Buddha Purnima 2024 Celebration: बुद्ध पूर्णिमा एक ऐसा दिन जो हम सबको महान गौतम बुद्ध के जीवन और उनके कुछ बेहद मूलभूत सिद्धांतों का पालन करने का स्मरण कराती है।
बुद्ध पूर्णिमा को गौतम बुद्ध के जन्मदिन के रूप में सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि कम्बोडिया, थाईलैंड, जापान, ताइवान, हांगकांग आदि जैसे देशों में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। ये सभी देश बौद्ध धर्म को मानने वाले देश हैं। वैसे तो बुद्ध पूर्णिमा भारत में वैशाख के महीने में मनाई जाती है। परंतु कुछ देशों में इसे अप्रैल के महीने में भी मनाया जाता है और इसका कारण वहा का कैलेंडर है, जो लगभग एक ही समय को बताता है।
Buddha Purnima 2024 Celebration: जानें बुद्ध और उनके महत्वपूर्ण उपदेशों के बारे में जिनसे आपका जीवन बदल सकता है
क्यों मनाते हैं बुद्ध पूर्णिमा
बुद्ध पूर्णिमा को गौतम बुद्ध के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। गौतम बुद्ध का बचपन का नाम सिद्धार्थ था। प्राचीन ग्रंथों के मुताबिक गौतम बुद्ध ज्ञान की तलाश में अपनी युवावस्था में ही घर को छोड़कर वन में जाकर रहने लगे थे।
अनेको वर्षों तक जंगल में रहने और जन्म मृत्यु से जुड़े अपने प्रश्नों के सही जवाब ना मिलने पर वे तपस्या करने लगे। उनकी तपस्या ऐसी थी कि वे एक पेड़ के नीचे मौन होकर बैठ गए। ऐसा माना जाता है कि वह वृक्ष महाबोधि वृक्ष था जो वर्तमान में बिहार के गया में स्थित है। इसी महाबोधि वृक्ष के उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। ज्ञान प्राप्ति के बाद सिद्धार्थ, गौतम बुद्ध कहलाये।
जन्म और उपदेश स्थान
गौतम बुद्ध यानि सिद्धार्थ का जन्म नेपाल के लुम्बिनी में एक राजपरिवार में हुआ था। उनके पिता उस समय में नेपाल के राजा थे। जब ये पैदा हुए थे तो राज परिवार के अनेक धर्म आचार्यों ने राजा को यह बात बताई कि आपका पुत्र कोई साधारण बालक नहीं है बल्कि यह दुनिया का उद्धार करने के लिए ही इस धरती पर आया है।
यह या तो बहुत ही प्रतापी राजा बनकर लोगों का जीवन बदल देगा या यह इतना बड़ा सन्यासी बनेगा कि पूरी दुनिया इसके बताये मार्ग पर चलेगी। इसके बाद गौतम बुद्ध के पिता ने पूरी कोशिश की कि उनका बेटा राजा ही बने परन्तु जो होना होता है उसको कोई टाल नहीं सकता था और फिर सिद्धार्थ के साथ ऐसी घटनाएँ घटित हुई जिससे वे संन्यास की तरफ आकर्षित हो गए और एक दिन रात्रि में वन की तरफ प्रस्थान कर दिए।
भारत के उत्तर प्रदेश और बिहार को गौतम बुद्ध की तपोभूमि के रूप में जाना जाता है। ज्ञान प्राप्ति के बाद बोधगया, कुशीनगर, लुंबिनी, वाराणसी आदि स्थानों पर गौतम बुद्ध ने लोगों को धर्म का उपदेश दिया था। जहाँ पर भी गौतम बुद्ध ने धर्म का उपदेश दिया था, अब वे स्थान महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल के रूप में जाने हैं और वहाँ हर साल लाखों लोग आते हैं।
ऐसा माना जाता है कि उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में गौतम बुद्ध ने अंतिम सांस ली थी और महापरिनिर्वाण को प्राप्त हुए थे। यह स्थान महापरिनिर्वाण स्थली के रूप में पुरी दुनिया में प्रसिद्ध है। हर साल बौद्ध धर्म के अनुयायी लाखों की संख्या में यहाँ आते हैं और गौतम बुद्ध के उपदेशो को अपने जीवन में उतारने का संकल्प करते हैं।
कब है बुद्ध पूर्णिमा
बुद्ध पूर्णिमा बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यधिक महत्व रखता है। बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध के जन्म का उत्सव मनाने और उनके उपदेशों का सम्मान करने के लिए बुद्ध पूर्णिमा पूरी दुनिया में अत्यंत उत्साह के साथ मनाया जाता है।
इस साल वैशाख माह की पूर्णिमा मई महीने की 23 तारीख को पड़ रही है। यानि बुद्ध पूर्णिमा का पवित्र त्योहार 23 मई 2024 को मनाया जायेगा। इस दिन हमको गौतम बुद्ध के जीवन के कुछ महत्वपूर्ण उपदेशों को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लेना चाहिए।
गौतम बुद्ध के कुछ जरुरी उपदेशों
गौतम बुद्ध ने अपने उपदेशों में अनेक ऐसी बातों का उल्लेख किया है जो आज भी लाखों लोगों के जीवन में बदलाव लाने का सामर्थ्य रखते हैं। आइये गौतम बुद्ध के कुछ जरुरी उपदेशों को जानते हैं जिससे हमारे जीवन में शांति आ सकती है।
सभी से प्यार का व्यवहार करना
बुद्ध के अनुसार यदि आप सभी जीवों से प्यार करते हैं और प्यार से पेश आते हैं तो आपको भी प्यार ही मिलेगा। इसलिए जैसा आप पाना चाहते हैं, पहले वैसा करना शुरू कीजिये और इसकी शुरुआत लोगों के प्रति प्यार करने से शुरू कीजिये। यह आपके जीवन को बदल कर रख देगा।
आज में जीवन जीना
यदि आप वास्तव में जीवन का आनंद लेना चाहते हैं तो आप हमेशा वर्तमान में जीने की कला को विकसित कीजिये। वर्तमान में जीवन जीने से आपकी जिंदगी से परेशानियाँ काफी हद तक कम हो जायेंगी।
शब्दों की ताकत
बुद्ध के उपदेशों में यह बेहद महत्वपूर्ण है। उनके अनुसार किसी के भी शब्दों में इतनी ताकत होती है कि वह एक अच्छे मनुष्य का जीवन बना भी सकती है और जीवन को बर्बाद भी कर सकती है। हमारे शब्दों में पॉजिटिव और नेगेटिव दोनों प्रकार की शक्तियाँ पायी जाती हैं। इसीलिए हिन्दू धर्म ग्रंथों में भी कहा गया है कि बहुत ही सोच विचार कर बोलना चाहिए।
बातों या इंसान को जाने देना
बुद्ध के अनुसार किसी को भी किसी बात या मनुष्य को पकड़ कर नहीं बैठना चाहिए। अगर आप किसी को भी बहुत ज्यादा पकड़े रहेंगे या एक ही बात को दोहराते रहेंगे तो आप खुद ही परेशान हो जायेंगे। इसलिए यदि आप खुद का भला चाहते हैं तो लोगों को या लोगों की बातों को पकड़ कर बैठने वाली आदत से खुद को दूर कीजिये। इससे आपका ही भला होगा।
ख़ुशी को हमेशा बांटना चाहिए
आज कल लोग कहते हैं कि अपनी ख़ुशी किसी से शेयर ना करो नहीं तो नज़र लग सकती है। परन्तु गौतम बुद्ध की मानें तो अपनी छोटी से छोटी ख़ुशी को भी ख़ास लोगों के साथ शेयर जरूर करना चाहिए।
इससे आपकी ख़ुशी कम नहीं होगी बल्कि और भी लोगों को खुश होने का एक मौका देगी और यदि आप कुछ लोगों को खुश कर सकते हैं तो आप एक अच्छा काम कर रहे हैं। क्यूकि इस दुनिया में तो लोग पहले से ही दुखी हैं।
सभी के प्रति दयालुता की भावना
गौतम बुद्ध के उपदेशों में यह सबसे महत्वपूर्ण उपदेश है। उनके अनुसार हम सभी को कितनी भी विपरीत परिस्थिति आने पर भी सबके प्रति एक समान दया और करुणा की भावना रखनी चाहिए और वैसा ही व्यवहार भी करना चाहिए।
जैसा सोचोगे वैसा ही बनोगे
बुद्ध के शब्दों में यह भी कहा गया है कि आप जैसा सोचते हैं वैसे ही बनने लगते हैं। इसलिए हमेशा बड़े अउ और उच्च विचार ही अपने मन में लाने चाहिए।
मन को काबू में रखना
हम सभी को यह जरूर ध्यान देना चाहिए कि हमारा मन बहुत ही चंचल होता है। कई बार यह हमें गलत काम करने से भी नहीं रोकता है। इसलिए हमें अपने मन को काबू में करने की कला सीखनी चाहिए और अपने मन को काबू में रखना चाहिए नहीं तो हमारा मन हमसे गलत काम भी करा सकता है और हमें पता भी नहीं चलेगा।
स्वयं को जानना आत्मज्ञान है
गौतम बुद्ध ने बाहरी ज्ञान को टेम्पररी बताया है। उनके अनुसार जो व्यक्ति स्वयं को जान लेता है वह परमात्मा को जान लेता है और परमात्मा को जानने के बाद किसी और को जानने की जरुरत नहीं होती है। इसलिए स्वयं को जानने पर हमारा ध्यान केंद्रित होना चाहिए।
मित्र सोच-समझकर चुनें
गौतम बुद्ध कहते हैं कि किसी भी इंसान के जीवन में मित्रता बहुत ही अनमोल होती है। एक सच्चा मित्र सबको नहीं मिल पाता है क्यूकि असली मित्र वही होता है जो कमियों को बता कर उनमें सुधार करता है और अपने मित्र को आगे बढ़ाता है। इसलिए जब भी आप अपने मित्र बनाये तो बहुत ही सोच विचार कर क्यूकि मित्रता कुछ दिनों की नहीं होती है। बल्कि एक बार सच्ची मित्रता होने पर वह जीवन भर के लिए होती है।
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