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India to Develop Own Generative AI Model- DeepSeek और ChatGPT के बाद भारत भी बनाएगा एआई मॉडल, जानें कब तक होगा तैयार

India to Develop Own Generative AI Model- DeepSeek और ChatGPT के बाद भारत भी बनाएगा एआई मॉडल, जानें कब तक होगा तैयार

India to Develop Own Generative AI Model

India to Develop Own Generative AI Model- पिछले कुछ सालों में एआई का तेजी से विकास हुआ है। इंटरनेट की दुनिया में शायद ही कोई ऐसा होगा जो ChatGPT या एआई से अंजान हो।

अमेरिकी कंपनी OpenAI के ChatGPT के लॉन्च करने के बाद बहुत ही तेजी से अलग अलग तरह के एआई मॉडल को बनाया जा रहा है। इनमें कुछ तो ऐसे हैं जिनसे आप अपनी पसंदीदा इमेज और वीडियो को कुछ ही सेकेंड्स में बना सकते हैं।

India to Develop Own Generative AI Model- भारत भी बनाएगा DeepSeek और ChatGPT जैसा एआई मॉडल, 10 महीने में हो सकता है तैयार

India to develop own generative ai model

चीन ने भी बनाया है एआई मॉडल

पिछले 2–3 सालों में चीन ने टेक्नोलॉजी में काफी तेजी से काम किया है। कुछ समय पहले ही चीन ने जहां लेटेस्ट टेक्नीक वाले फाइटर जेट को दुनिया के सामने दिखाया था तो वहीं स्मार्टफोन और रोबोटिक्स की दुनिया में भी चीन ने कई अमेरिकी कंपनियों को कड़ी टक्कर दे रखी है। चीन अपने सस्ते AI मॉडल DeepSeek से OpenAI के चैट जीपीटी को कड़ी टक्कर दे रहा है।


इस बीच केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ओडिशा कॉनक्लेव में मीडिया को बताया कि दूसरे देशों पर निर्भरता को भारत जल्द ही खत्म करने के लिए तत्पर है। भारत का अपना एआई मॉडल 8 से 10 महीनों के अंदर बन कर तैयार हो सकता है।

कई कंपनियों से बातचीत हुई शुरू

केंद्रीय मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि भारत खुद का 15 हजार से 18 हजार जीपीयू वाला AI मॉडल अगले 8 से 10 महीनों में बना सकता है। इसके लिए 10 से ज्यादा प्रमुख टेक्नोलॉजी कंपनियों से सरकार की बात चल रही है। इन कंपनियों के डेवलपर्स 15 हजार से 18 हजार जीपीयू वाला एआई मॉडल बना सकते हैं।

India to develop own generative ai model

क्यों जरूरी हैं जीपीयू

आपको बता दें कि जब भी किसी नई कंप्यूटर लैंग्वेज को बनाया जाता है तो उसको सही से चलाने के लिए ग्राफिक्स की बहुत ज्यादा जरूरत पड़ती है। जैसे कई कंप्यूटर गेम को सही से चलाने के लिए एक बढ़िया ग्राफिक्स वाले कंप्यूटर की जरूरत पड़ती है।

उसी तरह से जितना कॉम्प्लेक्स नई लैंग्वेज का कोड होता है, उसे भी सही से चलाने के लिए बेहतरीन और हाइ ग्राफिक्स की जरूरत पड़ती है। भारत के अपने एआई मॉडल को बनाने के लिए पहले ही Nvidia के साथ डील हो चुकी है और एनवीडिया भारत के साथ मिलकर काम करने को बेहद उत्सुक है।

Reliance and nvidia partner for ai infra

भारत में ही होगा सर्वर

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि भारत के एआई मॉडल का सर्वर भारत के बाहर नहीं बनाया जाएगा। इसके सर्वर को भारत में ही स्थापित किया जाएगा। इसके लिए भी कई टेलीकॉम कंपनियों से बातचीत चल रही है।

चीन का DeepSeek है बेहद सस्ता

चीन ने अपने जेनरेटिव एआई मॉडल DeepSeek को अभी सबके लिए फ्री रखा है। बेहद सटीक आंसर के साथ DeepSeek अन्य कंपनियों जैसे – गूगल के Gemini, OpenAI के ChatGPT को कड़ी टक्कर दे रहा है।

एक ओपन सोर्स प्लेटफार्म पर बना चीन का DeepSeek अन्य एआई मॉडल की तुलना में बहुत तेज और यूजर फ्रेंडली है। आपको बता दें कि चीन ने अपने AI मॉडल DeepSeek को बहुत ही कम लागत में बना दिया है। इसे बनाने में लगभग 5 मिलियन डॉलर खर्च हुए हैं।

India to develop own generative ai model

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भारत के एआई मॉडल को भारत की भाषाओं के अनुसार बनाया जाएगा। यह अन्य AI मॉडलों से बहुत अलग होगा। आने वाले कुछ समय में भारत का खुद का एआई मॉडल पूरी दुनिया के सामने होगा जो भारत को टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक नई मजबूती प्रदान करेगा।


इमेज सोर्स: Twitter & Freepik

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