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Glacier Melting in India: पिघलते ग्लैशियर्स से बहुत बड़े ख़तरे की आहट,जानें कारण ।

Glacier Melting in India: पिघलते ग्लैशियर्स से बहुत बड़े ख़तरे की आहट,जानें कारण ।

Glacier Melting in India

Glacier Melting in India:समुद्र के बढ़ते जलस्तर से होने वाले खतरे पर आपने कई रिपोर्ट पढ़ी होंगी और देखीं होंगी लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर समुद्र का जलस्तर ऐसे ही बढ़ता रहा तो पूरी दुनिया समुद्र के पानी में डूब जाएगी ।और जब ऐसा होगा तो किसी का बचना मुश्किल हो जायेगा ।आपको बता दें के हम आपको किसी साइंस फिक्शन फिल्म की काल्पनिक कहानी नहीं सुना रहे बल्कि सच बता रहे हैं ।जिससे डरना चाहिए।

Glacier Melting in India: जानिए ISRO की रिपोर्ट ने क्या दावा किया।

Glacier melting in india

इसरो ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि किस तरह हिमालयी झीलों का आकार और जलस्तर साल दर साल बढ़ रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक साल 1989 में जो झील का आकार करीब 36.49 हेक्टेयर था, वो साल दर साल बढ़कर साल 2008 में 60.42 हेक्टेयर हो गया।

Glacier melting in india
Img: the news himachal

साल 2014 में हिमालय की यही झील 77.59 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली हुई थी, लेकिन साल 2020 में झीलों का आकार बढ़कर 95.02 हेक्टेयर हो गया और फिर साल 2022 में साल 1989 के मुकाबले करीब 3 गुना बढ़कर 101.30 हेक्टेयर हो गया.

इसरो ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि हिमालय की 601 झीलें दो गुना से ज्यादा बढ़ गई हैं. 10 झीलें ऐसी हैं जिनका आकार 1.5 से 2 गुना तक बढ़ा है. जबकि 65 झीलों का आकार 1.5 गुना बढ़ा है।

जानिए तेजी से ग्लेशियर पिघलने की वजह।

Glacier melting in india

ग्लेशियरों के तेजी से पिघलने का सबसे बड़ा कारण धरती का बढ़ता तापमान है. नासा के मुताबिक साल 1880 से अब तक धरती के औसत तापमान में 1.01 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई है. जो अगले दो दशक में 1.5 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है. धरती के बढ़ते तापमान का सीधा मतलब ये है कि आने वाले समय में ग्लेशियर और तेजी से पिघलेंगे. ग्लेशियर पिघलने से कई तरह के खतरे हैं.

इससे हिमालय में झीलों का जलस्तर बढ़ेगा जिससे झीलों के फटने का खतरा पैदा होगा. ऐसा अक्टूबर 2023 में हो भी चुका है. तब सिक्किम में लाहोनक झील के फटने से बड़ी तबाही मची थी. जिसमें 180 लोगों की जान चली गई थी. और करीब 5000 करोड़ रुपये का नुकसान भी हुआ था.

अब हिमालय में 600 से ज्यादा झीलों का आकार दोगुना हो गया है. ऐसा ग्लेशियर पिघलने की वजह से हुआ है जो खतरे का संकेत है. झील के फटने से नदियों में बाढ़ का खतरा पैदा हो जाएगा, झील का पानी लीक होने पर भूस्खलन होगा, झीलों का पानी समुद्र में चला जाएगा जिससे समुद्र का जलस्तर बढ़ जाएगा। एशियाई देशों में ताजे पानी का स्रोत ग्लेशियर हैं, इनके पिघलने से पीने के पानी का संकट पैदा हो जाएगा।

समुद्र का बढ़ता जलस्तर, बड़ा खतरा!

Glacier melting in india

आपको बता दें कि ग्लेशियरों के पिघलने का खतरा तो है ही, साथ ही समुद्र का बढ़ता जलस्तर भी खतरे का संकेत है। यूनाइटेड नेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक अगर समुद्र का जलस्तर ऐसे ही बढ़ता रहा तो साल 2100 तक पांच देश समुद्र में डूब जाएंगे या रहने लायक नहीं रहेंगे। विश्व बैंक और अन्य संगठनों को डर है कि बढ़ते समुद्री जलस्तर के कारण मालदीव साल 2100 तक समुद्र में डूब सकता है।

जाने धरती के तापमान को कैसे कम किया जा सकता हैं।

Glacier melting in india

जिस तरह धरती का तापमान बढ़ रहा है और ग्लेशियर पिघल रहे हैं वह चिंता की बात है और इसकी समाधान के लिए काम करने की जरूरत है समुद्र का बढ़ता जलस्तर धरती के विनाश का बड़ी वजह हो सकता है ऐसा धरती पर बढ़ते तापमान के वजह से होगा और धरती के तापमान में बढ़ोतरी की सबसे बड़ी वजह कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन है पिछले कुछ दशकों में दुनिया में वाहनों का इस्तेमाल बढ़ा है और हवाई जहाजों की संख्या में भी इज़ाफा हुआ है।

इसके अलावा बिजली बनाने के लिए कोयले के इस्तेमाल से पर्यावरण में ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा बढ़ी है। जिससे धरती का तापमान बढ़ रहा है। आपको बता दें कि यह चिंता का विषय है लेकिन धरती के बढ़ते तापमान को कैसे कम किया जा सकता है। उसके लिए कुछ अहम कदम उठाने होंगे जैसे कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन कम करना। पेट्रोल, डीजल, कोयले जैसे जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता कम करनी होगी। सौर पवन, परमाणु ऊर्जा जैसी हरित ऊर्जा को बढ़ावा देना होगा।

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Image Source: Unsplash 

 

 

 

 

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