Guru Purnima 2024 Date & Significance: हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुरु का स्थान सभी देवी-देवताओं से भी ऊपर माना गया है। हिंदू धर्म में तीनों देव ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश यानी त्रिदेव से भी ऊपर माना गया है गुरु को।
आपको बता दे हिंदू धर्म में आषाढ़ पूर्णिमा (Guru Purnima 2024) का बहुत ही ज्यादा महत्व माना गया है और इसी आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा और व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।
गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2024) के दिन गुरु की पूजा की जाती है और भारत में यह पर्व बहुत ही श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। तो चलिए आज हम आपको गुरु पूर्णिमा की तिथि और महत्व के बारे में बताएंगे।
Guru Purnima 2024 Date & Significance: जाने इस साल कब मनाया जाएगा गुरु पूर्णिमा?
हर साल आषाढ़ मास की पूर्णिमा के दिन गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2024 Date & Significance) का पर्व मनाया जाता है। इस बार गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई 2024 यानी कि रविवार को मनाया जाएगा। गुरु पूर्णिमा के दिन अपने गुरु का पूजन किया जाता है, उनका आशीर्वाद लिया जाता है और गुरु-शिष्य परंपरा में गुरु पूर्णिमा का दिन बहुत ही विशेष होता है।
गुरु पूर्णिमा का महत्व।
कहते हैं “गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा गुरु साक्षात परम ब्रम्ह, तस्मै श्री गुरुवे नमः” अर्थात गुरु ही ब्रह्मा गुरु ही विष्णु और गुरु ही महेश (यानी कि भगवान शंकर) है गुरु ही साक्षात पर ब्रह्म है और ऐसे गुरु को मैं प्रणाम करता हूं। सनातन धर्म में गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2024) को बहुत ही अधिक महत्व दिया गया है। गुरु पूर्णिमा के दिन को गुरु के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर माना गया है, क्योंकि गुरु ही है जो कि हमें आज्ञा के अंधकार से निकलकर ज्ञान रूपी प्रकाश में लेकर जाता है।
इसीलिए शास्त्रों में ऐसा कहा गया है की गुरु के बिना तो परब्रह्म और मोक्ष दोनों ही प्राप्त नहीं होता इसलिए गुरु हमारे जीवन में अत्यंत आवश्यक है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार ऋषि वेदव्यास जो की चारों वेदों के रचयिता थे, का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन ऋषि वेदव्यास जी की पूजा की जाती है हमें वेदों का ज्ञान देने वाले व्यास जी ही थे अतः व्यास हमारे आदि गुरु हुए।
ऋषि व्यास जी की स्मृति को बनाए रखने के लिए हमें अपने-अपने गुरुओं का ऋषि व्यास जी का अंश मानकर गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2024) के दिन पूजा करनी चाहिए। इस दिन केवल गुरु का ही नहीं बल्कि अपने से बड़े लोगों का जैसे की माता-पिता, भाई-बहन आदि को भी गुरु समान ही समझना चाहिए।
गुरु पूर्णिमा पूजा विधि।
गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2024) के दिन प्रातः स्नान आदि करके निमित्त होकर वस्त्र धारण करके गुरु के पास जाना चाहिए। गुरु को ऊंचे और सुसज्जित आसन पर बैठा करके उन्हें पुष्प माला पहनाने चाहिए। इस दिन गुरुओं को वस्त्र फल-फूल, माला, तथा धन आदि अर्पित करना चाहिए।
इस प्रकार श्रद्धा पूर्वक पूजन करने से गुरु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। गुरु के आशीर्वाद से ही विद्यार्थी को विद्या आती है और उसके हृदय का अज्ञान का अंधकार दूर होता है।
इसके अलावा प्रत्येक पूर्णिमा तिथि के दिन गंगा स्नान करना, दान पुण्य करना, श्री भगवान सत्यनारायण के पूजन,आदि का भी विशेष महत्व होता है। तो वहीं कुछ लोग इस दिन व्रत भी करते हैं जिससे सुख तथा सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
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