भारत के विभिन्न पहाड़ी क्षेत्रों में रेलवे की नैरो-गेज और मीटर-गेज दोनों प्रकार की रेल लाइन्स मौजूद हैं।

पहाड़ी और घुमावदार रास्तों पर ये रेलगाड़ियों एक अलग ही रोमांच का अनुभव कराती हैं।

टॉय ट्रेन के नाम से मशहूर दार्जिलिंग हिमालयन सिलीगुड़ी और दार्जिलिंग के बीच चलती है। 

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दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे

यह तमिलनाडु में स्थित नीलगिरि की पहाड़ियों के बीच से गुजरती है। यह एक 46 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन है।

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नीलगिरि माउंटेन रेलवे

हिमालय के शिवालिक पहाड़ियों के बीच से होते हुए यह ट्रेन चलती है। इस रेलवे में लगभग 100 से ज्यादा सुरंगें और 800 से ज्यादा पुल हैं। 

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कालका-शिमला रेलवे

इस टॉय ट्रेन से आप सह्याद्रि पर्वत के चट्टानी इलाकों और हरी-भरी घाटियों के अद्भुत नज़ारों का लुत्फ़ उठा सकते हैं। 

माथेरान हिल रेलवे

यह धौलाधार पर्वतमाला के बीच की खूबसूरत घाटियों, सीढ़ीदार फसलों और बहुत ही सुन्दर गांवों से होकर गुजरती है। 

कांगड़ा घाटी रेलवे

इस यात्रा पर आपके दिल की धड़कन तेज हो सकती है क्यूकि आप दुर्गम पहाड़ो के बीच से सफर कर रहे होते हैं। 

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जम्मू-बारामूला लाइन

 दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे, नीलगिरि माउंटेन रेलवे और कालका-शिमला रेलवे को यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थलों में शामिल किया है।

विश्व धरोहर स्थल