Importance Of Celebrating Dussehra Festival: जैसे कि हम सभी जानते हैं कि दशहरा एक ऐसा त्यौहार है जहां हम बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाने के लिए मां दुर्गा के 9 दिनों तक पूजा करते हैं। यह त्यौहार 9 दिनों तक चलता है जिसे नवरात्रि के रूप में जाना जाता है और दसवें दिन को विजयादशमी के रूप में जाना जाता है।
हिंदू धर्म में देवी दुर्गा शक्ति, मातृत्व, सुरक्षा और युद्ध का प्रतीक है। वेदों में देवी दुर्गा को अक्सर मां, शक्ति, महिषासुरमर्दिनी, देवी और चंडी के रूप से जाना जाता है।
कई सदियों से हम पूरे देश में दुर्गा पूजा मनाते आ रहे हैं लेकिन हम दशहरा क्यों मनाते हैं (Why Do We Celebrate Dussehra?) और इसका क्या महत्व (दशहरा का महत्व) है इन सब के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। हम आपको दशहरे से जुड़ी सारी जानकारी आज के इस पोस्ट में देंगे।
Why Do We Celebrate Dussehra? जाने क्यों मनाते हैं दशहरा।
दशहरा या विजयादशमी हिंदुओं का एक प्रमुख त्यौहार है अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को इसका आयोजन होता है। भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था और इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में भी मनाया जाता है। राम रावण युद्ध नवरात्र में ही हुआ था रावण की मृत्यु अष्टमी व नवमी के संधि काल में और दाह संस्कार दशमी तिथि को हुआ।
इसके बाद विजयादशमी मनाने का उद्देश्य रावण पर राम की जीत यानी असत्य पर सत्य की जीत के लिए मनाई जाती है। आज भी संपूर्ण रामायण की रामलीला नवरात्रों में ही खेली जाती है और दसवें दिन सांय काल को रावण का पुतला जलाया जाता है।
आपको बता दें दशहरा के इस पर्व को विजयादशमी भी कहा जाता है। इस त्यौहार में बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मानते हैं। आज के समय में भी यह बुराई पर अच्छाई की जीत का ही प्रतीक है, बुराई किसी भी प्रकार की हो सकती है जैसे क्रोध, ईर्ष्या, असत्य, दुख या फिर बैर इत्यादि।
किसी भी आंतरिक बुराई को खत्म करना भी एक आत्म विजय है और हमें प्रति वर्ष अपने में से इस तरह की बुराई को खत्म कर विजयादशमी के दिन इसका जश्न मनाना चाहिए। ऐसा करने पर एक दिन हम सभी अपने इंद्रियों पर नियंत्रण करने में सक्षम हो सकते हैं।
Importance Of Celebrating Dussehra Festival: दशहरा का महत्व।
यह बुरे आचरण पर अच्छे आचरण की जीत की खुशी में मनाया जाने वाला त्यौहार है सामान्यतः दशहरा एक जीत के जिसने के रूप में मनाया जाने वाला त्यौहार है जिसमें मान्यता सबकी अलग-अलग होती है जैसे किसानों के लिए यह नई फसलों के घर आने का जश्न है।
पुराने ज़माने के सैनिक इस दिन औजारों एवं हथियारों की पूजा करते थे क्योंकि वह इस युद्ध में मिलने वाली जीत के जश्न की खुशी में मानते थे। लेकिन इन सब के पीछे एक ही कारण होता है वह है “बुराई पर अच्छाई की जीत”।
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