Akshaya Tritiya 2024: वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि यानि अक्षय तृतीया को सबसे शुभ और मंगलकारी दिन कहा गया है। यह वह दिन है जब बिना मुहूर्त देखे कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है। इस दिन किए गए किसी भी शुभ कार्य का फल अक्षय रहता है। इसलिए अक्षय तृतीया के दिन अधिक से अधिक जप, तप, दान और पुण्य कार्य करने चाहिए।
Akshaya Tritiya 2024: जानिए अक्षय तृतीया पर कौन से विशेष कार्य करने चाहिए।
अगर आप इस अक्षर तृतीया पर भगवान के विशेष कृपा पाना चाहते हैं और अपने परिवार में भक्ति सुख और समृद्धि को आमंत्रित करना चाहते हैं ।तो इस दिन को विशेष बनाइए और दिन को विशेष बनाने के लिए की शुरुआत होती है प्रातः काल से इसलिए इस दिन प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाइए उठने के बाद स्वयं को स्नान इत्यादि से स्वयं को स्वच्छ कर लीजिए ।
आपको बता दे अक्षय तृतीया वही शुभ दिन है जब पवित्र गंगा देवी इस धराधर पर प्रकट हुई थी ।इसलिए इस दिन गंगा मां मैया के प्रति हमें अपने विशेष कृतज्ञता व्यक्त करना चाहिए ।इस दिन गंगा स्नान के विशेष महत्व है इसलिए अगर आपके लिए संभव हो तो किसी पवित्र गंगा स्नान जरूर करें।
पूजन विधि ।
प्रातः काल स्नान इत्यादि शुद्ध होकर अब अपने घर पर जो पूजा का स्थान है उसे स्वच्छ कीजिए अक्षय तृतीया वाले दिन स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें ।पूजा के स्थान को उसे स्वच्छ करके उसे गंगाजल छिड़कर उसे स्वच्छ कर लें ।उसके बाद परम भगवान श्री कृष्ण की मंगला आरती कीजिए।
मंगला आरती के बाद तुलसी देवी का पूजन करें उन्हें जल अर्पण करें उनके समक्ष घी के दीपक प्रज्वलित करें और उनके कम से कम तीन बार परिक्रमा करें।
अक्षय तृतीया के दिन महालक्ष्मी देवी के पूजन का भी विशेष महत्व हैं तो आप अपने घर में एक स्वच्छ स्थान पर एक आसन स्थापित करें ।उसके ऊपर स्वच्छ सफेद या पीला कपड़ा बिछा दें,उसके बाद उस पर लक्ष्मी देवी और भगवान नारायण के विग्रह या चित्र की स्थापना करें ।तत्पश्चात अपनी क्षमता अनुसार सरल विधि से उनकी पूजा अर्चना कर सकते हैं ।उन्हें धूप दीप फूल और कोई भी भोग अर्पित कर सकते हैं।
इस दिन कोई उपवास नहीं रखना होता हैं इसलिए इस दिन भगवान के लिए स्वादिष्ट भोग बनाकर उसमें तुलसी पत्र रखकर भगवान को अर्पित करें। और स्वयं भी उस प्रसाद को ग्रहण करें।
अक्षय तृतीया के महत्व।
वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया कहते हैं। इस दिन सूर्य अपने उच्च राशि में मेष में होते हैं।और चंद्रमा भी अपने उच्च राशि में बृषभ में होते हैं ।सूर्य और चंद्रमा दोनों ही अपने उच्च राशि में स्थित होते हैं। इसीलिए सूर्य और चंद्रमा दोनों की सम्मिलित कृपा का जो फल है वो अक्षय हो जाता हैं। वह अक्षय हो जाता है ।
अक्षय का अर्थ है जिसका क्षय ना हो, जो कभी नष्ट ना हो, वह अक्षय है। इसीलिए यह माना जाता है ,कि अक्षय तृतीया में अगर आप कोई काम करते हैं तो उसके परिणाम कभी नष्ट नहीं होते उसके शुभ परिणाम कभी नष्ट नहीं होते ।माना जाता है, कि अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम ,नर नारायण और हयग्रीव का अवतार हुआ था। इसी दिन से बद्रीनाथ के मंदिर के कपाट भी खुलते हैं ।और साल में केवल एक दिन वृंदावन में भगवान बांके बिहारी के चरणों का दर्शन केवल अक्षय तृतीया पर होता है ।
बाकी वर्ष भर उनके चरण ढके रहते हैं। अक्षय तृतीया पर मूल्यवान वस्तु की खरीदारी की जाती है ,और तमाम चीजों का दान भी किया जाता है, खासतौर पर ऐसा माना जाता है कि अगर अक्षय तृतीया पर सोना खरीदा जाए तो साल भर घर में सोना आता रहता है ,सोना खरीदना इस दिन सबसे ज्यादा शुभ होता है। इससे धन की प्राप्ति भी होती है। और दान का पुण्य अक्षय बना रहता है।
अक्षय तृतीया तिथि और पूजा शुभ मुहूर्त
अक्षय तृतीया इस साल शुक्रवार 10 मई को मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 10 मई को सुबह 4:17 पर होगी वही इस तृतीया तिथि का समापन 11 मई को सुबह 2:50 पर होगी।
FAQ – Frequently Asked Questions
[sc_fs_multi_faq headline-0=”h3″ question-0=”मई 2024 में अक्षय तृतीया कब है?” answer-0=”वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि यानि अक्षय तृतीया को सबसे शुभ और मंगलकारी दिन कहा गया है। इस वर्ष यह 10 मई 2024 को मनाई जाएगी। ” image-0=”” headline-1=”h3″ question-1=”अक्षय तृतीया के दिन किसकी पूजा होती है?” answer-1=”माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम का अवतार हुआ था। इसलिए इस दिन परशुराम जी की पूजा भी की जाती है। इसके अलावा अक्षय तृतीया के दिन महालक्ष्मी देवी के साथ साथ श्रीहरि विष्णु की पूजा की जाती है। ” image-1=”” headline-2=”h3″ question-2=”अक्षय तृतीया 2024 पर क्या खरीदें?” answer-2=”अक्षय तृतीया पर सोना खरीदा जाए तो साल भर घर में सोना आता रहता है। इसके अलावा घर, वाहन, चांदी या मिट्टी के बर्तन जैसी चीजें भी खरीद सकते हैं। ” image-2=”” headline-3=”h3″ question-3=” बद्रीनाथ के कपाट कब खुलते हैं ?” answer-3=”अक्षय तृतीया के दिन से बद्रीनाथ के मंदिर के कपाट भी खुलते हैं। बद्रीनाथ हिन्दुओ के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है जो हिमालय की पर्वत श्रेणियों के बीच स्थित है। ” image-3=”” headline-4=”h3″ question-4=”अक्षय तृतीया का मुहूर्त कितने बजे से कितने बजे तक है ?” answer-4=”पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि यानि अक्षय तृतीया की शुरुआत 10 मई को सुबह 4:17 पर होगी और इस तृतीया तिथि का समापन 11 मई को सुबह 2:50 पर होगा।” image-4=”” headline-5=”h3″ question-5=”अक्षय तृतीया पूजा घर पर कैसे करें?” answer-5=”पूजा के स्थान को गंगाजल छिड़कर स्वच्छ कर लें। उसके बाद परम भगवान श्री कृष्ण की मंगला आरती कीजिए। मंगला आरती के बाद तुलसी देवी का पूजन करें और उनके कम से कम तीन बार परिक्रमा करें। एक आसन पर सफेद या पीला कपड़ा बिछा दें, उसके बाद उस पर लक्ष्मी देवी और भगवान नारायण के विग्रह या चित्र की स्थापना करें। तत्पश्चात अपनी क्षमता अनुसार सरल विधि से उनकी पूजा अर्चना कर सकते हैं।” image-5=” count=”6″ html=”true” css_class=””]
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