Increase Productivity Using Pomodoro Technique- भागदौड़ भरी और टेक्नोलॉजी वाली लाइफस्टाइल के समय में तेजी से काम करना हम सभी की जरूरत बन गया है। ऐसे में काम से हमारा ध्यान बार बार हटने लगता है।
जिसका असर ये होता है कि वर्किंग प्रोफेशनल के साथ साथ स्टूडेंट भी पढ़ाई में ध्यान नहीं दे पाते। ऐसे में एक ऐसी टेक्नोलॉजी भी मौजूद है जो लंबे समय तक हमारा फोकस बनाए रखने में काफी मददगार हो रही है।
विदेशों के साथ साथ भारत में भी इसका तेजी से उपयोग किया जा रहा है। इस पोस्ट में हम इसी खास टेक्नोलॉजी के बारे में बता रहे हैं जिसकी मदद से वर्किंग प्रोफेशनल के साथ साथ स्टूडेंट भी घंटों तक काम और पढ़ाई पर फोकस्ड रह सकते हैं।
Increase Productivity Using Pomodoro Technique- पोमोडोरो टेक्नीक से बढ़ाएं फोकस और प्रोडक्टिविटी
विभिन्न साइंटिस्टों के द्वारा इस टेक्नीक को बेहद प्रभावशाली माना गया है। इसका नाम पोमोडोरो टेक्नीक है और यह काम करने की क्षमता और एकाग्रता को बढ़ाने में बेहद मददगार साबित हो रही है। आइए जानते हैं कि आखिर यह पोमोडोरो टेक्नीक है क्या और इसका सही तरीके से कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है।
आखिर क्या है पोमोडोरो टेक्नीक
1980 में फ्रांसेस्को सिरिलो के द्वारा इस टेक्नीक को विकसित किया गया। बेहद ही आसान टेक्नीक होने की वजह से दिनोंदिन इसका यूज बढ़ता ही जा रहा है। ब्रेक के पैटर्न पर आधारित पोमोडोरो टेक्नीक के इस्तेमाल से जहां दिमाग को पर्याप्त आराम मिलता है तो वहीं काम में फोकस भी बना रहता है।
पोमोडोरो टेक्नीक कैसे काम करती है?
पोमोडोरो टेक्नीक के एक दो नहीं बल्कि पूरे 5 स्टेप्स होते हैं। इन सभी को एक के बाद एक करके पूरा करना होता है। सभी स्टेप्स को पूरा करने पर बॉडी और माइंड रिलैक्स्ड और फ्रेश महसूस करता है। ये स्टेप्स निम्न हैं –
- काम डिसाइड करना– जिस भी काम को पूरा करना है, उस काम को पहले से डिसाइड कर लेना चाहिए।
- 25 मिनट का टाइमर– इसमें काम को पूरा करने के लिए एक फिक्स 25 मिनट का टाइमर सेट किया जाता है।
- काम पूरा करने की कोशिश करना– टाइमर सेट करने के बाद पूरी कोशिश की जाती है कि हमारा काम 25 मिनट के टाइमर में पूरा हो जाय।
- ब्रेक लेना– टाइमर के खत्म होते ही 5 मिनट का एक छोटा ब्रेक लेना इस टेक्नीक का प्रमुख हिस्सा है।
- चार बार दोहराना– ऊपर के सभी स्टेप्स को चार बार लगातार पूरा करना।
चार बार स्टेप्स को दोहराने के बाद कम से कम 15 से 20 मिनट का एक लंबा ब्रेक लेना चाहिए। ब्रेक के समय में हल्की स्ट्रेचिंग के साथ टहलने की कोशिश करनी चाहिए। इन स्टेप्स को फॉलो करके आप बिना थकान के अपनी प्रोडक्टिविटी को बनाए रख सकते हैं।
बेहतरीन तरीके से काम करती है पोमोडोरो टेक्नीक
हमारी एक्टिविटी और फोकस को बढ़ाने का काम करने में यह टेक्नीक बहुत ही ज्यादा मददगार है। इसकी कुछ खूबियां इसे बेहतरीन बनाती हैं। इनमें से कुछ प्रमुख हैं –
टालमटोल को दूर करने में सहायक
किसी भी काम को शुरू करने से पहले हमारे मन में ये ख्याल जरूर आता है कि अभी थोड़ा रुक कर काम किया जाएगा। लेकिन पोमोडोरो में सिर्फ 25 मिनट के टाइमर में ही काम करने से हम टालमटोल की आदत से आसानी से छुटकारा पा सकते हैं।
फोकस रखने में मददगार
जब हम एक फिक्स टाइम में तेजी से काम करते हैं तो हमारा माइंड बहुत ही ज्यादा एक्टिव रहता है। इससे हमारा पूरा ध्यान सिर्फ काम पर ही केंद्रित रहता है। इससे हमारा फोकस बढ़ता है। फोकस बढ़ने के कारण ही हमारी प्रोडक्टिविटी में सुधार होता है।
मानसिक थकान को कम करने में उपयोगी
इस टेक्नीक के अनुसार काम करने से हम थोड़ी थोड़ी देर में ब्रेक लेते रहते हैं। इससे दिमाग पर ज्यादा जोर नहीं पड़ता और हमें मानसिक थकान महसूस नहीं होती। पोमोडोरो टेक्नीक के कारण ही हमारा माइंड दिन भर फ्रेश रहता है जिससे हम किसी भी काम को अच्छे से पूरा कर पाते हैं।
टाइम मैनेजमेंट इंप्रूव करने में मददगार
बड़े बड़े कामों को छोटे छोटे स्टेप्स में करने से हमारा टाइम मैनेजमेंट बढ़िया होने लगता है। टाइम मैनेजमेंट सही होने पर हम बड़े से बड़े काम को भी आसानी से पूरा कर सकते हैं।
पोमोडोरो टेक्नीक को डेली रूटीन में कैसे करें लागू
प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए यह टेक्नीक बेहतरीन तो है ही, साथ ही इसे आसानी से यूज भी किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि किन तरीकों से पोमोडोरो टेक्नीक को डेली रूटीन में शामिल कर सकते हैं।
- टाइमर का इस्तेमाल: स्टेप्स को फॉलो करने के लिए एक टाइमर घड़ी या ऐप या डिजिटल वॉच का उपयोग किया जा सकता है। टेक्नोलॉजी के समय में कई एंड्रॉयड और आईओएस ऐप भी मौजूद हैं जिनकी मदद से आप टाइमर सेट कर सकते हैं।
- डिस्ट्रैक्शन से दूर रहना: जब आप पोमोडोरो टेक्नीक की मदद से अपने कामों को पूरा करने जा रहे हों तो सभी प्रकार के डिजिटल और डिस्ट्रैक्शन वाले गैजेट को दूर रख दीजिए। एक बार में जिस काम को करना है, सिर्फ उसी को पूरा कीजिए। एक साथ मल्टीटास्किंग करने की कोशिश बिल्कुल ना करें।
- काम को प्रॉयोरिटी पर रखना: काम शुरू करने से पहले अपने सभी कामों की एक लिस्ट जरूर बनानी चाहिए। इससे काम को पूरा करने में आसानी होती है। साथ ही जरूरी कामों को भी समय पर पूरा किया जा सकता है।
- ब्रेक जरूर लेना: स्टेप्स को फॉलो करते हुए ब्रेक लेना बिल्कुल ना भूलें। ये आपकी एनर्जी को बूस्ट करने का काम करती है।
- काम को ट्रैक करना: इस टेक्नीक के साथ काम करते हुए अपने काम को भी ट्रैक करना बेहद जरूरी होता है। इससे जहां प्रोडक्टिविटी के पता चलता है तो वहीं कहां पर सुधार करने की जरूरत है, उसको भी मॉनिटर किया जा सकता है।
कौन कर सकता है पोमोडोरो टेक्नीक का इस्तेमाल
आज की भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल में इस टेक्नीक का यूज हर कोई कर सकता है। वह एक स्टूडेंट भी हो सकता है, एक राइटर भी हो सकता है। एक वर्किंग प्रोफेशनल के साथ साथ सॉफ्टवेयर डेवलेपर्स के लिए यह बहुत ज्यादा मददगार साबित होता है।
एक डेवलपर को स्क्रीन के सामने घंटों तक बैठना पड़ता है, इसीलिए डेवलेपर्स की थकान को कम करने का काम यह बड़ी ही आसानी से कर सकता है। पोमोडोरो टेक्नीक सिर्फ एक टेक्नीक नहीं है।
यह स्टूडेंट, वर्किंग प्रोफेशनल के साथ डेवलेपर्स के फोकस को, प्रोडक्टिविटी को बढ़ाने में बहुत ही मददगार साबित हो रहा है। इसीलिए इसका उपयोग विदेशों के साथ साथ भारत में भी तेजी से बढ़ रहा है। आप भी इसे अपनी डेली रूटीन में शामिल करके अपनी प्रोडक्टिविटी के साथ फोकस को बढ़ा सकते हैं।
इमेज क्रेडिट: Freepik
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ब्लॉगिंग को पैशन की तरह फॉलो करने वाले आशीष की टेक्नोलॉजी, बिज़नेस, लाइफस्टाइल, ट्रैवेल और ट्रेंडिंग पोस्ट लिखने में काफी दिलचस्पी है।