Best Vitamins After 60s -जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, हमारे शरीर की कार्यप्रणाली धीमी होने लगती है। 60 साल के बाद हड्डियों की मजबूती, आंखों की रोशनी, स्मरण शक्ति और रोग प्रतिरोधक क्षमता में गिरावट आना स्वाभाविक है।
ऐसे में केवल संतुलित भोजन ही काफी नहीं होता, बल्कि शरीर को विशेष Vitamins और मिनरल्स की आवश्यकता होती है जो बढ़ती उम्र की चुनौतियों से लड़ सकें। वरिष्ठ नागरिकों के लिए सही पोषण न केवल उन्हें बीमारियों से दूर रखता है, बल्कि ऊर्जा, आत्मबल और जीवनशैली में सुधार लाने में भी मदद करता है।
कई बार बुजुर्गों को भूख कम लगती है या पाचन तंत्र कमजोर होने के कारण पोषक तत्व ठीक से अवशोषित नहीं हो पाते, जिससे Vitamins की कमी होने लगती है। यही वजह है कि बुजुर्गों को कुछ खास Vitamins पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इन Vitamins की पूर्ति प्राकृतिक आहार या डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट्स द्वारा की जा सकती है।
आज हम आपको बताएंगे 6 ऐसे ज़रूरी विटामिन्स के बारे में, जो हर सीनियर सिटीजन को अपने डेली रूटीन में जरूर शामिल करने चाहिए – ताकि उम्र के हर पड़ाव को स्वस्थ और आत्मनिर्भर होकर जिया जा सके।
Best Vitamins After 60s- 60 साल की उम्र के बाद ज़रूरी हैं ये 6 विटामिन
विटामिन D
शरीर में कैल्शियम के अवशोषण के लिए अत्यंत आवश्यक होता है, और उम्र बढ़ने के साथ इसकी कमी विशेष रूप से बुजुर्गों में देखी जाती है। कमजोर होती हड्डियों के कारण ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है, जबकि धूप में कम समय बिताने के कारण यह विटामिन प्राकृतिक रूप से शरीर में नहीं बन पाता।
विटामिन D न केवल हड्डियों को मजबूत करता है, बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बेहतर बनाता है, जिससे बार-बार बीमार पड़ने या मांसपेशियों में कमजोरी जैसे लक्षण सामने आ सकते हैं।
इसकी कमी से हड्डियों में दर्द और इम्यून सिस्टम की कमजोरी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसे पूरा करने के लिए रोज़ सुबह 15-20 मिनट हल्की धूप लेना, दूध, दही, अंडे की जर्दी और मछली का सेवन करना लाभदायक होता है।
विटामिन B12
विटामिन B12 मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम को ठीक तरह से काम करने में मदद करता है, लेकिन उम्र बढ़ने के साथ इसका अवशोषण शरीर के पाचन तंत्र से कम होने लगता है। इसकी कमी से थकान, कमजोरी, भूलने की बीमारी, झुनझुनाहट या अंगों में सुन्नपन, भ्रम, मूड स्विंग्स और अवसाद जैसी मानसिक व शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं।
बुजुर्गों के लिए यह विटामिन विशेष रूप से जरूरी है क्योंकि यह संज्ञानात्मक क्षमता को बनाए रखने और न्यूरोलॉजिकल हेल्थ को बेहतर करने में अहम भूमिका निभाता है। इसके प्राकृतिक स्रोतों में दूध, दही, अंडे, मांस और मछली शामिल हैं, जबकि शाकाहारियों के लिए डॉक्टर की सलाह से B12 सप्लीमेंट्स लेना जरूरी हो जाता है।
विटामिन C
विटामिन C एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाने और रोगों से लड़ने की ताकत देने में मदद करता है। बुजुर्गों में अक्सर घाव भरने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है और त्वचा पतली तथा संवेदनशील हो जाती है, ऐसे में विटामिन C का सेवन त्वचा को हेल्दी बनाए रखने और इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए जरूरी है।
इसकी कमी से जल्दी सर्दी-जुकाम हो सकता है, मसूड़ों से खून आ सकता है और चोट या घाव धीरे भरते हैं। इसके प्राकृतिक स्रोतों में नींबू, संतरा, आंवला, अमरूद, ब्रोकली, टमाटर और बेल मिर्च शामिल हैं।
विटामिन E
विटामिन E विटामिन E एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो शरीर की कोशिकाओं को डैमेज से बचाता है और त्वचा की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है। यह आंखों की रोशनी को बनाए रखने, दिल को स्वस्थ रखने और शरीर में सूजन को कम करने में सहायक होता है, जो कि उम्रदराज लोगों में आम समस्या बन जाती है।
इसकी कमी से स्किन ड्रायनेस, आंखों की कमजोरी और इम्यून सिस्टम के कमजोर होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। विटामिन E के प्राकृतिक स्रोतों में बादाम, मूंगफली, सूरजमुखी के बीज, पालक और वेजिटेबल ऑयल प्रमुख रूप से शामिल हैं।
विटामिन K
विटामिन K शरीर के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है जो कैल्शियम को हड्डियों तक पहुंचाने और खून का थक्का बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बुजुर्गों में इसकी कमी के कारण अक्सर खून का देर से जमना, नाक से खून आना या मामूली चोट पर भी अधिक खून बहने जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं।
इसके अलावा, यह हड्डियों की डेंसिटी बढ़ाने में भी मदद करता है, जिससे हड्डियों की कमजोरी और फ्रैक्चर का खतरा कम होता है। विटामिन K की पूर्ति के लिए पालक, ब्रोकली, पत्तागोभी, सरसों के पत्ते और अन्य हरी पत्तेदार सब्जियों को अपने आहार में जरूर शामिल करना चाहिए।
विटामिन A
विटामिन A शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के साथ-साथ आंखों की रोशनी को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। यह त्वचा को पोषण प्रदान करता है और वृद्धावस्था में आंखों से जुड़ी समस्याओं जैसे रतौंधी और ड्राई आई सिंड्रोम से बचाव करता है।
इसकी कमी से दृष्टि कमजोर हो सकती है, आंखों में सूखापन और स्किन ड्रायनेस के साथ संक्रमण की आशंका भी बढ़ जाती है। विटामिन A की पूर्ति के लिए गाजर, शकरकंद, आम, हरी पत्तेदार सब्जियां और दूध जैसे प्राकृतिक स्रोतों को आहार में जरूर शामिल करना चाहिए।
हर सीनियर सिटीजन को अपने आहार में इन 6 Vitamins की पूर्ति करनी चाहिए ताकि बढ़ती उम्र में भी शरीर स्वस्थ और मजबूत बना रहे। डॉक्टर से परामर्श लेकर नियमित रूप से विटामिन सप्लीमेंट लेना भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है, खासकर जब खाने से पर्याप्त मात्रा में पोषण न मिल पा रहा हो।
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