TheRapidKhabar

Astrophysicist Jayant Narlikar Passed Away- विज्ञान को रोचक बनाने वाले खगोल वैज्ञानिक डॉ. जयंत विष्णु नार्लीकर का हुआ निधन

Astrophysicist Jayant Narlikar Passed Away- विज्ञान को रोचक बनाने वाले खगोल वैज्ञानिक डॉ. जयंत विष्णु नार्लीकर का हुआ निधन

Jayant Narlikar Passed Away

Jayant Narlikar Passed Away- जाने माने खगोलशास्त्री और प्रोफेसर डॉ. जयंत नार्लीकर का निधन हो गया है। परिवार के मुताबिक प्रोफेसर जयंत नार्लीकर का निधन मंगलवार सुबह नींद में ही हुआ। वह 86 वर्ष के थे।

Jayant Narlikar Passed Away- खगोल वैज्ञानिक डॉ. जयंत विष्णु नार्लीकर का हुआ निधन

विज्ञान में था अतुलनीय योगदान

Astrophysicist jayant narlikar passed away

1938 में प्रतिष्ठित परिवार में जन्मे डॉ. नार्लीकर की प्रारंभिक शिक्षा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से हुई थी। इनके पिता BHU में ही मैथ डिपार्टमेंट के हेड थे और मां संस्कृत की अच्छी जानकार थीं। डॉ. नार्लीकर ने खगोल विज्ञान को आसान और सरल भाषा में आम लोगों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उन्होंने विज्ञान में कई किताबें भी लिखीं जिनसे बच्चों के अंदर खगोल विज्ञान के प्रति रुझान बढ़ गया। इन्होंने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के खगोल विभाग के साथ पुणे में आयुका के निदेशक की जिम्मेदारी भी निभाई।

पद्मविभूषण से किया गया था सम्मानित

परिवार से प्राप्त जानकारी के मुताबिक डॉ. जयंत नार्लीकर ने कुछ महीने पहले ही कूल्हे की सर्जरी कराई थी। डॉ. नार्लीकर को अपनी रोचक किताबों, रेडियो शो और खगोल विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए वर्ष 1965 में ही पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया था।

इसके साथ ही विज्ञान से जुड़ी कहानियों और बच्चों के लिए खगोल विज्ञान को रोचक बनाने के उनके प्रयासों के लिए यूनेस्को ने उन्हें कलिंग पुरस्कार से भी सम्मानित किया था। इसके अलावा कई अलग अलग यूनिवर्सिटी के द्वारा (Astrophysicist Jayant Narlikar) उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी प्रदान की गई।

राजकीय सम्मान से होगा अंतिम संस्कार

फेमस बुक “स्टार्स इन द स्काई” लिखने वाले डॉ. नार्लीकर का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने यह घोषणा करते हुए कहा कि हम खगोल विज्ञान के क्षेत्र में उनके (Astrophysicist Jayant Narlikar) योगदान को कभी नहीं भूल सकते। उन्होंने रेडियो और किताबों के माध्यम से विज्ञान को आम लोगों की समझ के लायक बनाया।

Astrophysicist jayant narlikar and mr srinivasan

इसके साथ ही उन्होंने कॉस्मोलॉजी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। भारतीय विज्ञान को आज एक साथ दो दुखद समाचार मिले। एक तरफ परमाणु वैज्ञानिक डॉ. एम. आर. श्रीनिवासन का 95 वर्ष की आयु में तमिलनाडु में निधन हो गया तो दूसरी तरफ खगोलशास्त्री डॉ. जयंत नार्लीकर 86 वर्ष की अवस्था में (Astrophysicist Jayant Narlikar) हम सभी को छोड़ कर चले गए। दोनों ही वैज्ञानिकों ने भारत को विश्व पटल पर गौरवान्वित करने का काम किया।

पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. जयंत नार्लीकर के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए लिखा कि उनके निधन से विज्ञान जगत में एक अपूरणीय क्षति हुई है। उनके होयल–नार्लीकर सिद्धांत ने पूरे विश्व में भारत का नाम रोशन किया था। विज्ञान को रोचक बनाने वाले डॉ. नार्लीकर के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।


इमेज सोर्स: Twitter

अगले महीने जून से शुरू होगी कैलाश मानसरोवर यात्रा

 

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now
Instagram Page Join Now

मनोरंजन

ऑटोमोबाइल

How To