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Interesting Facts About Kerala: भारत के दक्षिणी छोर पर बसे एक बेहद ही खूबसूरत राज्य केरल के बारे में कुछ रोचक फैक्ट्स।
Interesting Facts About Kerala: क्या आप जानते हैं कि भारत के कौन से राज्य को भगवान का देश कहा जाता है और दुनिया का सबसे अमीर मंदिर किस राज्य में स्थित है। भारत किस राज्य में आज भी लोग बीमारी के लिए ज्यादातर आयुर्वेदिक नुस्खे का ही इस्तेमाल करते हैं। और यह भारत का एकमात्र ऐसा राज्य है जहां हर गांव में स्कूल व अस्पताल है।
इतना ही नहीं नेशनल ज्योग्राफिक चैनल द्वारा इस राज्य को दुनिया के 10 स्वर्गीय स्थान में जगह दी गई है। और भारत के महान ऋषि श्री शंकराचार्य जी का जन्म भी इसी राज्य में हुआ। तो चलिए आज हम आपको बताएंगे भारत के दक्षिणी छोर पर प्रकृति की गोद में बसे एक बेहद ही खूबसूरत राज्य केरल के बारे में।
Interesting Facts About Kerala: भारत के खूबसूरत राज्य केरल के बारे में कुछ रोचक फैक्ट्स।
1.राज्य का नाम
आज के समय में केरल की कुल आबादी 3 करोड़ के आस-पास है और आजादी से पहले केरल को त्रावनकोर के नाम से जाना जाता था। बाद में त्रावनकोर को और का नाम बदलकर केरल रखा गया। 1 नवंबर 1956 को राज्य के पुनर्गठन के समय त्रावनकोर, कोच्ची और मालाबार को केरल में शामिल कर दिया गया।
2.भारत के सबसे समृद्ध राज्यों में से एक
राज्य की स्थापना के दो दशक बाद तक भी केरल की गिनती भारत के सबसे गरीब और पिछड़े राज्य में की जाती थी। यहां के लोगों के लिए चावल की आपूर्ति करना भी अपने आप में किसी चुनौती से कम नहीं था।
भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी ने कहा था कि “जब तक केरल के प्रत्येक व्यक्ति के थाली तक चावल नहीं पहुंच जाता वह चावल नहीं खाएंगी’। और आज केरल भारत का सबसे प्रमुख धान का उत्पादन करने वाले राज्यों में शुमार है। और आज के समय में केरल की गिनती भारत के सबसे समृद्ध राज्यों में की जाती है।
3. शिक्षा व्यवस्था
केरल ने अपनी शिक्षा व्यवस्था और स्वास्थ्य सुविधाओं की ओर काफी ध्यान दिया है और यही वजह है कि आज केरल भारत के सबसे शिक्षित राज्यों के तौर पर पहचाना जाता है। केरल का लिटरेसी रेट 96% के आस-पास हैं वहीं केरल भारत का पहला राज्य है जहां 100% छात्रों को प्राथमिकता दी जा रही है।
4. सबसे कम बेघर लोग
केरल के लोग बड़े ही नेक दिल इंसान होते हैं, यहां के लोगों का रहन-सहन भारत के अन्य राज्यों से थोड़ा अलग है। यहां के लोग भले ही पक्के मकान में रहते हैं लेकिन उनके आए का प्रमुख स्रोत खेती है। आपको बता दे केरल भारत का वह राज्य है जहां आपको सबसे कम बेघर और बेसहारा लोग देखने को मिलेंगे।
5. रहने वाले लोगों की आयु सीमा
नीति आयोग के एक रिपोर्ट में भी केरल को भारत की सबसे समृद्ध शहरों में जगह दी गई थी। यहां के लोगों का रहन-सहन भारत के अन्य राज्यों के मुकाबले काफी अलग है। और यही वजह है कि केरल के लोग भारत में सबसे ज्यादा लंबे समय तक जीवित रहते हैं। इस राज्य में रहने वाले लोगों की आयु सीमा 75 साल से भी ज्यादा है।
आज केरल के हर गांव में स्कूल, अस्पताल और बैंक की सुविधा मौजूद है। आपको जानकर खुशी होगी कि केरल भारत का एकमात्र राज्य है जिसके हर एक गांव में हॉस्पिटल मौजूद है। शायद यही वजह है कि यहां के लोगों की औसत आयु भारत में सबसे ज्यादा है।
6. God’s Own Country
आपको बता दे कि केरल को “God’s Own Country” भी कहा जाता है क्योंकि यहां पर सभी धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थल मौजूद है। शबरी माला मंदिर और पद्मनाभस्वामी मंदिरों में दर्शन करने दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं। इतना ही नहीं भारत की पहली मस्जिद मलिक दीनार भी केरल में ही बनाई गई थी। साथ ही साथ भारत का पहला चर्च भी केरल में ही बनाया गया था जिसका नाम सेंट थॉमस कैथोलिक चर्च था।
7. विभिन्न धर्मों का योगदान
बात हो अगर धर्म की तो केरल राज्य में 55% आबादी हिंदू धर्म की है तो वही 26 प्रतिशत आबादी मुसलमान है। तो वही ईसाई धर्म को मानने वालों का आंकड़ा 18% के आसपास है। आज केरल जिस स्थिति में नजर आ रहा है उसमें यहां रहने वाले ईसाई धर्म के लोगों का काफी अहम योगदान रहा है।
8. Land of Coconut:
केरल एक मलयालम शब्द है जिसका मतलब होता है “लैंड ऑफ कोकोनट”। केरल में हर जगह आपको नारियल के पेड़ ही नजर आएंगे और यहां पर नारियल पानी आपको पानी की बोतल से भी सस्ता मिलेगा।
9. सबसे ज्यादा रबर का उत्पादन
भारत नेचुरल रबर के उत्पादन के लिए दुनिया में चौथे नंबर पर आता है और पूरे भारत में 90% से ज्यादा रबड़ का उत्पादन सिर्फ केरल राज्य में ही किया जाता है। इसके अलावा केरल को “लैंड आफ स्पाइसेज” भी कहा जाता है।
आपको बता दे हजारों सालों से केरल के मसाले यूरोपीय और अमेरिकी जैसे देश में सप्लाई किया जा रहे हैं। हल्दी, काली मिर्च, इलायची और अदरक का उत्पादन यहां बड़े पैमाने पर किया जाता है।
10. नदियों का राज्य
केरल राज्य को नदियों का राज्य कहा जाए तो इसमें कुछ गलत नहीं होगा क्योंकि यहां छोटी बड़ी मिलाकर कुल 44 नदिया बहती है। इनमें 41 नदियां पश्चिम की ओर बहती है और तीन नदियां पूर्व की ओर। इतना ही नहीं केरल को भारत की सबसे साफ सुथरा राज्यों में गिना जाता है।
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Facts About World’s Largest Antarctica Desert: दुनिया के सबसे बड़े रेगिस्तान से जुड़े कुछ अद्भुत रहस्य।
Facts About World’s Largest Antarctica Desert: क्या आपको पता है कि अंटार्कटिका जिसे आमतौर पर बर्फ की भूमि के नाम से जाना जाता है वह वास्तव में एक विशाल रेगिस्तान है।
जी हां, आपने सही सुना अंटार्कटिका दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान है जिसमें कई अद्भुत और अनोखे तथ्य छुपे हैं। आज हम आपको दुनिया के सबसे बड़े रेगिस्तान अंटार्कटिका से जुड़े 5 अद्भुत रहस्य बताएंगे जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे।
Facts About World’s Largest Antarctica Desert: दुनिया के सबसे बड़े रेगिस्तान, अंटार्कटिका से जुड़े 5 अद्भुत रहस्य
1.दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान
अंटार्कटिका रेगिस्तान को आमतौर पर बर्फ की वजह से केवल एक बर्फीला क्षेत्र माना जाता है, लेकिन असल में यह दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान है। रेगिस्तान की परिभाषा के अनुसार, यह एक ऐसा क्षेत्र होता है जहां बहुत कम बारिश होती है।
अंटार्कटिका में साल भर में केवल 200 मिमी से भी कम बारिश होती है, जिससे यह धरती का सबसे सूखा स्थान बन जाता है।
2.सबसे ठंडा स्थान
अंटार्कटिका रेगिस्तान धरती का सबसे ठंडा स्थान है। यहां अब तक का सबसे कम तापमान माइनस 128.6 डिग्री फारेनहाइट (माइनस 89.2 डिग्री सेल्सियस) दर्ज किया गया है, जो 21 जुलाई 1983 को वॉस्टोक स्टेशन पर मापा गया था।
इतनी कड़कड़ाती ठंड में जीवन का अस्तित्व मुश्किल हो जाता है, फिर भी कुछ विशेष जीव-जंतु और वनस्पतियाँ यहां जीवित रह पाती हैं।
3.अनोखी झीलें
अंटार्कटिका में कई अनोखी झीलें हैं, जो बर्फ के नीचे छिपी हुई हैं। सबसे प्रसिद्ध झीलों में से एक वॉस्टोक झील है, जो लगभग 4 किलोमीटर बर्फ की परत के नीचे स्थित है।
यह झील हजारों सालों से अलग-थलग है और वैज्ञानिकों का मानना है कि इसमें अनोखे और प्राचीन जीवों का अस्तित्व हो सकता है, जो दुनिया के अन्य हिस्सों में नहीं पाए जाते।
4.सक्रिय ज्वालामुखी
अंटार्कटिका बर्फ से ढका हुआ है, लेकिन यहां पर सक्रिय ज्वालामुखी भी हैं। सबसे प्रसिद्ध ज्वालामुखी माउंट एरेबस है, जो दुनिया का सबसे दक्षिणी सक्रिय ज्वालामुखी है। माउंट एरेबस में एक लावा झील भी है, जो इसको और भी रोमांचक बनाती है।
5.अद्वितीय जीव-जंतु
अंटार्कटिका रेगिस्तान में कई अद्वितीय जीव-जंतु पाए जाते हैं, जो कठोर परिस्थितियों में भी जीवित रहते हैं। यहां की सबसे प्रसिद्ध प्रजातियों में से एक है अडेली पेंगुइन, जो ठंड और बर्फीली हवाओं में भी जीवित रहने की क्षमता रखती है। इसके अलावा, वाडेल सील और अंटार्कटिक क्रिल भी यहां के महत्वपूर्ण जीव हैं, जो समुद्री जीवन का हिस्सा हैं।
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7 Interesting Facts About Goddess Katyayani: जानिए नवरात्रि के छठे दिन पूजी जाने वाली मां कात्यायनी के रूप से जुड़े कुछ रोचक तथ्य।
7 Interesting Facts About Goddess Katyayani: आज नवरात्रि का छठा दिन है और आज देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है। आपको बता दे देवी कात्यायनी नवदुर्गा के छठे स्वरूप में पूजनीय है। मान्यता के अनुसार मां दुर्गा ने यह रूप अपने परम भक्त ऋषि कात्यायन के लिए धारण किया था।
मां दुर्गा का छठा अवतार मानी जाने वाली माता कात्यायनी अत्यंत दिव्य और बलशाली मानी जाती है। आज हम आपको नवदुर्गा के छठे रूप देवी कात्यायनी के बारे में सात रोचक तथ्य बताएंगे, जो आपको माता कात्यायनी के महिमा से परिचित कराएंगे।
7 Interesting Facts About Goddess Katyayani: मां कात्यायनी के रूप से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
1.माता कात्यायनी की उत्पत्ति
पौराणिक कथाओं के अनुसार माता कात्यायनी देवी दुर्गा के छठे रूप में पूजी जाती हैं। कहां जाता है माता कात्यायनी का जन्म ऋषि कात्यायन के तप से हुआ था।
ऋषि कात्यायन ने उन्हें अपनी पुत्री के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तप किया था तब देवी ने ऋषि कात्यायन के यहां जन्म लिया था। कहा जाता है की देवी का नाम ऋषि कात्यायन के यहां जन्म लेने से उनका नाम देवी कात्यायनी पड़ा।
2.माता कात्यायनी का रूप
माता कात्यायनी चारभुजा वाली देवी है जिनका स्वरूप अत्यंत दिव्य और प्रभावशाली है। उनकी चार भुजाएं हैं जो शक्ति और संकल्प का प्रतीक मानी जाती हैं। इन चारभुजा में माता कात्यायनी तलवार, कमल, अभयमुद्रा और वरमुद्रा को धारण करती हैं।
देवी कात्यायनी द्वारा उनके चारों भुजाओं में धारण किए गए वस्तुओं का महत्व कुछ इस प्रकार से है-
तलवार- मां कात्यायनी की एक भुजा में तलवार होती है जो बुराई और अधर्म को नाश करने वाली है। तलवार देवी कात्यायनी के शक्ति और साहस का प्रतीक है।
कमल- माता कात्यायनी अपनी दूसरी भुजा में कमल धारण करती है जो उनकी कोमलता और दिव्यता को दर्शाता है और यह शांति और पवित्रता का प्रतीक है।
अभयमुद्रा- देवी कात्यायनी की तीसरी भुजा में अभय मुद्रा होती है जिससे मां कात्यानी अपने भक्तों को हर प्रकार के डर और संकट से मुक्त करती हैं। अभय मुद्रा सुरक्षा और निडरता का प्रतीक माना जाता है।
वरमुद्रा- चौथी भुजा में माता कात्यायनी वर मुद्रा को धारण करती हैं जिससे वे भक्तों की सभी इच्छाओं को पूर्ण करने का आशीर्वाद देती है और ये मां की दयालुता और करुणा का प्रतीक है।
3.महिषासुर मर्दिनी
देवी कात्यायनी को महिषासुर मर्दिनी भी कहा जाता है क्योंकि उन्होंने महिषासुर राक्षस का वध करने के लिए ऋषि कात्यायन की पुत्री के रूप में जन्म लिया था।
कथाओं के अनुसार माता कात्यायनी ने महिषासुर राक्षस का वध करके देवताओं को संकट से मुक्त किया था इसलिए उन्हें महिषासुर मर्दिनी भी कहा जाता है।
4.नवदुर्गा का छठा अवतार।
मां कात्यायनी को नवदुर्गा का छठा अवतार माना जाता है और नवरात्रि के छठे दिन माता कात्यायनी की पूजा की जाती है जिसका नवरात्रि के दिनों में बहुत ही विशेष महत्व होता है।
मां कात्यायनी को नवदुर्गा का अत्यंत दिव्य और बलशाली रूप माना जाता है जो नवदुर्गा के नौ रूपों के विभिन्न पहलुओं का प्रतिनिधित्व करती हैं।
5.ऋषि कन्या
देवी कात्यानी को ऋषि कन्या के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि उन्होंने ऋषि कात्यायन के पुत्री के रूप में जन्म लिया था। कहा जाता है की मां कात्यायनी की पूजा करने से अविवाहित कन्याओं को योग्यवर मिलता है इसलिए नवरात्रि में मां कात्यायनी की पूजा का विशेष महत्व होता है।
6.वेदों और शास्त्रों में उल्लेख।
माना जाता है की देवी कात्यायनी का उल्लेख प्राचीन हिंदू शास्त्रों जैसे वेदों और पुराणों में किया गया है। मान्यताओं के अनुसार मार्कंडेय पुराण के देवी के महात्म्य खंड में देवी कात्यानी द्वारा दुष्ट राक्षसों का वध करने का वर्णन सामने आता है।
7.मंत्र और पूजा।
देवी कात्यायनी नवदुर्गा के साहस और दिव्यता का प्रतीक मानी जाती हैं जिनकी पूजा नवरात्रि के दिनों में बहुत विशेष महत्व रखता है।
भक्तगण यदि नवरात्रि के छठे दिन में माता कात्यायनी के बलशाली मंत्र “ॐ देवी कात्यायन्यै नमः” का जाप करते हैं तो उन्हें माता कात्यायनी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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