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Holi Bhai Dooj 2025 Date And Muhurat: होली भाई दूज कब है 16 या 17 मार्च जाने सही तारीख व शुभ मुहूर्त के बारे में।

Holi Bhai Dooj 2025 Date And Muhurat: होली भाई दूज कब है 16 या 17 मार्च जाने सही तारीख व शुभ मुहूर्त के बारे में।

Holi Bhai Dooj 2025 Date And Muhurat

Holi Bhai Dooj 2025 Date And Muhurat: भाई दूज का पर्व हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष और कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है।

पंचांग के अनुसार, यह त्योहार वर्ष में दो बार—चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया और कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाया जाता है। यह दिन भाई-बहन के प्यार, स्नेह और एक-दूसरे के प्रति समर्पण का प्रतीक होता है।

Holi bhai dooj 2025 date and muhurat

इस साल होली भाई दूज 16 मार्च को मनाई जाएगी। ऐसे में बहनों के लिए यह जानना जरूरी है कि भाई को तिलक करने के लिए शुभ मुहूर्त कितनी देर तक रहेगा।

साथ ही, इस खास अवसर पर तिलक करने की परंपरा और उससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना भी आवश्यक है, जिससे यह पर्व और भी शुभ और मंगलमय बन सके।

Holi Bhai Dooj 2025 Date And Muhurat: भाई दूज तिलक का शुभ समय

इस साल भाई दूज 16 मार्च 2025 को मनाया जा रहा है। द्वितीया तिथि 15 मार्च दोपहर 2:33 पर शुरू हो रही है जिसका समापन 16 मार्च की शाम 4:58 पर होगा। तिलक का सबसे शुभ मुहूर्त सुबह 12:51 से दोपहर 12:59 तक का होगा।

भाईदूज तिलक की विधि

Holi bhai dooj 2025 date and muhurat

इस दिन यमुना स्नान का बड़ा महत्व है।अगर आप यमुना स्नान को नहीं जा सकते हैं तो घर पर ही गंगाजल मिले जल से स्नान कर सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें । तिलक की थाली में रोली, अक्षत ,कुमकुम, मिठाई , कलावा ,सुपारी या सूखा गोला रखें ।

भाई को तिलक करने से पहले गणेश जी का ध्यान करें। तिलक के शुभ मुहूर्त में भाई का तिलक कर उनके हाथ में कलावा बांधे और उन्हें सुपारी या गोला भेंट करें अब भाई का तिलक कर मिठाई खिलाकर उन्हें भोजन कराएं।

भाई दूज नियम

Holi bhai dooj 2025 date and muhurat

शास्त्रों की नियमानुसार भाई दूज पर भाई को तिलक लगाते समय दिशा का ध्यान जरूर रखें। भाई को तिलक करते समय भाई का मुंह उत्तर या उत्तर पश्चिम दिशा में होना चाहिए वही बहन का मुख उत्तर पूर्व या पूर्व दिशा में होना शुभ माना जाता है।

भाई की पूजा के लिए उन्हें चौकी पर बिठाए तिलक के बाद भाई की कलाई पर मौली बांधकर आरती उतारनी चाहिए। भाई दूज पर पूजा का सबसे शुभ समय दोपहर का होता है। ऐसे में दोपहर के शुभ मुहूर्त में तिलक करना चाहिए।

भाई दूज के लिए भाई बहन को आपस में बहस नहीं करनी चाहिए। बहनों को भाई से मिले उपहार का निरादर भी नहीं करना चाहिए। तिलक के समय भाई बहन दोनों को काले रंग के वस्त्र से परहेज करना चाहिए।

इस दिन झूठ नहीं बोले साथ ही भाई दूज के शुभ दिन पर भाई का तिलक करने के बाद ही भोजन करें । इस दिन बहनों को भाई का तिलक करने से पहले अपने इष्ट देवी देवताओं की आराधना जरूर करनी चाहिए ।

होली भाई दूज का महत्व

होली भाई दूज, जिसे “भैया दूज” या “यम द्वितीया” भी कहा जाता है, भाई-बहन के प्रेम और स्नेह को दर्शाने वाला एक विशेष पर्व है। यह त्योहार होली के दूसरे दिन मनाया जाता है और इसका धार्मिक व पारंपरिक महत्व है।

इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और सफलता के लिए प्रार्थना करती हैं और उन्हें तिलक लगाकर मिठाई खिलाती हैं। भाई भी अपनी बहनों को उपहार देकर उनके प्रति अपने प्रेम और रक्षा के संकल्प को व्यक्त करते हैं।

पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस दिन यमराज अपनी बहन यमुनाजी से मिलने आए थे, और उनकी बहन ने उन्हें प्रेमपूर्वक भोजन कराया और तिलक लगाया।

इसी कारण यह पर्व भाई-बहन के स्नेह के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। होली भाई दूज न केवल पारिवारिक रिश्तों को मजबूत करता है, बल्कि समाज में प्रेम और सद्भाव को भी बढ़ावा देता है।

Images-Unsplash

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