IAS Pooja Khedkar News Update: महाराष्ट्र पुणे की रहने वाली आईएएस ट्रेनी पूजा खेडकर अपनी लक्ज़री लाइफस्टाइल और प्रशासनिक सेवा के नियमों के दुरुपयोग के कारण चर्चा में हैं। पूजा पर लगे आरोपों के बाद UPSC की परीक्षा और नियुक्ति प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। बता दें कि पूजा खेडकर पर फ़र्ज़ी सर्टिफिकेट का इस्तेमाल करने के भी आरोप लगे हैं जिसके बाद सरकार ने इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।
IAS Pooja Khedkar News Update: क्यों चर्चा में हैं आईएएस ट्रेनी पूजा खेडकर
कौन हैं पूजा खेडकर
महाराष्ट्र के पुणे के अहमदनगर जिले की रहने वाली पूजा एक आईएएस ऑफिसर हैं। वर्ष 2022 में आईएएस की परीक्षा पास करने के बाद पूजा की नियुक्ति 2023 में हुई थी और वर्तमान में वह एक ट्रेनी के तौर पर वासिम में असिस्टेंट कलेक्टर के पद पर नियुक्त हैं।
The IAS Pooja Khedekar case in Maharashtra is alarming! A 2023 probationary officer used disability concessions in UPSC, refused proof tests, and falsely claimed OBC status despite her father’s ₹40 crore wealth. This undermines #UPSC‘s integrity.
Swift action is needed to… pic.twitter.com/EIccnLF8jx
— Pradeep Bhandari(प्रदीप भंडारी)🇮🇳 (@pradip103) July 11, 2024
पूजा उस समय विवादों में आयी जब उन्होंने अपनी पर्सनल ऑडी कार पर नीली/ लाल बत्ती लगा कर चलने लगी थी। उस समय पूजा पुणे में ही पोस्टेड थी। परन्तु विवादों के कारण उनका ट्रांसफर वासिम में कर दिया गया। पूजा खेडकर के घरवालों में पिता दिलीप खेडकर भी एक प्रशासनिक अधिकारी रह चुके हैं। पूजा के नाना भी एक आईएएस अधिकारी रहे हैं। इनकी माँ एक सरपंच हैं।
क्या है पूरा विवाद
अगर पूजा पर लगे आरोपों की बात की जाय तो उनके ऊपर लगने वाले कई आरोप हैं। सबसे पहले पूजा ने एक आईएएस ट्रेनी के तौर पर पर्सनल गाड़ी पर लाल/ नीली बत्ती लगा कर यूपीएससी के नियमों को तोड़ा है। पूजा खेडकर पर यह आरोप भी है कि उन्होंने नॉन क्रीमी लेयर के तहत मिलने वाले विकलांग कोटे और OBC रिजर्वेशन की मदद से IAS की नौकरी हासिल की है।
वहीं पुणे में पोस्टिंग के दौरान पूजा ने अपने लिए चैंबर और घर की डिमांड भी की थी। जिसको अनुचित बताते हुए पूजा का ट्रांसफर पुणे से वासिम कर दिया गया था। (IAS Pooja Khedkar News Update)
सिविल सेवा में क्या है क्रीमी और नॉन क्रीमी लेयर रिजर्वेशन
संघ लोक सेवा आयोग द्वार आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा को भारत की सबसे कठिन परीक्षा में से एक माना जाता है। यूपीएससी ने समान अवसर के लिए एक रिजर्वेशन पॉलिसी बनाई है। इसे क्रीमी और नॉन क्रीमी दो भागों (लेयर) में बांटा गया है।
Sense of entitlement is not limited to any particular caste. IAS officers like Pooja Khedekar think they are above system and law, just because they cracked an examination. pic.twitter.com/fWQzVxd6T3
— Akash Vani (@DeshDrishyam) July 12, 2024
यदि परिवार की कुल आय 8 लाख सालाना से अधिक होती है तो उसे क्रीमी लेयर और 8 लाख से कम वार्षिक आय वाले अभ्यर्थियों (परिवार सहित) को नॉन क्रीमी लेयर में रखा जाता है। इसके अलावा सरकारी संस्थानों में ओबीसी को 27% का आरक्षण भी मिलता है। पूजा पर नॉन क्रीमी और OBC रिजर्वेशन पॉलिसी के गलत इस्तेमाल का भी आरोप है।
UPSC का मेडिकल देने से किया था इंकार
IAS Pooja Khedkar News Update: सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए मेडिकल टेस्ट देना अनिवार्य होता है। परन्तु यहाँ पर भी पूजा ने अपनी कोविड पॉजिटिव होने और कम दिखाई देने की बीमारी का बहाना बनाकर एक-दो बार नहीं बल्कि 6 बार मेडिकल देने से मना किया था। मेडिकल ना देने के बाद भी उनकी नियुक्ति कैसे हो गयी, ये भी एक जांच का विषय है।
जाँच कमेटी का गठन
पूजा खेडकर पर लगे सभी आरोपों की पुष्टि करने के लिए एक जांच समिति का गठन कर दिया गया है। यह कमेटी लगभग 2 सप्ताह के अंदर अपनी विस्तृत रिपोर्ट देगी। इस कमेटी के रिपोर्ट के बाद ही यह स्पष्ट हो पायेगा कि पूजा की नौकरी रहेगी या उन्हें पद से हटा दिया जायेगा।
🕘❗️पूजा खेडेकर मामले में पूरी जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी- राम कदम#Mumbai | #Action #taken #after #thorough #investigation #PoojaKhedekar #case #RamKadam | @ramkadam pic.twitter.com/qyzUxR9PfE
— RNO | Right News Online (@RNO_Official) July 11, 2024
Image: Twitter
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ब्लॉगिंग को पैशन की तरह फॉलो करने वाले आशीष की टेक्नोलॉजी, बिज़नेस, लाइफस्टाइल, ट्रैवेल और ट्रेंडिंग पोस्ट लिखने में काफी दिलचस्पी है।