Google to Label AI Generated Images in Search Results: एआई के बढ़ते इस्तेमाल से हमें कभी कभी यह पता नहीं चल पाता है कि हम इंटरनेट पर जो तस्वीरे देख रहे हैं वो कैमरे से क्लिक की गई हैं या एआई की मदद से बनाई गई हैं।
ऐसे में गूगल अपने सर्च रिजल्ट में एक नया फीचर शुरू करने जा रहा है जिससे पता चल सकेगा कि इमेज किसी कैमरे से खींची गई है या एआई की मदद से बनाई गई है।
Google to Label AI Generated Images in Search Results: गूगल इमेज में अब एआई जेनरेटेड लेबल होगी इमेज
धोखाधड़ी और डीपफेक से बचने में कारगर
Google के मुताबिक इस फीचर से किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से बचने में मदद मिलेगी। वहीं जब इमेज का पता चल जायेगा तो डीपफेक वीडियो को भी आसानी से चेक किया जा सकेगा। अभी आपको इंटरनेट और यूट्यूब पर कई तरह की डीपफेक वीडियो देखने को मिल जाएगी जिसमें ऐसा लगता है कि एकदम ओरिजिनल हो।
गूगल लेंस और अन्य तरीकों की लेगा मदद
गूगल ने यह तो बता दिया है कि वह इस फीचर पर काम कर रहा है। परंतु इसको किस तरह से अप्लाई किया जायेगा, वह सिर्फ गूगल ही जानता है। गूगल इमेज को दुनिया के अलग अलग देशों में लोग सर्च करते हैं। इसलिए गूगल अपने सर्च रिजल्ट को बेहतर बनाने की कोशिश में लगा रहता है।
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एआई का इस्तेमाल भलाई में करना
गूगल के अलावा कई बड़ी दिग्गज टेक कंपनियां एआई को लगातार अपग्रेड कर रही हैं। इसके साथ ही इनका मानना है कि एआई का इस्तेमाल लोगों की भलाई के लिए और जीवन को आसान बनाने के लिए किया जाना चाहिए। ये एक उन्नत टेक्निक है और इससे किसी भी काम को आसान बना कर जल्दी किया जा सकता है।
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गूगल सर्च में हो रहा एआई का इस्तेमाल
जानकारी के लिए बता दें कि गूगल सर्च में AI Overview पहले से ही दिखाई दे रहा है। ऐसे में गूगल अब इमेज पर AI Generated इमेज का लेबल दिखाने वाला है। गूगल पर अरबों की संख्या में इमेज मौजूद हैं। ऐसे में गूगल अपने प्लेटफार्म के बैक एंड से इमेजेज को चेक करने का काम करेगा। इसके लिए Google, C2PA के ग्रुप में शामिल हुआ है।
क्या है C2PA
C2PA कई टेक कंपनियों का एक ग्रुप है जो डिजिटल मीडिया की हिस्ट्री और उसके सोर्स पर नजर रखने का काम करती है। इस ग्रुप में Adobe, Amazon, BBC, Intel, Microsoft, OpenAI और Truepic जैसी कई बड़ी और दिग्गज टेक कंपनियां शामिल हैं। अब गूगल भी इसमें शामिल हो गई है।
3. Watermark
To ensure transparency, any AI-generated content will be watermarked with SynthID.
YouTube will also label these creations clearly, informing viewers that they were generated with AI. pic.twitter.com/mc46NLKjA6
— AI Andy (@TheAIAndy) September 19, 2024
C2PA का मुख्य काम इंटरनेट पर मौजूद डिजिटल मीडिया के सोर्स का पता करना होता है। डिजिटल मीडिया इमेज और वीडियो सभी की जानकारी की जाती है। इसके लिए C2PA मीडिया के मेटाडाटा के अलावा AI के एडवांस्ड सिस्टम का भी उपयोग करता है। यही वजह है कि इन बड़ी बड़ी टेक कंपनियों के पास हर डिजिटल मीडिया का सोर्स और हिस्ट्री मौजूद है। फिर वो एआई से ही क्यूं ना बनाई गई हो।
गूगल करेगा वाटरमार्किंग
गूगल अपने डीपमाइंड टेक्निक और C2PA की मदद से इमेज के मेटा डेटा और पिक्सल को पहचान कर इमेज को आइडेंटिफाई करने का काम करेगा। एआई को लोगों की जिंदगी को आसान बनाने के लिए गूगल का यह बेहतर कदम है। उम्मीद है कि आने वाले समय में गूगल के इस फीचर से एआई का दुरुपयोग होने की संभावना कम होगी।
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ब्लॉगिंग को पैशन की तरह फॉलो करने वाले आशीष की टेक्नोलॉजी, बिज़नेस, लाइफस्टाइल, ट्रैवेल और ट्रेंडिंग पोस्ट लिखने में काफी दिलचस्पी है।