Crude Oil Price Impact on India: बीते 13 अप्रैल से ईरान और इजराइल के बीच शुरू हुए आपसी तनाव और युद्ध ने पुरी दुनिया में एक अलग तरह का संकट पैदा कर दिया है। इससे इन देशों से होने वाले आयात और निर्यात दोनों पर असर पड़ रहा है।
इस युद्ध से सिर्फ ईरान और इजराइल ही प्रभावित नहीं होंगे। इसका असर दुनिया के कई देशों पर भी पड़ सकता है और भारत उनमें से एक प्रमुख देश है। जहाँ एक ओर ईरान और उसके सहयोगी देशों से क्रूड ऑयल का बड़े पैमाने पर एक्सपोर्ट किया जाता है।
अब ईरान और इजराइल के बीच युद्ध होने की स्थिति में कच्चे तेल की कीमतों में अभूतपूर्व बढ़ोतरी देखी जा सकती है। वही भारत और एशिया के कुछ देशों से ईरान में सामानों के इम्पोर्ट में भी कमी आ सकती है।
Crude Oil Price Impact on India: कच्चे तेल की कीमतों में उछाल का भारत पर असर
क्रूड आयल की कीमतों में लगातार उछाल
अगर हम कच्चे तेल की कीमतों की बात करें तो यह रूस और यूक्रेन युद्ध के बाद से ही लगातार बढ़। इस साल 2024 में कच्चे तेल की कीमतों में अब तक लगभग 15 से 16 प्रतिशत की वृद्धि हो चुकी है। अभी तक क्रूड आयल की कीमत 87 से 91 डॉलर प्रति बैरल के बीच में है। अगर ईरान और इजराइल में युद्ध लंबा चलता है तो इसकी कीमतों में और भी ज्यादा वृद्धि देखने को मिल सकती है।
पेट्रोलियम उत्पादों में कमी ना होना
वर्तमान में लोगों के बीच इलेक्ट्रिक व्हीकल का क्रेज बढ़ रहा है और लोग EV का इस्तेमाल भी कर रहे हैं। परन्तु इनके इस्तेमाल के बावजूद भी पेट्रोलियम उत्पादों की खपत में कोई विशेष कमी नहीं आयी है। अगर भारत की बात करें तो देश में क्रूड आयल के इंपोर्ट में वृद्धि लगातार हो रही है।
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ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड के द्वारा उतना तेल का उत्पादन नहीं हो पा रहा है जितना देश में जरूरत है। ये भी एक प्रमुख वजह है कि भारत को मिडिल ईस्ट देशों से कच्चे तेल को इम्पोर्ट करना पढ़ रहा है।
भारत पर सीधा असर
वैसे अगर भारत की कच्चे तेल पर निर्भरता देखें तो यह पूरी दुनिया में कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है और लगभग 80 परसेंटेज से ज्यादा तेल को आयात करता है। अब जब ईरान और इज़राइल में युद्ध हो रहा है तो कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी निश्चित है और इससे भारत में विभिन्न वस्तुओं के दाम बढ़ सकते हैं।
निर्यात पर असर
ईरान और इज़राइल में युद्ध के चलते कई तरह के सामान जो भारत से ईरान निर्यात होते थे, उनमें भी कमी देखने को मिल सकती है। इन सामानों में बासमती और चाय प्रमुख हैं। इससे भारत के विदेशी मुद्रा भंडार पर भी असर पड़ने की संभावना है। इसके अलावा रूपये की कीमतों में भी परिवर्तन देखने को मिल सकता है।
पूरे विश्व में कही पर भी युद्ध होता है तो उसका असर विश्व के सभी प्रमुख देशो और उनकी अर्थव्यवस्था पर देखने को मिलता है। इस समय रूस-यूक्रेन और ईरान-इजराइल के बीच हो रहे युद्ध का सीधा असर विश्व के प्रमुख देशों की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है। उम्मीद है कि यह युद्ध जल्द ही समाप्त हो जाय और बहुत लंबा ना चले।
इमेज क्रेडिट: Freepik
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ब्लॉगिंग को पैशन की तरह फॉलो करने वाले आशीष की टेक्नोलॉजी, बिज़नेस, लाइफस्टाइल, ट्रैवेल और ट्रेंडिंग पोस्ट लिखने में काफी दिलचस्पी है।