटी पूरी दुनिया में सबसे अच्छी मानी जाती है और अच्छे स्वास्थ्य के लिहाज से मसालों का सेवन भी बहुत लाभकारी होता है। यह मसाले इम्यूनिटी बढ़ाते हैं और कई सारे रोगों से हमारे शरीर को बचाते हैं।
क्यों किया गया बैन
भारत की फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया संस्था ( FSSAI ) कहती है कि हमें कभी भी खुले मसालों को नहीं खरीदना चाहिए। हमेशा प्रतिष्ठित ब्रांड के मसालों का ही उपयोग करना चाहिए। FSSAIके अनुसार खुले मसालों में केमिकल के अलावा हानिकारक तत्व भी मिले हो सकते हैं।
परन्तु भारत के दो बड़े मशहूर ब्रांड के कुछ मसाले हॉन्ग कॉन्ग की फूड सेफ्टी अथॉरिटी के टेस्ट में फेल हो चुके हैं। हांगकांग की फ़ूड अथॉरिटी ने इन मसालों के अंदर ऐसे तत्वों की ज्यादा मात्रा पायी है जिनसे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है। ये जानकारी मिलते ही फ़ूड अथॉरिटी ने हॉन्ग कॉन्ग में इन मसालों को बैन कर दिया है।
कौन से है वे ब्रांड
हांगकांग की फ़ूड अथॉरिटी ने भारत की MDH और Everest नामक दो दिग्गज ब्रांड के कुछ मसालों को टेस्ट के लिए भेजा था। नमूनों की जांच के बाद उनमे पेस्टीसाइड एथिलीन ऑक्साइड की मात्रा सामान्य से ज्यादा मिली, जोकि कैंसर का एक प्रमुख कारक है।
मसालों में MDH के मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला पाउडर, करी पाउडर और Everest के फिश करी मसाला के सैंपल के अंदर एथिलीन ऑक्साइड की मात्रा ज्यादा मिली। इसके बाद इनको पूरे देश में बैन कर दिया गया।
क्या होता है एथिलीन ऑक्साइड
एथिलीन ऑक्साइड एक कीटनाशक के रूप में प्रयोग किया जाता है। यह इतना ख़तरनाक होता है कि यह मनुष्य के डीएनए को भी नुकसान पहुँचा सकता है। लंबे समय तक एथिलीन ऑक्साइड के संपर्क में रहने से हमारी आंखों, त्वचा, नाक, गले और फेफड़ों में जलन हो सकती है और मस्तिष्क पर विपरीत असर पड़ सकता है।
विभिन्न संस्थानों की रिपोर्ट के मुताबिक एथिलीन ऑक्साइड को ग्रुप 1 कार्सिनोजेन में रखा गया है। ग्रुप 1 कार्सिनोजेन में ऐसे तत्वों को रखा जाता है जिनसे कैंसर होने की पुष्टि हो जाती है।
एथिलीन ऑक्साइड से इन चार प्रकार के कैंसर का खतरा ज्यादा रहता है –
- लिम्फोमा
- ल्यूकेमिया
- पेट का कैंसर
- ब्रेस्ट कैंसर
भारत में लगा हुआ है प्रतिबंध
भारत में किसी भी प्रकार के खाद्य पदार्थों में एथिलीन ऑक्साइड के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा हुआ है। भारतीय विदेश विभाग के अलावा भारत के दूतावास ने भी स्पष्ट कहा है कि यदि मसालों में हानिकारक तत्व पाए गए हैं और नमूने फेल हुए हैं तो कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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