Golden Dome Missile Defense System- विश्व के कई देशों के बीच चल रहे युद्ध के कारण अब अमेरिका अपनी सुरक्षा बढ़ा रहा है। इसके लिए अमेरिका बेहद शक्तिशाली मिसाइल डिफेंस सिस्टम को डेवलप करने में लगा है। इसको गोल्डन डोम नाम दिया गया है।
इस पोस्ट में हम गोल्डन डोम से बारे में विस्तार से बता रहे हैं। इजरायली आयरन डोम की तरह ही अब अमेरिका मल्टी लेयर वाली मिसाइल डिफेंस सिस्टम को बनाने की तैयारी कर रहा है।
Golden Dome Missile Defense System- खतरनाक गोल्डन डोम से लैस होगा अमेरिका
क्या है गोल्डन डोम
गोल्डन डोम एक Multilayer Missile Defence System है जिसका काम अमेरिका को दुश्मन देशों की बैलिस्टिक, हाइपरसोनिक और बेहद खतरनाक क्रूज मिसाइलों के अटैक से बचाना है। इन खतरनाक मिसाइलों को दुनिया के किसी भी कोने से, समुद्र से या अंतरिक्ष से लॉन्च किया जा सकता है।
गोल्डन डोम की मदद से किसी भी तरह के मिसाइल हमलों को रोका जा सकता है। इस Multilayer Missile Defence System में कई सेंसर और इंटरसेप्टर मिसाइल्स होंगी जो किसी भी मिसाइल को हवा, पानी या आसमान में ही ट्रैक करके उसे नष्ट करने का काम करेंगी। इस डिफेंस सिस्टम की मदद से दुनिया के किसी भी ड्रोन को नष्ट करने या गिराने के लिए डिजाइन किया जा रहा है।
आयरन डोम से होगा ज्यादा पॉवरफुल
अमेरिका का गोल्डन डोम इजरायल के आयरन डोम की तरह ही होगा, लेकिन इसे इतना ज्यादा पॉवरफुल बनाया जाएगा कि यह किसी भी मिसाइल के अटैक को रोकने में सक्षम होगा।
कैसे शुरू हुआ डिफेंस प्रोग्राम
मिसाइल को हवा में ही ट्रैक करने का कॉन्सेप्ट सबसे पहले सेकंड वर्ल्ड वॉर के समय सोवियत संघ, अमेरिका और जर्मनी के साइंटिस्टों ने खोजा था। उनकी कल्पना थी कि एक ऐसी टेक्नीक डेवलप की जा सकती है जो किसी भी मिसाइल को हवा, पानी या आसमान में ही ट्रैक कर सके और उसे नष्ट कर सके।
हालांकि सेकंड वर्ल्ड वॉर के बाद जहां सोवियत यूनियन टूट गया तो अमेरिका इजरायल की मदद से आयरन डोम जैसे डिफेंस सिस्टम को बनाने में कामयाब रहा। सोवियत यूनियन के टूटने के बाद यूरोप के कई देश बने।
आज लगभग यूरोपीय देशों के साथ साथ रूस के पास भी अपना खुद का बेहद शक्तिशाली Defence System मौजूद है। भारत ने भी रूस से S–400 जैसा ताकतवर Missile Defence System खरीदा है, जिसकी क्षमता पूरे विश्व ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देखी।
गोल्डन डोम की प्रमुख खूबियां
अमेरिका ने गोल्डन डोम को विकसित करने का फैसला अचानक ही नहीं लिया है। इसके लिए अमेरिकी टैक्टिकल डिफेंस के डिप्टी चीफ Michael D. Griffin ने साल 2017 में ही इस कॉन्सेप्ट को तत्कालीन प्रेसिडेंट डोनॉल्ड ट्रंप के सामने रखा था। तब से लेकर अब तक इस मिशन पर लगातार काम चल रहा है।
इस दौरान कई मिसाइल टेस्ट फेल हुए तो कुछ पास भी हुए। अब जब ट्रंप फिर से अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं और उनके साथ Space X के फाउंडर एलन मस्क भी साथ हैं तो अमेरिका गोल्डन डोम को तेजी से डेवलप कर रहा है। आइए इस गोल्डन डोम की कुछ बेहतरीन खूबियों के बारे में जानते हैं जो इसे औरों से बेहतर बनाती हैं –
C2BMC (Command Control Battle Management Communication)
पूरे विश्व में सबसे आधुनिक कमांड बेस्ड टेक्नोलॉजी अमेरिका के ही पास है। इसकी मदद से वह डेटा कलेक्ट करते हैं और दुनिया के किसी भी कोने में मिसाइल और ड्रोन को लॉन्च कर सकते हैं। कहीं पर भी सैनिकों से बात करने और लाइव प्लानिंग में बेहद कारगर है।
NGI (Next Generation Interceptor)
बेहद उन्नत और अगली पीढ़ी की इन इंटरसेप्टर मिसाइलों का काम बैलिस्टिक मिसाइलों को नष्ट करने के लिए किया जाता है। ये कहीं से भी छोड़ी जा सकती हैं। वर्तमान में भारत, चीन, रूस, इजरायल, अमेरिका सहित कई देशों के पास इस तरह की इंटरसेप्टर मिसाइल मौजूद हैं।
PAC 3 MSE (Advanced Air Defense Missile)
गोल्डन डोम में ऐसी भी मिसाइलों को शामिल किया जा रहा है जो किसी भी मौसम में और सीधे किसी भी मिसाइल को रोकने में सक्षम है। यह बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों को रोकने में बेहद कारगर है।
SBIRS (Space Based-Infrared System)
यह एक ऐसा सिस्टम है जो किसी भी मिसाइल के हमला करने से पहले ही अलर्ट हो जाता है। इंफ्रारेड टेक्नोलॉजी पर काम करने वाले इस सिस्टम को स्पेस से मॉनिटर किया जाता है। अंतरिक्ष से ही यह दुनिया के किसी भी कोने में लॉन्च की जाने वाली मिसाइल को रोकने और नष्ट करने में बेहद कारगर है।
LRDR (Long Range Discrimination Radar)
अमेरिकी सेना के पास मौजूद यह बेहद मजबूत रडार सिस्टम है। लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों के अलावा यह अमेरिकी सेना के कई मिशन में उपयोग में लाया जाता है। इस रडार सिस्टम से बेहद सटीक जानकारी दुनिया के किसी भी कोने में कुछ सेकंड में पहुंचाई जा सकती है। इस रडार सिस्टम में मौजूद सेंसर किसी भी बैलिस्टिक मिसाइल को रोक सकता है।
Aegis Combat System
समुद्र में मौजूद अमेरिकी नौसेना पर तैनात इस कॉम्बैट सिस्टम से किसी भी मिसाइल और ड्रोन को मार गिराया जा सकता है। Aegis अपने सेंसर के एक साथ हवा और जमीन में अटैक करता है। समुद्र में तैनात यह अब तक का सबसे बेहतरीन कॉम्बैट सिस्टम है।
Sentinal A4 (Air and Missile Defense Radar)
जमीन से जमीन पर क्रूज मिसाइलों और ड्रोन को मार गिराने में यह रडार सिस्टम बहुत काम आता है। मिसाइल और ड्रोन को तुरंत ही ट्रैक करके उन्हें नष्ट करने के लिए इसमें शक्तिशाली सेंटिनल ए4 रॉकेट के अलावा मोर्टार और लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस लगी हैं जो ऑटोमैटिक एक्टिवेट हो जाती हैं।
THAAD (Terminal High Altitude Area Defense)
कम और मध्यम दूरी की मिसाइलों को रोकने के लिए इस डिफेंस सिस्टम को अमेरिकी सेना ने बनाया है। कम दूरी के लिए THAAD डिफेंस सिस्टम बेहद कारगर और प्रभावी है।
अंतरिक्ष और समुद्र से किए गए किसी भी मिसाइल या ड्रोन हमले को नाकाम करने के लिए इसे और भी बेहतर बनाया जा रहा है। THAAD में कई तरह की मिसाइलें लगाई जा रही हैं, जो आने वाले समय में इसे बेहद खतरनाक बनाने में सक्षम हैं।
फाइटर जेट्स
अमेरिका की नौसेना के पास एक से बढ़कर एक ऐसे फाइटर प्लेन मौजूद हैं जो किसी भी देश की सेना को हराने में सक्षम हैं। इनमें F–15, F-16, F-22, F-35 जैसे फाइटर जेट्स के अलावा CV-22 Osprey, Pave Hawk जैसे खतरनाक हेलीकॉप्टर मौजूद हैं।
अमेरिका के पास A-10C Thunderbolt, AC-130J Ghostrider जैसे अटैकिंग एयरक्राफ्ट तो है ही, इसके अलावा कई बेहतरीन बॉम्बर भी मौजूद हैं। इनमें B-1B Lancer, B2-Spirit, B-21 Raider और B-52H Stratofortress जैसे खतरनाक बॉम्बर विमान भी मौजूद हैं।
ये किसी भी देश को कुछ मिनटों में ही नष्ट करने का दम रखते हैं। अमेरिकी नौसेना के फिफ्थ जेनरेशन के कई फाइटर जेट भी मौजूद हैं और अब उन्हें अगली पीढ़ी के लिए तैयार किया जा रहा है।
दमदार एयरप्लेन भी हैं मौजूद
अमेरिकी सेना के पास कई बड़े एयरप्लेन भी मौजूद हैं जो सैनिकों को दुनिया के किसी भी कोने में लाने और ले जाने का काम करते हैं। इन बड़े एयरक्राफ्ट से बड़े बड़े टैंकर और हथियारों को भी कहीं भी पहुंचाया जा सकता है।
कई मिलिट्री एयरक्राफ्ट तो इतने बड़े और पॉवरफुल हैं कि उन्हें देखकर ही डर लगता है। अधिक जानकारी के लिए आप US Airforce की ऑफिशियल वेबसाइट विजिट कर सकते हैं।
Official Website ⇒ US Airforce
अमेरिका क्यों बना रहा है गोल्डन डोम
वर्तमान समय में दुनिया के कई देशों के पास परमाणु हथियार मौजूद हैं। इनमें से कई के पास तो बेहद ताकतवर बैलिस्टिक, क्रूज और हाइपरसोनिक मिसाइल भी हैं। ये कभी भी हमला करने में सक्षम हैं। ऐसे में अमेरिका खुद को और भी ज्यादा ताकतवर बनाने के लिए और देश की सुरक्षा के लिए गोल्डन डोम बना रहा है।
गोल्डन डोम के बनने के बाद कोई भी देश अमेरिका के ऊपर किसी भी तरह की मिसाइलों या ड्रोन से हमला नहीं कर पायेंगे। यह सभी हमलों को नाकाम करने में पूरी तरह से कारगर होगा।
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कितनी आयेगी लागत
अमेरिकी स्पेस फोर्स के जनरल माइकल गुटलिन की अगुवाई में गोल्डन डोम को बनाने का जिम्मा दिया गया है। आपको बता दें कि माइकल गुटलिन के पास डिफेंस सिस्टम और स्पेस ऑपरेशन का 30 सालों से भी ज्यादा का एक्सपीरियंस है।
रिपोर्ट के मुताबिक गोल्डन डोम को बनाने में लगभग 175 बिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत आएगी। इसे पूरा करने के लिए समय भी निर्धारित किया गया है। रक्षा एजेंसियों के अनुसार साल 2029 तक गोल्डन डोम बनकर तैयार हो जायेगा।
गोल्डन डोम में कई ऐसी मिसाइलें और डिफेंस सिस्टम भी लगाए जायेंगे जो अभी अमेरिकी सेना ने पब्लिक के सामने नहीं बताए हैं। अमेरिकी सेना के पास कई ऐसे भी खतरनाक मिसाइल और डिफेंस सिस्टम मौजूद हैं जिनके बारे में किसी भी देश को या खुफिया एजेंसी को भी नहीं मालूम है। इनका इस्तेमाल भी गोल्डन डोम प्रोजेक्ट में किया जा सकता है।
इमेज क्रेडिट: Lockheedmartin & Twitter
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ब्लॉगिंग को पैशन की तरह फॉलो करने वाले आशीष की टेक्नोलॉजी, बिज़नेस, लाइफस्टाइल, ट्रैवेल और ट्रेंडिंग पोस्ट लिखने में काफी दिलचस्पी है।