Amit Shah At Prayagraj Mahakumbh: महाकुंभ मेले के पावन अवसर पर आज गृह मंत्री अमित शाह ने प्रयागराज में संगम में पवित्र स्नान किया और अपनी गहरी आस्था व्यक्त की।
स्नान के बाद उन्होंने संगम क्षेत्र के दो प्रमुख और पवित्र स्थलों—बड़े हनुमान जी मंदिर और अक्षयवट के दर्शन किए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, संगम में स्नान करना और इसके बाद इन स्थलों के दर्शन करना, किसी भी श्रद्धालु की धार्मिक यात्रा को पूर्णता प्रदान करता है।
HM @AmitShah & CM @myogiadityanath having great time together in #MahaKumbh2025 🤣🤣
Opposition’s narrative is destroyed in one go….🔥 pic.twitter.com/DCL41hSDA2
— Mr Sinha (@MrSinha_) January 27, 2025
Amit Shah At Prayagraj Mahakumbh: मान्यताओं से जुड़ा पवित्र स्थल है बड़े हनुमान जी मंदिर।
प्रयागराज के गंगा-यमुना के तट पर स्थित बड़े हनुमान जी का मंदिर श्रद्धालुओं के लिए विशेष आस्था का केंद्र है। इसे लेटे हनुमान जी, किले वाले हनुमान जी और बांध वाले हनुमान जी के नाम से भी जाना जाता है।
पवित्र त्रिवेणी संगम पर सामाजिक समरसता और सद्भाव के प्रतीक ‘महाकुंभ’ में पूज्य संतजनों के सान्निध्य में स्नान कर अभिभूत और भावविभोर हूँ।
माँ गंगा, माँ यमुना और माँ सरस्वती से सभी के कल्याण की कामना करता हूँ। 🙏#एकता_का_महाकुंभ pic.twitter.com/6cGkxacO2v
— Amit Shah (@AmitShah) January 27, 2025
हनुमान जी की 20 फीट लंबी दक्षिणाभिमुखी मूर्ति जमीन से लगभग 6-7 फीट नीचे स्थापित है। कहा जाता है कि बारिश के मौसम में जब नदी का जल स्तर बढ़ता है, तो पानी हनुमान जी के चरणों तक आकर ठहर जाता है और उन्हें चरण धोकर वापस लौट जाता है।
आज दिनाँक 26/01/2025 दिन #रविवार को श्री बड़े हनुमान जी महाराज के सायंकालीन श्रृंगार आरती दर्शन।
#श्री_बड़े_हनुमान_जी #ShriBadeHanumanJi #लेटे_हनुमान_जी #Letehanumanji #ankitpujariji #प्रयागराज #officialankit2 #Prayagraj #ShriBadeHanumanJiTemple #sangam #republicday #india pic.twitter.com/o3pyY8Ncjn
— Shri Bade Hanuman Ji Mandir (@BadeHanumanJi1) January 27, 2025
यह प्राचीन मंदिर लगभग 700 साल पुराना माना जाता है। एक कथा के अनुसार, कन्नौज के राजा इस मूर्ति को विंध्याचल से अपने राज्य ले जा रहे थे, लेकिन प्रयागराज में विश्राम के दौरान उनकी नाव टूट गई, और मूर्ति गंगा में डूब गई। वर्षों बाद श्री बालगिरि जी महाराज ने इसे रेत के नीचे से खोजा और पूजा शुरू की।
अक्षयवट: मोक्ष का प्रतीक
अक्षयवट को भारतीय धार्मिक परंपराओं में अजर-अमर माना गया है। संगम क्षेत्र में स्थित यह वट वृक्ष पातालपुरी मंदिर के भीतर है और इसे मोक्ष का प्रतीक माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि इसका अस्तित्व सृष्टि के आरंभ से ही है।
महाकुंभ मे केंद्रीय मंत्री अमित शहाजी नें लिया अक्षयवट का दर्शन #Akshayvat #AmitShah #Prayagraj #Mahakumbh pic.twitter.com/zsSSLa4Mj0
— pritam nachankar (@pritamppn1985) January 27, 2025
श्रद्धालु सुबह 6:30 बजे से शाम 6:30 बजे तक इसके दर्शन कर सकते हैं। हालांकि, शाही स्नान के दौरान आम श्रद्धालुओं को अक्षयवट के दर्शन की अनुमति नहीं होती।
कैसे पहुंचे बड़े हनुमान जी और अक्षयवट?
बता दें प्रयागराज में स्थित बड़े हनुमान जी मंदिर और अक्षयवट तक पहुंचना बेहद आसान है, चाहे आप रेल, सड़क या बस से यात्रा कर रहे हों। बड़े हनुमान जी मंदिर संगम क्षेत्र के पास स्थित है और यह प्रयागराज जंक्शन रेलवे स्टेशन से लगभग 3-4 किलोमीटर की दूरी पर है। रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से श्रद्धालु आसानी से ऑटो, टैक्सी या ई-रिक्शा के जरिए मंदिर तक पहुंच सकते हैं। संगम क्षेत्र के पास पहुंचने के बाद मंदिर तक पैदल जाना भी संभव है।
तो वही अक्षयवट अकबर के ऐतिहासिक किले के भीतर स्थित है, जो त्रिवेणी संगम से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर है। संगम क्षेत्र से आप पैदल चलते हुए या ई-रिक्शा से आसानी से किले तक पहुंच सकते हैं। साथ ही प्रयागराज के रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड से संगम क्षेत्र के लिए सीधी ऑटो और टैक्सी की सुविधाएं उपलब्ध रहती हैं। आपको बता दें महाकुंभ के दौरान यह स्थान विशेष रूप से व्यस्त है, ऐसे में श्रद्धालुओं को अक्षयवट दर्शन के लिए लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ सकता है।
बात करे अगर दर्शन टाइम की तो अक्षयवट के दर्शन का समय सुबह 6:30 बजे से शाम 6:30 बजे तक होता है। हालांकि, महाकुंभ के शाही स्नान के दौरान आम श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति नहीं मिलती। ऐसे में आपको कुंभ मेले या अन्य धार्मिक अवसरों पर यात्रा के दौरान भीड़भाड़ को ध्यान में रखते हुए पर्याप्त समय लेकर पहुंचना जरूरी है।
इमेज: ट्विटर
उत्तराखंड में आज से लागू हुआ यूनिफॉर्म सिविल कोड!
संस्कृति एक ब्लॉगर हैं। संस्कृति को ऑटोमोबाइल, फैक्ट्स, लाइफस्टाइल और ट्रेवल से जुडी पोस्ट लिखना पसंद है।