Automobile Sector Growth in India: Automobile Sector में India बहुत तेज़ी से आगे बढ़ रहा हैं और इस सेक्टर में 6-9% की मजबूत वृद्धि की उम्मीद है। यह तेज़ी ऐसे समय में आयी है जब उद्योग, तकनीकी भागीदारी, उपभोक्ता की जरूरतों में अभूतपूर्व बदलाव दिख रहा है। आइए इस प्रत्याशित वृद्धि को प्रेरित करने वाले प्रमुख कारकों और दौड़ में आगे रहने के लिए भारत के उद्योग जगत के दिग्गज उद्योगपतियों द्वारा अपनाई गई रणनीतियों पर गौर करें।
मार्केट ट्रेंड्स और आगे बढ़ाने वाले कारण
विकास की गति को समझने के लिए, ये समझना जरूरी है कि बाजार की ग्रोथ कैसे होती है और उसमें कौन कौन से कारक अनिवार्य है। मध्यम वर्ग की बढ़ती हुई आय, और बढ़ती शहरी आबादी ऑटोमोटिव उद्योग को ऊपर की ओर ले जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण कारण हैं। किफायती और अच्छे एवरेज से युक्त वाहनों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, भारतीय ऑटो निर्माता भारतीय उपभोक्ताओं की बढ़ती मांगों को पूरा करने में जी जान से लगे हुए हैं।
तकनीक को अपनाना और प्रगति करना
आज के इंडस्ट्री लीडरों द्वारा लगातार विकसित हो रहे ऑटोमोटिव उद्योग में तकनीक का इस्तेमाल करना यह दर्शाता है कि किस तरह नई नई टेक्निक उद्योग जगत को आगे बढ़ाने में मददगार है। इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी), एआई (अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ) और कनेक्टेड कार जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करके ऑटो उद्योग अपने उपभोक्ता की जरूरत को नया आकार दे रहा है और इस उद्योग में नवीनीकरण को बढ़ावा दे रहा है।
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सरकार की नीतिगत पहल और सुधार
सरकारी पहल और नीतिगत सुधार भारत के ऑटो उद्योग की गति को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए भारत सरकार द्वारा जीएसटी दरों में कमी और मेक इन इंडिया पहल पर जोर ने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तर पर अनुकूल माहौल तैयार किया है।
बुनियादी ढांचे के विकास में पर्याप्त देशी और विदेशी निवेश, टिकाऊ और गतिशील समाधानों को प्रोत्साहित करने के साथ साथ एक आगे बढ़ने की सरकार की जिद ने इस उद्योग को विकास के लिए अनुकूल वातावरण दिया है। इससे ऑटो जगत में अभूतपूर्व सुधार देखने को मिला है।
उपभोक्ता के व्यवहार के मुताबिक़ काम करना
जैसे-जैसे उपभोक्ता पर्यावरण के प्रति अधिक जागरूक और तकनीक-प्रेमी होते जा रहे हैं, उनकी आवश्यकताएँ और जरूरतें बदल रही हैं। अच्छे और पर्यावरण के अनुकूल वाहन विकल्प हर उपभोक्ता की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम हैं। डिजिटल अनुभव आज के उपभोक्ता के लिए सर्वोपरि होते जा रहे हैं, जो निर्माताओं को नई टेक्नोलॉजी का उपयोग करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
चुनौतियाँ और उनका उचित समाधान
भले ही विकास अच्छा लगता है लेकिन सुचारू रूप से आगे बढ़ने के लिए सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान किया जाना चाहिए। निर्माताओं को किसी भी प्रकार की आपूर्ति में रुकावटों, कच्चे माल की बढ़ती लागत और दुनिया भर में सेमीकंडक्टर की कमी के कारण चुनौतियों का सामना करने पर उनका तुरंत समाधान करना बहुत जरूरी है।
वर्तमान सरकार इन मुद्दों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए एकदम अनुकूल माहौल का निर्माण कर रही है , जिससे निर्माताओं को किसी भी प्रकार की समस्या होने पर उनका तत्काल समाधान किया जा सके।
रणनीतिक जरूरत और भविष्य के लिए दृष्टिकोण
ऑटो उद्योग के लिए, डिजिटल परिवर्तन केवल एक शब्द नहीं बल्कि एक जरूरी परिवर्तन है। स्मार्ट और तकनीक से युक्त ऑटो उद्योग से लेकर ऑनलाइन बिक्री प्लेटफार्मों तक प्रतिस्पर्धा में आगे रहने के लिए डिजिटल तकनीक को अपनाना अनिवार्य है।
रेटिंग एजेंसी ICRA की रिपोर्ट
रेटिंग एजेंसी ICRA के अनुसार, जो निरंतर उद्योग की मांग में वृद्धि का अनुमान लगाती है, वित्त वर्ष 2024 में ऑटोमोटिव क्षेत्र के 6 से 9% बढ़ने की उम्मीद है। ऑटोमोटिव उद्योग की घरेलू थोक बिक्री ने दिसंबर 2023 में स्थिरता दिखाई, जो 2.9 लाख इकाइयों पर स्थिर रही, जो नौ महीने की साल-दर-साल (YoY) लगभग चार प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है। मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) के उत्पादन में कमी के कारण वर्ष के अंत में थोड़ी गिरावट आई।
शोध में यह भी उल्लेख किया गया है कि हालांकि खुदरा बिक्री में गिरावट नहीं हुई, दिसंबर 2023 में साल-दर-साल 3% का अच्छा लाभ हुआ। हाल ही में समाप्त छुट्टियों के मौसम में लगभग 6% का वार्षिक लाभ हुआ। रिपोर्ट में दिसंबर 2023 में स्थिरता और पिछले महीने की तुलना में लगभग 12% की उल्लेखनीय वृद्धि का पता चला।
ऑफिसियल वेबसाइट – ICRA
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