Happy New Year 2025 History: 31 दिसंबर 2024 का दिन खत्म होते ही रात 12:00 बजे दुनिया ने साल 2025 का स्वागत कर दिया है। हर साल 31 दिसंबर के दिन पुराने साल को अलविदा कह कर 1 जनवरी को नए साल का जश्न मनाया जाता है।
लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि 1 जनवरी से ही नए साल की शुरुआत क्यों होती है। तो आईए जानते हैं 1 जनवरी पर नया साल मनाने का क्या इतिहास है इसकी शुरुआत कहां से हुई और ये दिन कैसे इतना खास बन गया।
Happy New Year 2025 History: 1 जनवरी को क्यों मनाया जाता है नया साल?
45 ईसा पूर्व रोमन साम्राज्य में कैलेंडर का चलन हुआ करता था रोम के तत्कालीन राजा न्यूमा पोम्पीलियस के समय रोमन कैलेंडर में 10 महीने होते थे।
साल में 310 दिन और सप्ताह में आठ दिन कुछ समय बाद न्यूमा ने कैलेंडर में बदलाव कर दिए और जनवरी को कैलेंडर का पहला महीना माना 1 जनवरी को नया साल मनाने का चलन 1582 ई के ग्रिगेरियन कैलेंडर की शुरुआत के बाद हुआ।
जनवरी ऐसे बना साल का पहला महीना
1582 से पहले नया साल मार्च से बसंत ऋतु के आगमन पर शुरू होता था। लेकिन रोमन शासक न्यूमा के फैसले के बाद जनवरी से साल की शुरुआत होने लगी। दरअसल मार्च महीने का नाम रोमन देवता मार्स के नाम पर रखा गया था। जो युद्ध के देवता भी थे वही जनवरी रोमन देवता जीनस के नाम से लिया गया है। जिनके दो मुंह थे आगे वाला मुंह शुरुआत और पीछे वाला अंत माना जाता था।
न्यूमा ने साल के आरंभ के लिए शुरुआत के देवता जीनस का चयन किया और इस तरह जनवरी साल का पहला महीना बन गया कहा जाता है कि रोमन शासक जूलियस सीजर ने 1 जनवरी से नए साल की शुरुआत की थी दरअसल जूलियस सीजर को खगोल वेदों से मुलाकात करने के बाद ये पता चला कि पृथ्वी 365 दिन और 6 घंटे में सूर्य की परिक्रमा लगाती है।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने 310 की जगह साल में 365 दिन किया और इसी आधार पर जूलियन कैलेंडर में साल में 12 महीने स्थापित किए गए हालांकि साल 1582 में पोप ग्रेगरी को जूलियन कैलेंडर में लीप ईयर को लेकर एक गलती मिली थी बाद में इस बात पर ध्यान दिया गया और रोमन कैलेंडर में बदलाव करते हुए एक नया कैलेंडर ग्रिगेरियन कैलेंडर बनाया गया और तभी से हर साल 1 जनवरी से नए साल को मनाने की परंपरा की शुरुआत हुई।
New Year 2025: कैसे हुई न्यू ईयर रेजोल्यूशन की शुरुआत
दरअसल न्यू ईयर पर रेजोल्यूशन का चलन 5000 साल पुराना है। माना जाता है कि इसकी शुरुआत में मेसोपोटामिया के बेबीलोनिया सभ्यता के दौरान हुई थी।
जब नए साल के मौके पर वहां 12 दिन का त्यौहार मनाया जाता था इस मौके पर बेबीलॉन शहर के लोग एक दूसरे से वादा करते थे इसके तहत वो अपने राजा से वादा करते थे कि वो उन्हें समय पर कर्ज चुकाएंगे और अपने पड़ोसियों से अच्छे रिश्ते बनाने और खेती से जुड़े औजारों को वापस करने का वादा करते थे।
इसके अलावा प्राचीन रोम में भी नए साल पर लोग भगवान की आराधना कर उनसे अपनी जिंदगी बेहतर बनाने का वादा करते थे वहीं चीन में रेजोल्यूशन को गुड लक माना जाता था कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि रेजोल्यूशन का चलन आज से नहीं बल्कि हजारों साल पहले से चला आ रहा है।
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