Amarnath Yatra 2024 Latest News and Route: तीर्थों और मंदिरों का देश कहा जाने वाला देश भारत कई मायनों में खास है। यहां एक तरफ लोग वेदों में प्रसिद्ध चार धामों की यात्रा करके पुण्य लाभ प्राप्त करते हैं तो वहीं कई ऐसे भी स्थान हैं जहां की यात्रा करके मानसिक शांति का भी अनुभव होता है।
इसमें पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा, महादेव का प्रसिद्ध धाम केदारनाथ, काशी विश्वनाथ, 12 ज्योतिर्लिंग की यात्रा, दक्षिण भारत के अनेक प्रसिद्ध मंदिर भी शामिल हैं। इन्हीं यात्राओं में से बेहद प्रसिद्ध और दुर्गम यात्रा अमरनाथ की मानी जाती है। अमरनाथ की यात्रा करने का सौभाग्य हर किसी को प्राप्त नहीं होता है।
Amarnath Yatra 2024 Latest News and Route: बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए रवाना हुए यात्री
क्यों प्रसिद्ध है अमरनाथ यात्रा
अमरनाथ यात्रा भगवान भोलेनाथ के तीर्थस्थल के रूप में पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। जम्मू-कश्मीर की राजधानी, श्रीनगर से लगभग 135 किमी दूर और समुद्रतल से लगभग 13,500 फुट की ऊँचाई यह स्थान स्थित है। अमरनाथ में एक गुफा है जिसमें प्राकृतिक रूप से बर्फ के शिवलिंग का निर्माण हर साल होता है। यह यात्रा बेहद दुर्गम पहाड़ी रास्तों से होकर पूरी की जाती है।
इस यात्रा को पूरा करने के लिए इंसान का शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ और मजबूत होना बहुत जरुरी होता है। भारत में जितनी भी पहाड़ी यात्रा होती है, उन सभी में यात्रियों को मेडिकल फिटनेस टेस्ट को पास करना अनिवार्य होता है। उसके बाद ही वे इन यात्राओं को कर सकते हैं। अमरनाथ की यह यात्रा जून माह से अगस्त माह तक चलती है और इस यात्रा में लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
आज सुबह से यात्रा शुरू
Amarnath Yatra 2024 Latest News and Route: इस बार की अमरनाथ यात्रा 52 दिनों तक जारी रहेगी। यह जानकारी अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने दी और बताया कि यात्रा 29 जून से शुरू होकर 19 अगस्त यानी रक्षाबंधन तक चलेगी। जम्मू-कश्मीर में पिछले दिनों में हुए आतंकी हमलों को देखते हुए अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के मजबूत इंतजाम किए गए हैं। यहाँ अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
On the sacred journey!
Glimpses of Shri Amarnathji Yatris moving from Baltal towards the Holy Cave for darshan. #ShriAmarnathjiYatra2024 #AmarnathYatra @diprjk pic.twitter.com/OOtd2LtHqG— Information & PR, Udhampur (@dioudhampur) June 29, 2024
कहाँ से शुरू होती है अमरनाथ यात्रा
अमरनाथ यात्रा की शुरुआत जम्मू में बने दो बेस कैंप से शुरू होती है। यह बेस कैंप जम्मू के बालटाल और पहलगाम में बने हैं। बालटाल और पहलगाम बेस कैंप में लगभग 9 हजार लोगों के रुकने की व्यवस्था की गयी है। इन कैंप के अलावा अमरनाथ यात्रा मार्ग पर टॉयलेट, वॉशरूम और मोबाइल यूरिन पॉइंट भी बनाया गया है जिससे पहाड़ों में गन्दगी को फैलने से रोका जा सके।
A view of #Amarnath Yatra main base camp for Pilgrims at Baltal of #Sonamarg, in #Ganderbal on Friday.#AmarnathYatra #Sonamarg #AmarnathYatra2024 pic.twitter.com/lhjj3hY5uI
— Himalayan Mail (@HimalayanMailJK) June 29, 2024
कल रवाना हुआ था पहला जत्था
4603 तीर्थयात्रियों का पहला जत्था कल बालटाल और पहलगाम बेस कैंप पहुंचा था। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इन सभी तीर्थयात्रियों को रवाना करते हुए इनकी सुरक्षित यात्रा की कामना की थी।
आसान है पहलगाम रूट
अमरनाथ यात्रा के लिए पहलगाम रूट को सभी यात्रियों के लिए आसान माना जाता है। इस रूट में कुल 48 किमी की यात्रा करनी पड़ती है। पहाड़ों में 48 किमी की यात्रा करने में 3 दिन का समय लग जाता है। इस यात्रा में यात्रियों को 3 किलोमीटर की सिर्फ एक ही सीधी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है।
The first batch of #AmarnathYatris left from NunWan Pahalgam base camp, the traditional route, for holy cave shrine of Amarnath for #Darshan officially commencing this Year Yatra amid unprecedented security arrangements put in place.
UNI Photo Shah Junaid pic.twitter.com/WYIwGoSGSY— United News of India (@uniindianews) June 29, 2024
कठिन और दुर्गम बालटाल रूट
यदि आपके पास यात्रा के लिए कम समय है तो आप इस रास्ते पर जा सकते हैं। कहने के लिए यह रास्ता सिर्फ 14 किमी का ही है। परन्तु इस रूट पर आपको बाबा बर्फानी के दर्शनों के लिए खड़ी चढ़ाई चढ़नी पड़ेगी। यह चढ़ाई भी पहलगाम तरह आसान नहीं होती बल्कि यह एकदम खड़ी चढ़ाई है, जिसकी वजह से ही यह खतरनाक रूट माना जाता है।
अमरनाथ श्राइन बोर्ड सभी बुजुर्गों को इस रास्ते से जाने से रोक देती है। बालटाल रूट के रास्ते खतरनाक मोड़ से भरे हैं। इसके अलावा इस रास्ते पर मौसम काकोई भरोसा नहीं होते कि कब धूप होगी और कब बर्फ़बारी शुरू हो जायेगी।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
जम्मू में आतंकी हमलों को देखते हुए तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए SDRF, NDRF, BSF और CRPF की कई टीमों की तैनाती इस यात्रा के रास्तों में की गई है। इसके अलावा यात्रा में कई स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे से भी नजर रखी जा रही है। यात्रियों को किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या होने पर सहायता के लिए एडवांस्ड हॉस्पिटल और मेडिसिन की व्यवस्था भी श्राइन बोर्ड ने की है।
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श्राइन बोर्ड के अनुसार इस साल लगभग 6 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। पिछले साल बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए कुल 4.5 लाख श्रद्धालु आये थे।
Image: Twitter & namasteindiatrip
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