Chief Justice DY Chandrachud Retires: भारत के मुख्य न्यायाधीश का पद जितना गरिमामयी होता है। चीफ जस्टिस के ऊपर उतनी ही बड़ी जिम्मेदारी होती है। चीफ जस्टिस को कई ऐसे अधिकार भी मिलते हैं जिनके कारण वह भारत के किसी भी जज या न्यायालय के फैसले को बदल सकते हैं। इसके अलावा कई महत्वपूर्ण मुकदमों की सुनवाई भी सिर्फ चीफ जस्टिस और उनकी बेंच ही सुनाती है।
भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में आज 8 नवंबर को उनके काम का अंतिम दिन था। इसके साथ ही CJI चंद्रचूड़ का विदाई समारोह भी आयोजित किया गया। जिसमें देश के मुख्य न्यायाधीश ने अपने जीवन से जुड़े कई किस्सों को लोगों के साथ साझा किया।
Chief Justice DY Chandrachud Retires: विदाई समारोह में भावुक हुए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़
पिता की सीख को किया याद
CJI चंद्रचूड़ ने विदाई समारोह में अपने पिता के अनुशासन को याद करते हुए कहा कि मैं आज जो भी बन पाया, उसमें पिता के अनुशासन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके सिखाए अनुशासन की वजह से ही मुझमें इतनी हिम्मत आती थी कि मैं कठिन से कठिन फैसले ले पाया। इसके अलावा मेरे परिवार ने भी कई मौकों पर मेरा साथ बखूबी दिया।
#WATCH | While addressing his farewell function, Chief Justice of India DY Chandrachud says “He (my father) bought this small flat in Pune. I asked him, why on earth are you buying a flat in Pune? When are we going to go and stay there? He said, I know I’m never going to stay… pic.twitter.com/6nqbSH7HKk
— ANI (@ANI) November 8, 2024
ट्रोलिंग से हुए मशहूर
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को उनके कड़े फैसलों के कारण काफी बार सोशल मीडिया पर ट्रोल किया गया। ट्रोल किए जाने के बावजूद चीफ जस्टिस ने हमेशा बिना किसी से डरे कई महत्वपूर्ण फैसले सुनाए। (Chief Justice DY Chandrachud Retires)
चीफ जस्टिस ने कहा कि एक जज होने की वजह से हमारा यह पहला कर्तव्य हैं कि हम समाज में फैल रही गलत विचारों और मानसिकताओं को कड़ाई से दूर करें। फिर चाहे उसके लिए कोई हमें ट्रोल ही क्यूं ना करे। बेहतर समाज ही पूरे देश को आगे ले जा सकता है।
जज के फैसले से पड़ता है प्रभाव
अपने विदाई समारोह में जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि एक जज के फैसले का सीधा असर आम नागरिक की जिंदगी पर पड़ता है। हमें हमेशा यह चिंता रहती है कि अगर हमने गलत फैसला सुना दिया तो उसकी वजह से कितनी जिंदगियां संवर सकती हैं या बिगड़ सकती है।
Chief Justice DY Chandrachud Retires: अभी हाल ही में बाल अपराधों और परीक्षा से जुड़े मुकदमों में फैसला सुनाया जिसकी पहले तो आलोचना हुई, लेकिन बाद में जब लोगों को इन बातों की गंभीरता का अहसास हुआ तो उन्होंने इसकी प्रशंसा भी की। यही बातें हमें अंदर से मजबूत करती हैं और हम कड़े फैसले ले पाते हैं।
CJI चंद्रचूड़ के कई बड़े फैसले
चीफ जस्टिस ने कई बड़े और अहम केसों की सुनवाई की है। आइए जानते हैं कि इन मुकदमों ने भारत की तस्वीर कैसे बदली।
अयोध्या राम मंदिर
भारत के इतिहास में इससे चर्चित शायद ही कोई मुकदमा हो। राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अहम फैसला सुनते हुए विवादित भूमि को ट्रस्ट को देने का अभूतपूर्व फैसला सुनाया था। इसके बाद ही अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण संभव हो सका।
धारा 370
सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की बेंच ने विशेष राज्य का अधिकार देने वाली धारा 370 को हटाने के केंद्र सरकार के फैसले को सही ठहराया। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की वजह से जम्मू कश्मीर में आज धारा 370 हट चुकी है और धीरे धीरे वहां विकास के कई कामों की शुरुआत हो चुकी है। (Chief Justice DY Chandrachud Retires)
इलेक्टोरल बॉन्ड को रद्द करना
चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ के साथ पांच अन्य जजों की पीठ ने चुनावों में इलेक्टोरल बॉन्ड के उपयोग पर रोक लगाई। कोर्ट ने बैंकों को भी यह निर्देश दिया कि वे ऐसी किसी भी बॉन्ड की जानकारी तुरंत ही चुनाव आयोग को दें। इससे निष्पक्ष चुनाव कराने में मदद मिलेगी।
बाल विवाह अधिनियम में बदलाव
भारत में लगातार बढ़ रही बाल विवाह की खबरों के बीच CJI डीवाई चंद्रचूड़ और उनकी पीठ ने बाल विवाह अधिनियम में कई बदलाव करते हुए बाल विवाह को रोकने के कड़े निर्देश राज्यों की सरकारों और पुलिस को दिए।
नीट परीक्षा दुबारा कराने पर लगाई रोक
पूरे देश में होने वाली नीट यूजी परीक्षा में कई प्रकार की नकल सामग्री मिलने और छात्रों के व्यापक प्रदर्शन के बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने नीट की परीक्षा को दुबारा कराने या रद्द करने से साफ इंकार कर दिया था। हालांकि इस फैसले से जजों को काफी ट्रोल किया गया। लेकिन चीफ जस्टिस और उनकी बेंच ने अपना फैसला नहीं बदला।
मणिपुर मामला
मणिपुर में महिलाओं पर हो रही हिंसा और बाद में उसका वीडियो सोशल मीडिया पर फैलाने पर चीफ जस्टिस ने खुद से ही मामले में हस्तक्षेप किया। बाद में तीन महिलाओं की विशेष समिति बनाकर मणिपुर में हो रही हिंसा की पूरी जानकारी ली। (Chief Justice DY Chandrachud Retires)
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चाइल्ड एब्यूज मामला
चीफ जस्टिस ने बाल अपराधों के साथ साथ बाल यौन अपराधों पर भी लगाम लगाते हुए ऐतिहासिक फैसला सुनाया। इसमें किसी के भी डिजिटल डिवाइस में आपत्तिजनक वीडियो पाए जाने पर या ऐसे वीडियो डाउनलोड करने पर सजा का प्राविधान किया।
सीएए एनआरसी विवाद
बाहर से आकर भारत में बसने वालों के लिए लाए गए CAA NRC बिल को भी मंजूरी सुप्रीम कोर्ट की वजह से ही मिल पाई। इसमें सभी के लिए समान अधिकार की बात किया है। फिर चाहे वह हिन्दू, मुस्लिम, पारसी, जैन, बुद्धिस्ट या किसी भी सम्प्रदाय के क्यों ना हों।
सबरीमाला मंदिर में महिलाओं का प्रवेश
CJI चंद्रचूड़ ने मंदिरों में महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक को खत्म करते हुए कहा कि मंदिरों में महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगाना उनकी गरिमा और संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ है। इससे समाज में एक गलत मैसेज जाएगा। इस प्रकार की आदतों को हमें ही बदलना होगा।
चीफ जस्टिस के फैसले के बाद मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक को हटा लिया गया। अब वहां 10 वर्ष से लेकर 50 वर्ष तक की महिलाएं दर्शन कर रही हैं।
CJI चंद्रचूड़ ने किया डिजिटल सुधार
अपने कार्यकाल में मुख्य न्यायाधीश ने अदालतों में डिजिटलीकरण पर जोर दिया और कई सुविधाओं को पूरे भारत की अदालतों में लागू कराया।
इनमें ई–फाइलिंग, वाईफाई कनेक्टिविटी, डिजिटल स्क्रीन, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई और वॉट्सएप पर सूचनाओं को अवेलेबल कराना प्रमुख है। चीफ जस्टिस ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिन भी 45 मामलों की सुनवाई की।
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