Dev Uthani Ekadashi 2024 Paran Time: पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को देवउठनी और देवोत्थान एकादशी कहा जाता है। यह तिथि भगवान विष्णु की सबसे प्रिय तिथि है। इस दिन भगवान विष्णु चार माह के शयन के बाद जागते हैं।
इसी दिन से चातुर्मास का समापन होकर शुभ व मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है। शास्त्रों के अनुसार आप कोई भी व्रत करते हैं तो उसे पूरे विधि विधान से व्रत का पारण अवश्य करना चाहिए। तभी आपको व्रत का पुण्य प्राप्त होता है। आइए जानते हैं साल 2024 में देवउठनी एकादशी व्रत में पारण कब करे और क्या खाकर खोले व्रत।
Dev Uthani Ekadashi 2024 Paran Time: देवउठनी एकादशी व्रत खोलने का सही समय।
एकादशी के व्रत में पारण का विशेष महत्व होता है।पारण के बाद ही व्रत पूर्ण माना जाता है। साल 2024 में देवउठनी एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि के दिन 13 नवंबर सुबह 6:42 से सुबह 8:51 तक किया जाएगा। इस दिन व्रत खोलने के साथ ही दान धर्म के कार्य कर व्रत संपन्न होगा।
व्रत क्या खाकर खोले, पारण की विधि।
देव उठनी एकादशी व्रत का पारण कैसे करना चाहिए और क्या खाकर करना शुभ होता है, तो देखिए एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि को किया जाता है। इस दिन पारण का शुभ मुहूर्त देखकर पारण करें।व्रत के पारण वाले दिन प्रातः काल उठकर सभी कामों से निवृत हो जाए।और गंगाजल मिला जल से स्नान करें।
अब तांबे के लोटे में जल लेकर सूर्य देव को “ॐ सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करते हुए अर्घ्य दें। इसके बाद पुनः भगवान विष्णु की विधिवत पूजा भोग लगाए। पूजा करने के बाद अपनी समर्थ अनुसार जल, फल, वस्त्र ,अनाज आदि कुछ ना कुछ दान अवश्य करें।
इसके बाद प्रसाद स्वरूप जल या पंचामृत, तुलसी का पत्ता फल या फिर भोग लगाया हुआ चरणामृत ग्रहण कर व्रत खोलना चाहिए। ध्यान रखें की व्रत हमेशा मीठी चीज का सेवन कर ही खोलना चाहिए। नमक संबंधी चीजों से व्रत नहीं खोलना चाहिए।
देवउठनी एकादशी 2024 पर क्या नहीं करना चाहिए।
देवउठनी एकादशी – व्रत कब खोलें।
शास्त्रों के अनुसार एकादशी व्रत का पारण या व्रत खोलने की विधि द्वादशी तिथि में ही करनी चाहिए।हालांकि एकादशी व्रत का दान आप एकादशी या द्वादशी दोनों तिथियां में कर सकते हैं। लेकिन व्रत द्वादशी के दिन ही खोला जाता है।
इस बात का भी ध्यान रखें की द्वादशी तिथि की पहली एक चौथी अवधि को हरि वासर कहा जाता है ।इस दौरान एकादशी का पारण करना अशुभ माना जाता है एकादशी व्रत का पारण द्वादशी के दिन हरि वासर समाप्त होने के बाद ही करना चाहिए।
दान क्या करें क्या ना करें।
भगवान से पूजा में हुई जाने अनजाने गलतियों के लिए क्षमा मांगे। पूजा के बाद प्रसाद बांटे और खुद भी ले।इस दिन के किसी गौशाला में गायों की देखभाल के लिए दान जरूर करना चाहिए।
साथ ही जरूरतमंद लोगों को धन, अनाज, कपड़े आदि चीज उपहार में दे। इस दिन वह चीज दान ना करें जिसका इस्तेमाल आप खुद ना करते हो। इस दिन किसी को सड़ा गला चीज और फटे कपड़े ना दान करें।
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देवउठनी एकादशी पर करें ये उपाय!!
पल्लवी को लाइफस्टाइल की अच्छी समझ है, वह हेल्थ, लाइफस्टाइल, मनोरंजन से संबंधित पोस्ट लिखना पसंद करती हैं।