Best Parenting Tips in Hindi: हर माता-पिता को बच्चों को सही बातों को समझाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वही बच्चे किसी भी बुरी आदत को बहुत ही आसानी से सीख लेते हैं। छोटे बच्चों का मन बहुत ही कोमल होता है, इसीलिए बचपन में इन्हें जो परवरिश मिलती है उनके अंदर उसी प्रकार के संस्कार दिखाई देते हैं।
बच्चों की परवरिश को माता-पिता की सबसे बड़ी जिम्मेदारी माना जाता है। बच्चों को पालना कोई आसान काम नहीं है। बच्चे चाहे छोटे हों या बड़े, इनकी कई तरह की इच्छाएँ होती हैं और ये चाहते है कि माता-पिता उनको पूरा करें।
इनमें खाने से लेकर खिलौने, स्पोर्ट्स, पढ़ाई जैसी कई इच्छाओं को माता-पिता को पूरा करना पड़ता है। बच्चों को कैसे सही रास्ते पर लाया जाय, ये एक अच्छे माता-पिता की पैरेंटिंग पर निर्भर करता है।
पॉजिटिव पेरेंटिंग क्या है?
पॉजिटिव पेरेंटिंग का मतलब बच्चे का लालन-पालन एक अलग ढंग से करने से हैं। इसमें पूरी तरह से बच्चे के साथ गहरा रिश्ता बनाने, सही तरीके से एक दूसरे से बात करने और एक-दूसरे का सम्मान करने पर विशेष जोर दिया जाता है। बच्चे को डर दिखाकर अनुशासन सिखाने की जगह माता-पिता उनमें सेल्फ डिसिप्लिन की आदत को विकसित करने की कोशिश करते हैं। इसमें पैरेंट्स अपनी बातों को बच्चों के ऊपर थोपने की जरा भी कोशिश नहीं करते हैं।
Best Parenting Tips in Hindi: अच्छे माता पिता बनने के लिए जरूरी कुछ टिप्स
अच्छे माता पिता बनने के कई तरीके हो सकते हैं। यदि माता-पिता अपने अंदर कुछ परिवर्तन कर लें तो वे अपने बच्चों को सही मार्गदर्शन भी दे सकते हैं। बच्चों को कैसे सही सीख दें, उन्हें कैसे समझाएं, ये सवाल हर माता-पिता के दिमाग में होते है। नीचे कुछ टिप्स बता रहे हैं, जिनको अमल में लाकर आप भी एक अच्छे पेरेंट्स बन सकते हैं:
बच्चों को शान्ति से समझाने कोशिश करें
Best Parenting Tips in Hindi: हर माता-पिता ये चाहते हैं कि उनके बच्चे आगे बढ़े। परन्तु सभी पेरेंट्स ये भूल जाते हैं कि बिना सपोर्ट के बच्चा अपने करियर में सफल नहीं हो सकता है। ये पेरेंट्स ही होते हैं, जिनके साथ देने पर बच्चा हर उस काम को कर सकता है जो दूसरों के लिए असंभव सा लगता है। इसलिए बच्चों को डांट कर या उनकी पिटाई करके नहीं बल्कि उनके साथ बैठ कर आराम और शांति से उनको समझाने का प्रयास करना चाहिए।
आत्म-निर्भर बनने के लिए प्रोत्साहित करें
सभी माता-पिता को अपने बच्चों को आत्म-निर्भर बनने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्हें इतना काबिल तो बनाना ही चाहिए कि वे किसी भी छोटे से काम के लिए भी दूसरों पर निर्भर ना रहें।
बच्चों को प्यार दें
हर माता-पिता को अपने बच्चों को इतना समय तो जरूर देना चाहिए कि उसको ये पता चलता रहे कि पेरेंट्स अपने बच्चे से कितना प्यार करते हैं। उनके बिना उन्हें कैसा महसूस होता है। बच्चों से बात करें और उन्हें अपना प्यार दे। उनकी देखभाल करना ना भूलें। इससे बच्चे और माता-पिता के बीच का बंधन मजबूत होता है।
अपनी गलतियों के लिए माफी मांगें
कभी कभी बड़े भी कुछ गलतियाँ कर देते हैं। इन गलतियों के लिए बड़ों को मांगनी चाहिए। अगर माता-पिता बच्चे के सामने अपनी गलतियां स्वीकार करना नहीं शुरू करेंगे, तो बच्चे भी अपनी गलतियां मानना बंद कर देंगे। इसलिए अगर आपकी गलती हैं, तो माफी मांगें बच्चों को ये सिखाये कि माफ़ी मांगना बुरी बात नहीं होती है।
अनुशासन सिखाएं
अनुशासन का होना हम सभी के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण है। यह सिर्फ बड़ों के लिए ही नहीं, बच्चों के लिए भी बेहद जरूरी है। अपने बच्चों को अनुशासन का पाठ अवश्य सिखाना चाहिए। इससे उनके अंदर एक संस्कार विकसित होता है। वे लोगों से अच्छे से बात करना सीखते है और अपने काम के प्रति ईमानदार रहते हैं।
बच्चों के साथ गाली-गलौज या असभ्य व्यवहार ना करें
सभी माता-पिता को ध्यान रखना चाहिए कि वे जो कुछ भी करते हैं, बच्चे उनकी नक़ल करने की पूरी कोशिश करते हैं। वे यह नहीं जानते कि कौन सी बात बुरी है और कौन सी सही। उन्हें तो यही लगता है कि यदि ये मेरे माता-पिता कर सकते हैं तो ये सही ही है। इस प्रकार से बच्चों के अंदर धीरे-धीरे अंदर गलत आदतें पनपने लगती हैं।
गलती करने पर बच्चों को प्यार से समझाएं और बताये कि अमुक बात क्यों गलत है। सही वजह जानने पर वे वैसी गलती दुबारा नहीं करेंगे। उन पर चिल्लाकर, गाली देकर आप उन्हें अपमानित महसूस करा सकते हैं। इन सबसे आपको बचना चाहिए। यह बच्चों के मस्तिष्क और मन को प्रभावित कर सकता है।
झूठे वादे ना करें
बच्चों से झूठे वादे करने से बचें। कभी कभी माता पिता अपनी बात को मनवाने के लिए या बच्चों की ज़िद पूरी करने के लिए अनचाहे वादे कर जाते हैं जिन्हें वह किसी कारण वश पूरा नहीं कर पाते, जिनसे बच्चों को बुरा महसूस होता है, इसलिए कोई भी ऐसा वादा ना करें जिन्हें पूरा ना कर सकें।
गुस्सा करने से बचें
आज-कल की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में अक्सर माता-पिता अपने आपसी झगड़े का गुस्सा अपने बच्चों के ऊपर निकाल देते हैं। इस समय बच्चों को उन बातों के लिए सजा मिल जाती है, जो गलती उन्होंने कभी की ही नहीं होती है। इसलिए सभी माता-पिता को ये ध्यान रखना चाहिए कि अपना पर्सनल या ऑफिस का गुस्सा उन पर न निकालें। ऐसा करके वे कही ना कही अपने बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने लग जाते हैं।
बच्चों को लालच देने से बचें
माता-पिता अक्सर बच्चों को शरारत करने से रोकने के लिए खिलौने या उनके पसंदीदा खाने से जुड़ा लालच देते हैं। ऐसे में बच्चे सही बर्ताव करने के बजाय अपनी डिमांड माता-पिता के सामने रखने की कोशिश करने लगते हैं। वो बार-बार अपनी पसंदीदा चीज न मिलने पर बदमाशियों को दोहराने की धमकी भी दे सकते हैं, इसलिए बच्चों को लालच देने की कोशिश न करें।
व्यायाम और मेडिटेशन के प्रति जागरूक करें
सभी माता-पिता को दौड़-भाग वाली जिंदगी में अपने तनाव को दूर करने या कम करने के लिए व्यायाम और मेडिटेशन करना चाहिए। इसमें पेरेंट्स को अपने साथ-साथ अपने बच्चों को भी शामिल करना चाहिए।
ऐसा करके माता-पिता सिर्फ अपना ही नहीं बल्कि अपने बच्चे का भी स्वास्थ्य बेहतर रख सकते हैं। परन्तु हमेशा इस बात का ध्यान देना चाहिए कि बच्चे को कोई कठिन योग कराने से पहले किसी एक्स्पर्ट के साथ उसका अभ्यास कराना चाहिए। आप हल्का व्यायाम करवा सकते हैं।
दूसरे बच्चे से तुलना न करें
किसी भी माता-पिता को अपने बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों से नहीं करनी चाहिए। प्रत्येक बच्चे में अलग-अलग प्रकार की क्वालिटी होती है। अगर आप बार-बार उनकी तुलना करेंगें तो उनके अंदर हीन भावना उत्पन्न हो सकती है। इससे उनके व्यवहार में चिड़चिड़ापन देखने को मिल सकता है। वे दूसरों के साथ लड़ाई-झगड़ा भी कर सकते हैं।
लोगों के सामने डांटने से बचें
सभी पेरेंट्स ये चाहते हैं कि उनका बच्चा सभी से अच्छा व्यवहार करें। ऐसा नहीं होने पर वे बच्चों को अक्सर लोगों के बीच में ही डांटने लगते हैं। सबके सामने डांट सुनने के कारण उनके आत्मसम्मान को ठेस लग सकती है और वे शर्मिंदा महसूस कर सकते हैं। इसका सीधा असर उनके आत्म-सम्मान पर पड़ता है। ऐसे में उन्हें एकांत में शांति से उन्हें समझाना चाहिए।
अपने सपने न थोपें
आज के युग के बच्चे पहले से ही इतने तेज और समझदार है कि वे किसी भी काम को बड़ी ही आसानी से कर सकते हैं। परन्तु कुछ माता-पिता हर समय अपने बच्चों को ये सिखाते रहते हैं कि ये काम करना है या इतने परसेंटेज मार्क्स लाने हैं। ऐसा करने से बच्चे के अंदर जो प्राकृतिक गुण होते हैं, वे उन गुणों का सही से इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं।
इसलिए अपने बच्चों किसी भी प्रकार का दबाव नहीं डालना चाहिए। वे जिस भी क्षेत्र में जाना चाहें, उसमें उनको पूरा सपोर्ट करना चाहिए। परन्तु यदि वे किसी तरह का गलत फैसला ले रहे हो या गलत दिशा में जा रहे हो तो उनके साथ बैठ कर, उन्हें समझाकर सही रास्ता दिखाना चाहिए।
मिसाल बनें
माता-पिता को अपने बच्चों के सामने हमेशा ऐसा व्यवहार करना चाहिए जिससे बच्चे के अंदर अच्छी आदतों का विकास हो सके। बच्चे हमेशा बातों को कम सुनते है और नक़ल जल्दी करते हैं।
अपने बच्चों के दोस्त बनें
माता-पिता को अपने बच्चों के साथ दोस्ती करने की कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए माता-पिता को उनके जैसा ही सोचने और चीजों को समझने का प्रयास करना पड़ सकता है। बच्चों के साथ उनके पसंदीदा खेल को भी खेलने से बच्चों के साथ माता-पिता का रिश्ता मजबूत होगा।
छोटे-छोटे उपहार देना
बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें कभी-कभी उपहार भी दे सकते हैं। ऐसा करने से बच्चे खुश होने के साथ ही प्रेरित होकर सही दिशा में काम करने की कोशिश करेंगे। इसके अलावा, उन्हें टॉफी या चॉकलेट भी दे सकते हैं।
बस ध्यान रहे कि बच्चे को लालच बिल्कुल नहीं देना है। कभी-कभी जरूरत की कोई चीज देकर सिर्फ प्रोत्साहित करना है। साथ ही ध्यान रहे कि गिफ्ट ज्यादा महंगा न हो।
पिकनिक पर ले जाएं
बच्चों के साथ माता-पिता को थोड़ा-सा वक्त निकालकर कही भी घूमने प्लानिंग जरूर करनी चाहिए। इससे उन्हें किस जहा पर घूमना पसंद है, ये आप आसानी से जान सकते हैं। किसी नजदीक के स्थान पर पिकनिक भी मनाने ले जा सकते हैं। ऐसा करने से बच्चे खुश तो होंगे ही और साथ में वक्त बिताने के कारण उनके मन में माता-पिता के लिए लगाव भी बढ़ेगा।
बच्चों के साथ अपनी यादें बनाएं
माता-पिता के लिए ये बेहद जरूरी है कि वो अपने बच्चों के साथ खूबसूरत यादें बनाएं। इसमें उनके स्कूल का कोई ख़ास दिन हो या कोई फंक्शन हो, कोई टूर हो या कुछ यादगार पल। इन सभी खास मौकों पर बच्चों के साथ रहना चाहिए। हो सकें तो इन मौकों की फोटोज भी साथ में खिचवायें। ये फोटो यादों का एक अच्छा कलेक्शन बनता है।
टाइम लिमिट सेट करें
बच्चों को प्यार-दुलार करना अच्छी बात है, लेकिन यदि आप अपने बच्चे को जरूरत से ज्यादा दुलार करेंगे तो बच्चे की आदत बिगड़ भी सकती है। सभी माता-पिता को अपने बच्चों के लिए एक टाइम लिमिट सेट करके रखना चाहिए।
हर चीज का टाइम लिमिट सेट करने से बच्चों के अंदर एक डिसिप्लिन की आदत बनने लगती है। बच्चे को सही दिनचर्या, समय पर सोने-उठने की आदत और सही व्यवहार व आचरण के बारे में बताएं।
छोटी-छोटी जिम्मेदारियां सिखाएं
माता-पिता को अपने बच्चों को उनकी छोटी-छोटी जिम्मेदारियां समझाना भी आवश्यक है। इसमें बच्चों को साफ-सफाई, घर के काम, पैसों की जरूरत के बारे में बताना जरूरी है। इसके अलावा, बच्चों को गुड टच और बैड टच, किससे बात करनी है या कैसे बैठना है, ये सभी बातों को सही और आसान तरीके से बताना चाहिए।
इन कुछ टिप्स को अपनाकर माता-पिता अपने बच्चे की सही तरीके से परवरिश कर सकते हैं। ऐसा करना सिर्फ अच्छे माता-पिता बनने के लिए ही नहीं, बल्कि बच्चों के भविष्य के लिए बेहद मददगार साबित हो सकता है।
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