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Amazing Facts About Sea: जानिए महासागरों के बारे में कुछ अद्भुत तथ्य।
Amazing Facts About Sea: हम जिस पृथ्वी पर रहते हैं उसका 71 प्रतिशत भाग समुद्र से भरा है। ज्यादातर विश्व में सिर्फ समुद्र का ही राज है। सागरों में अनेक प्रकार के पौधे और जानवर पाए जाते हैं लेकिन मानव तकनीक के इतनी तरक्की के बाद भी इंसान समुद्र के केवल 5 प्रतिशत से भी कम भाग को ही एक्सप्लोर कर पाए हैं। और समुद्र में ऐसी कई रहस्यमई चीजे हैं जो अभी इंसानों के पहुंच से परे हैं। तो आज हम आपको बताएंगे महासागरों के बारे में कुछ अद्भुत तथ्य के बारे में।
Amazing Facts About Sea: जानिए महासागर से जुड़े कुछ अनोखे तथ्य।
1.पृथ्वी का ज्यादातर हिस्सा पानी से घिरा हुआ है।
हमारी पृथ्वी का 71 प्रतिशत भाग समुद्र से भरा है और बाकी बचे 29% भाग पर जमीन मौजूद है। यही वजह है कि समुद्र करोड़ों जीव जंतुओं का घर है। आपको बता दे मानव तकनीक के इतनी तरक्की के बाद भी इंसानों ने समुद्री का केवल पांच प्रतिशत से भी कम भाग को ही खोज पाए हैं। समुद्र की गहराइयों में कई रहस्यमई चीजे आज भी छिपी हुई है जिनकी खोज करना अभी बाकी है।
2.पृथ्वी के पूरे जमीनी भाग से भी बड़ा है प्रशांत महासागर।
प्रशांत महासागर जिसे पृथ्वी का सबसे विशाल महासागर कहा जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस महासागर का क्षेत्रफल आपकी सोच से भी कहीं ज्यादा अधिक है। प्रशांत महासागर पृथ्वी के 16 करोड़ 50 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला हुआ है। आप इससे कुछ इस प्रकार समझ सकते हैं की प्रशांत महासागर का क्षेत्रफल पृथ्वी के संपूर्ण भूभाग से भी अधिक है।
3.दुनिया की सबसे बड़ी सुनामी।
आपने कई बार समाचार पत्रों और खबरों में दुनिया में आई सुनामियों के बारे में सुना होगा। सुनामी एक बेहद खतरनाक प्राकृतिक आपदा है सुनामी समुद्र की ऊंची उठने वाली लहरों को कहते हैं जो समुद्र में आपस में भूकंप के कारण उत्पन्न होती है। इसके आने पर जन सामान्य को भयंकर नुकसान होता है हजारों लोग मारे जाते हैं और लाखों की संपत्ति बर्बाद हो जाती है।
आपने कोई भयंकर सुनामियों के बारे में तो सुना होगा पर क्या आप दुनिया की सबसे विशाल सुनामी के बारे में जानते हैं। दुनिया की सबसे विशाल सुनामी साल 1958 में अलास्का के लीटुआ खाड़ी में आई थी जिसकी ऊंचाई 520 मीटर यानी की 1720 फीट तक पहुंच गई थी।
4. समुद्रों से आती है दुनिया की आधी ऑक्सीजन।
हम सामने आज तक यही सुना था कि हमें पेड़ को पेड़ों को नहीं काटना चाहिए क्योंकि पेड़ ही एक मात्र ऑक्सीजन का स्रोत है। और अगर दुनिया में एक भी पेड़ नहीं बचेगा तो हमें सांस लेने के लिए ऑक्सीजन नहीं प्राप्त होगा। लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है। आपको जानकर हैरानी होगी कि पेड़ पौधे केवल पृथ्वी के 28% ऑक्सीजन का उत्पादन करते हैं।
हमारी पृथ्वी के संपूर्ण ऑक्सीजन में से 70% ऑक्सीजन हमें समुद्री पेड़ पौधों से मिलता है और बाकी अन्य साधनों से मिलता है। जिनके बिना पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं है। आपको जानकर हैरानी होगी कि समुद्र में रहने वाले पेड़ पौधों का वजन हमारी पृथ्वी परहाने वाले मानव आबादी से भी ज्यादा है।
5.समुद्र में मौजूद है अरबों का सोना।
आपको जानकर बेहद हैरानी होगी कि समुद्र में इतना सोना मौजूद है कि अगर आप पृथ्वी पर मौजूद हर इंसान में सोने को बाटेंगे तो सभी को 4 किलोग्राम का सोना प्राप्त होगा। जानकारी के लिए आपको बता दे की सोने को सोने की खदानों से निकाला जाता है ऐसे ही कई अरबों का सोना खदानों के रूप में समुद्र में मौजूद है।
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Facts About World’s Largest Antarctica Desert: दुनिया के सबसे बड़े रेगिस्तान से जुड़े कुछ अद्भुत रहस्य।
Facts About World’s Largest Antarctica Desert: क्या आपको पता है कि अंटार्कटिका जिसे आमतौर पर बर्फ की भूमि के नाम से जाना जाता है वह वास्तव में एक विशाल रेगिस्तान है।
जी हां, आपने सही सुना अंटार्कटिका दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान है जिसमें कई अद्भुत और अनोखे तथ्य छुपे हैं। आज हम आपको दुनिया के सबसे बड़े रेगिस्तान अंटार्कटिका से जुड़े 5 अद्भुत रहस्य बताएंगे जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे।
Facts About World’s Largest Antarctica Desert: दुनिया के सबसे बड़े रेगिस्तान, अंटार्कटिका से जुड़े 5 अद्भुत रहस्य
1.दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान
अंटार्कटिका रेगिस्तान को आमतौर पर बर्फ की वजह से केवल एक बर्फीला क्षेत्र माना जाता है, लेकिन असल में यह दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान है। रेगिस्तान की परिभाषा के अनुसार, यह एक ऐसा क्षेत्र होता है जहां बहुत कम बारिश होती है।
अंटार्कटिका में साल भर में केवल 200 मिमी से भी कम बारिश होती है, जिससे यह धरती का सबसे सूखा स्थान बन जाता है।
2.सबसे ठंडा स्थान
अंटार्कटिका रेगिस्तान धरती का सबसे ठंडा स्थान है। यहां अब तक का सबसे कम तापमान माइनस 128.6 डिग्री फारेनहाइट (माइनस 89.2 डिग्री सेल्सियस) दर्ज किया गया है, जो 21 जुलाई 1983 को वॉस्टोक स्टेशन पर मापा गया था।
इतनी कड़कड़ाती ठंड में जीवन का अस्तित्व मुश्किल हो जाता है, फिर भी कुछ विशेष जीव-जंतु और वनस्पतियाँ यहां जीवित रह पाती हैं।
3.अनोखी झीलें
अंटार्कटिका में कई अनोखी झीलें हैं, जो बर्फ के नीचे छिपी हुई हैं। सबसे प्रसिद्ध झीलों में से एक वॉस्टोक झील है, जो लगभग 4 किलोमीटर बर्फ की परत के नीचे स्थित है।
यह झील हजारों सालों से अलग-थलग है और वैज्ञानिकों का मानना है कि इसमें अनोखे और प्राचीन जीवों का अस्तित्व हो सकता है, जो दुनिया के अन्य हिस्सों में नहीं पाए जाते।
4.सक्रिय ज्वालामुखी
अंटार्कटिका बर्फ से ढका हुआ है, लेकिन यहां पर सक्रिय ज्वालामुखी भी हैं। सबसे प्रसिद्ध ज्वालामुखी माउंट एरेबस है, जो दुनिया का सबसे दक्षिणी सक्रिय ज्वालामुखी है। माउंट एरेबस में एक लावा झील भी है, जो इसको और भी रोमांचक बनाती है।
5.अद्वितीय जीव-जंतु
अंटार्कटिका रेगिस्तान में कई अद्वितीय जीव-जंतु पाए जाते हैं, जो कठोर परिस्थितियों में भी जीवित रहते हैं। यहां की सबसे प्रसिद्ध प्रजातियों में से एक है अडेली पेंगुइन, जो ठंड और बर्फीली हवाओं में भी जीवित रहने की क्षमता रखती है। इसके अलावा, वाडेल सील और अंटार्कटिक क्रिल भी यहां के महत्वपूर्ण जीव हैं, जो समुद्री जीवन का हिस्सा हैं।
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7 Interesting Facts About Goddess Katyayani: जानिए नवरात्रि के छठे दिन पूजी जाने वाली मां कात्यायनी के रूप से जुड़े कुछ रोचक तथ्य।
7 Interesting Facts About Goddess Katyayani: आज नवरात्रि का छठा दिन है और आज देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है। आपको बता दे देवी कात्यायनी नवदुर्गा के छठे स्वरूप में पूजनीय है। मान्यता के अनुसार मां दुर्गा ने यह रूप अपने परम भक्त ऋषि कात्यायन के लिए धारण किया था।
मां दुर्गा का छठा अवतार मानी जाने वाली माता कात्यायनी अत्यंत दिव्य और बलशाली मानी जाती है। आज हम आपको नवदुर्गा के छठे रूप देवी कात्यायनी के बारे में सात रोचक तथ्य बताएंगे, जो आपको माता कात्यायनी के महिमा से परिचित कराएंगे।
7 Interesting Facts About Goddess Katyayani: मां कात्यायनी के रूप से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
1.माता कात्यायनी की उत्पत्ति
पौराणिक कथाओं के अनुसार माता कात्यायनी देवी दुर्गा के छठे रूप में पूजी जाती हैं। कहां जाता है माता कात्यायनी का जन्म ऋषि कात्यायन के तप से हुआ था।
ऋषि कात्यायन ने उन्हें अपनी पुत्री के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तप किया था तब देवी ने ऋषि कात्यायन के यहां जन्म लिया था। कहा जाता है की देवी का नाम ऋषि कात्यायन के यहां जन्म लेने से उनका नाम देवी कात्यायनी पड़ा।
2.माता कात्यायनी का रूप
माता कात्यायनी चारभुजा वाली देवी है जिनका स्वरूप अत्यंत दिव्य और प्रभावशाली है। उनकी चार भुजाएं हैं जो शक्ति और संकल्प का प्रतीक मानी जाती हैं। इन चारभुजा में माता कात्यायनी तलवार, कमल, अभयमुद्रा और वरमुद्रा को धारण करती हैं।
देवी कात्यायनी द्वारा उनके चारों भुजाओं में धारण किए गए वस्तुओं का महत्व कुछ इस प्रकार से है-
तलवार- मां कात्यायनी की एक भुजा में तलवार होती है जो बुराई और अधर्म को नाश करने वाली है। तलवार देवी कात्यायनी के शक्ति और साहस का प्रतीक है।
कमल- माता कात्यायनी अपनी दूसरी भुजा में कमल धारण करती है जो उनकी कोमलता और दिव्यता को दर्शाता है और यह शांति और पवित्रता का प्रतीक है।
अभयमुद्रा- देवी कात्यायनी की तीसरी भुजा में अभय मुद्रा होती है जिससे मां कात्यानी अपने भक्तों को हर प्रकार के डर और संकट से मुक्त करती हैं। अभय मुद्रा सुरक्षा और निडरता का प्रतीक माना जाता है।
वरमुद्रा- चौथी भुजा में माता कात्यायनी वर मुद्रा को धारण करती हैं जिससे वे भक्तों की सभी इच्छाओं को पूर्ण करने का आशीर्वाद देती है और ये मां की दयालुता और करुणा का प्रतीक है।
3.महिषासुर मर्दिनी
देवी कात्यायनी को महिषासुर मर्दिनी भी कहा जाता है क्योंकि उन्होंने महिषासुर राक्षस का वध करने के लिए ऋषि कात्यायन की पुत्री के रूप में जन्म लिया था।
कथाओं के अनुसार माता कात्यायनी ने महिषासुर राक्षस का वध करके देवताओं को संकट से मुक्त किया था इसलिए उन्हें महिषासुर मर्दिनी भी कहा जाता है।
4.नवदुर्गा का छठा अवतार।
मां कात्यायनी को नवदुर्गा का छठा अवतार माना जाता है और नवरात्रि के छठे दिन माता कात्यायनी की पूजा की जाती है जिसका नवरात्रि के दिनों में बहुत ही विशेष महत्व होता है।
मां कात्यायनी को नवदुर्गा का अत्यंत दिव्य और बलशाली रूप माना जाता है जो नवदुर्गा के नौ रूपों के विभिन्न पहलुओं का प्रतिनिधित्व करती हैं।
5.ऋषि कन्या
देवी कात्यानी को ऋषि कन्या के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि उन्होंने ऋषि कात्यायन के पुत्री के रूप में जन्म लिया था। कहा जाता है की मां कात्यायनी की पूजा करने से अविवाहित कन्याओं को योग्यवर मिलता है इसलिए नवरात्रि में मां कात्यायनी की पूजा का विशेष महत्व होता है।
6.वेदों और शास्त्रों में उल्लेख।
माना जाता है की देवी कात्यायनी का उल्लेख प्राचीन हिंदू शास्त्रों जैसे वेदों और पुराणों में किया गया है। मान्यताओं के अनुसार मार्कंडेय पुराण के देवी के महात्म्य खंड में देवी कात्यानी द्वारा दुष्ट राक्षसों का वध करने का वर्णन सामने आता है।
7.मंत्र और पूजा।
देवी कात्यायनी नवदुर्गा के साहस और दिव्यता का प्रतीक मानी जाती हैं जिनकी पूजा नवरात्रि के दिनों में बहुत विशेष महत्व रखता है।
भक्तगण यदि नवरात्रि के छठे दिन में माता कात्यायनी के बलशाली मंत्र “ॐ देवी कात्यायन्यै नमः” का जाप करते हैं तो उन्हें माता कात्यायनी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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