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Interesting Facts About Antarctica: जानिए दुनिया के सबसे ठंडे महाद्वीप अंटार्टिका के बारे में हैरान कर देने वाले रहस्य
Interesting Facts About Antarctica: हम सब ने Antarctica (अंटार्कटिका ) के बारे में बहुत कुछ सुना है और इंटरनेट पर पढ़ा भी है। लेकिन क्या आपने कभी कल्पना करने की कोशिश की है कि अंटार्कटिका असल में कैसा दिखता है, वहां का वातावरण कैसा होता होगा?
अंटार्कटिका दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा और सबसे ठंडा महाद्वीप है, जहां न ही जमीन दिखती है और ना ही धूप निकलती है, और ना ही कोई हरियाली है। अंटार्कटिका महाद्वीप इतना बड़ा है कि यह हमारी पृथ्वी का 14 Million Square किलोमीटर area कवर करता है।
और दुनिया का 70% शुद्ध पानी इस बर्फ की नगरी अंटार्कटिका में पाया जाता है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपको अंटार्कटिका के बारे में ऐसे रहस्य बताएंगे जो आपने कभी नहीं सुना होगा।
Interesting Facts About Antarctica: दुनिया के सबसे ठंडे महाद्वीप Antarctica के बारे में हैरान कर देने वाले रहस्य।
जब हम Antarctica के बारे में सोचते हैं तो हमारे दिमाग में बस पेंग्विंस और ग्लेशियर दिखाई पड़ते हैं। अगर हम इसको ऊपर से देखेंगे तो अंटार्कटिका हमारी कल्पना से बहुत अलग नहीं लगेगा लेकिन इस विशाल महाद्वीप के विशाल ग्लेशियर के कई सारे रहस्य छुपे हैं।
Antarctica के बर्फ के रेगिस्तानों ने न सिर्फ इंसानों को यहां घर बसाने से रोका है बल्कि इस धरती की कई रहस्य को भी अपने अंदर दबाकर रखा है। अगर आप भी जानना चाहते हैं Antarctica महाद्वीप अपने आप में कौन से राज छुपा रखा हैं तो बने रहिए हमारे इस लेख के साथ।
1. Underground Lake
अपने स्कूलों में पढ़ा होगा कि नॉर्थ पोल और साउथ पोल हमारी धरती के सबसे ठंडे स्थानों में शामिल हैं। अगर अंटार्कटिका के तापमान की बात करें तो यहाँ का टेंपरेचर – 90 डिग्री सेल्सियस तक भी पहुंच जाता है। अंटार्कटिका के मोटी बर्फ के परतों के नीचे कई सारी Underground Lakes मौजूद है। अंटार्कटिका की सबसे बड़ी लेक है Vosotok जो की चार किलोमीटर बर्फ की परत के नीचे मौजूद है।
ये लगभग कनाडा के lake ontario के साइज की है। आप लोग यह सोच रहे होंगे कि इतनी सारी बर्फ के नीचे पानी कैसे हो सकता है। साइंटिस्ट के पास आपके इस सवाल का बहुत सिंपल सा जवाब है बर्फ के नीचे यह पानी हाई प्रेशर के कारण लिक्विड फॉर्म में रहता है और धरती के core द्वारा रेडिएट होने वाली गर्मी भी इन Lakes के पानी का तापमान नॉर्मल रखती है।
Underground lakes, प्रकृति का करिश्मा है क्योंकि इनमें ऐसे इकोसिस्टम बसते हैं जो धरती पर कहीं नहीं मिलते। कई अनोखी बैक्टीरिया, microbes, और मछलियों का इन Lakes में निवास है। ये microbes और जानवर और कहीं नहीं पाए जाते है, और इनका शरीर आस पास के ठंडे तापमान, लाइट और ऑक्सीजन कि गैर मौजूदगी से बहुत ही खूबसूरत तरीके से adapt कर चुका है।
ये इकोसिस्टम एक बहुत बड़ी साइंटिफिक खोज है और उनके स्टडी से हमें धरती के बारे में और क्या-क्या पता चलेगा यह हम बस सोच ही सकते हैं।
2. Blood Waterfalls in Antarctica
1911 में ऑस्ट्रेलिया के एक जियोलॉजिस्ट को यहाँ ब्लड वॉटरफॉल मिला, जब वे टेलर ग्लेशियर की सैर पर निकले थे। टेलर ग्लेशियर से निकलने वाली इस ब्लड वॉटरफॉल का रंग खून जैसा लाल है पहले साइंटिस्ट ने अनुमान लगाया कि पानी का रंग पानी में रहने वाली लाल Algae के वजह से है।
लेकिन बाद में जांच पड़ताल पर पता चला की असल में इस पानी में आयरन ऑक्साइड बहुत ही ज्यादा मात्रा में मौजूद है जिसके कारण पानी का रंग लाल है हालांकि इस वॉटरफॉल के रहस्य को पता करने के लिए आज भी इस वॉटरफॉल के प्राणियों पर रिसर्च जारी है।
3. Singing Ice-Sheets
Antarcticaकी ice असल में गाती है। 1950 में Ross Ice Sheets की केस स्टडी करने पर पाया गया था कि जब हवा इस ice sheets से टकराती है तो वह एक महिला की रोने की आवाज प्रोड्यूस करती है।
यह आवाज इंसान तो नहीं सुन पाते, लेकिन इसमें vibration रिकॉर्ड करने वाली मशीनों द्वारा इस आवाज को साफ सुना जा सकता है। यह आवाज आसपास के तापमान और हवा की गति के अनुसार हर पल चेंज होती रहती है और Ross Ice Shelfs की बर्फ ही नहीं बल्कि अन्य ice sheets में भी यह phenomena देखा गया है।
4. Mountain Ranges in Antarctica
Antarctica एक विशाल महाद्वीप है और यहां इतनी बर्फ है जितनी शायद बाकी की दुनिया में सारी बर्फ मिला के भी ना हो पाये और इतनी सारी बर्फ के अंदर अगर हमें एक माउंटेन रेंज भी मिले तो हमें आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
1950 में बर्फ की एक विशाल सीट के नीचे खोजकर्ताओं ने Gamburtsev Mountain Range की खोज की जो कि लगभग 2700 मीटर ऊंची है और 1200 किलोमीटर लंबी है। इस माउंटेन रेंज का साइज आल्प्स पहाड़ियों जितना माना जा सकता है।
Gamburtsev माउंटेन रेंज दिखती तो आम माउंटेन रेंज की तरह ही है लेकिन इसके बारे में एक खासियत है जिसके कारण साइंटिस्ट को अपना सर खुजाने पर मजबूर कर दिया है। साइंटिस्ट और जियोलॉजिस्ट के अनुसार यह पहाड़ियां करीबन एक बिलियन साल पुरानी है, तो आखिर यह पहाड़ियां इतने साल तक जिंदा कैसे रह सकती हैं, यह बात आज तक वैज्ञानिक भी समझ नहीं पाए।
5. Nazi Bases
हिटलर की चाह थी कि वह पूरी दुनिया में अपना झंडा फहराये और अपना राज जमाए। इस बात का बहुत बड़ा सबूत है अंटार्कटिका पर नाजी बेस का होना, Antarctica जैसी जगह जहां कुछ 10–15 वैज्ञानिकों के अलावा इंसानों का नामोनिशान नहीं है, हिटलर की नाजी आर्मी वहां भी पहुंच गई।
1939 में जब विश्व युद्ध द्वितीय की शुरुआत हुई तो हिटलर ने अनुमान लगाया कि उसकी आर्टिलरी के लिए फ्यूल और बाकी फैट बेस प्रोडक्ट जैसे कि दूध, बटर, चीज, क्रीम वगैरह की कमी हो सकती है तो उन्होंने एक सीक्रेट नाजी सिपाहियों की टोली को जहाज देकर मैर्गेरियन फैट के लिए व्हेल ऑयल की खोज के लिए अंटार्कटिका भेज दिया।
इस सीक्रेट एक्सपीडिशन का नाम था schwabenland expedition, और इसके अंदर था कैप्टन अल्फ्रेड रिचर्ड जो की वर्ल्ड वार 1 के एक कमांडर थे। हालांकि ये एक्सपीडिशन बस कुछ महिने तक ही चला और 5 फरवरी 1939 को जो नाजी सिपाही वापस घर लौट गए।
6. Martian Meteorite
2015 में एक आलू के साइज का बहुत ही अनूठा Meteorite अंटार्कटिका में पाया गया। और जब इस Meteorite कि वैज्ञानिकों ने जांच की तो उन्होंनेे पाया कि यह meteor मंगल ग्रह से आया है। इसके बाद और गहराई से जांच पड़ताल करने पर यह पता चला कि इस छोटे से meteor में बहुत ही अनोखे माइक्रोब्स के फॉसिल्स पाए गए जिससे कि ऐसा पता चलता है कि mars पर भी जीवन है।
अगर अंटार्कटिका में पाए गए एक छोटे से Meteorite से माइक्रोब्स मिले हैं तो mars पर हमें और क्या-क्या मिल सकता है। इसीलिए साइंटिस्ट मंगल पर जीवन की संभावना की तलाश कर रहे हैं।
7. Elongated Skull
इंसान की हड्डियों के सबसे पहले अवशेषों में जो Antarctica में पाए गए वह है यह Elongated, यह खोपड़ियां इंसानों की ही है लेकिन उनके माथे ऊपर से इनका सर बहुत ही अजीब तरह से लंबा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह खोपड़ियां असल में पुराने प्रथाओँ की वजह से है, पहले के जमाने के आदिवासी अपने बच्चों के सर को ठोक ठोक कर या किसी चीज से दबाकर लंबा करते थे।
अंटार्कटिका में पायी गयी यह खोपड़िया पेरू और इजिप्ट में पाए जाने वाले खोपड़ियों से काफी मिलती जुलती हैं। इससे साफ पता चलता है कि आज से कई मिलियन साल पहले अफ्रीका, साउथ अमेरिका, और अंटार्कटिका में रहने वाले आदिवासियों के बीच कुछ गहरा संबंध था।
यह संबंध Tectectonic plates movement और plate separation की थ्योरी को सपोर्ट करता है। और यह साबित करता है कि अंटार्कटिका एक दूसरे विशाल महाद्वीप का हिस्सा था जिसे आज हम Pangea के नाम से भी जानते हैं।
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Facts About World’s Largest Antarctica Desert: दुनिया के सबसे बड़े रेगिस्तान से जुड़े कुछ अद्भुत रहस्य।
Facts About World’s Largest Antarctica Desert: क्या आपको पता है कि अंटार्कटिका जिसे आमतौर पर बर्फ की भूमि के नाम से जाना जाता है वह वास्तव में एक विशाल रेगिस्तान है।
जी हां, आपने सही सुना अंटार्कटिका दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान है जिसमें कई अद्भुत और अनोखे तथ्य छुपे हैं। आज हम आपको दुनिया के सबसे बड़े रेगिस्तान अंटार्कटिका से जुड़े 5 अद्भुत रहस्य बताएंगे जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे।
Facts About World’s Largest Antarctica Desert: दुनिया के सबसे बड़े रेगिस्तान, अंटार्कटिका से जुड़े 5 अद्भुत रहस्य
1.दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान
अंटार्कटिका रेगिस्तान को आमतौर पर बर्फ की वजह से केवल एक बर्फीला क्षेत्र माना जाता है, लेकिन असल में यह दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान है। रेगिस्तान की परिभाषा के अनुसार, यह एक ऐसा क्षेत्र होता है जहां बहुत कम बारिश होती है।
अंटार्कटिका में साल भर में केवल 200 मिमी से भी कम बारिश होती है, जिससे यह धरती का सबसे सूखा स्थान बन जाता है।
2.सबसे ठंडा स्थान
अंटार्कटिका रेगिस्तान धरती का सबसे ठंडा स्थान है। यहां अब तक का सबसे कम तापमान माइनस 128.6 डिग्री फारेनहाइट (माइनस 89.2 डिग्री सेल्सियस) दर्ज किया गया है, जो 21 जुलाई 1983 को वॉस्टोक स्टेशन पर मापा गया था।
इतनी कड़कड़ाती ठंड में जीवन का अस्तित्व मुश्किल हो जाता है, फिर भी कुछ विशेष जीव-जंतु और वनस्पतियाँ यहां जीवित रह पाती हैं।
3.अनोखी झीलें
अंटार्कटिका में कई अनोखी झीलें हैं, जो बर्फ के नीचे छिपी हुई हैं। सबसे प्रसिद्ध झीलों में से एक वॉस्टोक झील है, जो लगभग 4 किलोमीटर बर्फ की परत के नीचे स्थित है।
यह झील हजारों सालों से अलग-थलग है और वैज्ञानिकों का मानना है कि इसमें अनोखे और प्राचीन जीवों का अस्तित्व हो सकता है, जो दुनिया के अन्य हिस्सों में नहीं पाए जाते।
4.सक्रिय ज्वालामुखी
अंटार्कटिका बर्फ से ढका हुआ है, लेकिन यहां पर सक्रिय ज्वालामुखी भी हैं। सबसे प्रसिद्ध ज्वालामुखी माउंट एरेबस है, जो दुनिया का सबसे दक्षिणी सक्रिय ज्वालामुखी है। माउंट एरेबस में एक लावा झील भी है, जो इसको और भी रोमांचक बनाती है।
5.अद्वितीय जीव-जंतु
अंटार्कटिका रेगिस्तान में कई अद्वितीय जीव-जंतु पाए जाते हैं, जो कठोर परिस्थितियों में भी जीवित रहते हैं। यहां की सबसे प्रसिद्ध प्रजातियों में से एक है अडेली पेंगुइन, जो ठंड और बर्फीली हवाओं में भी जीवित रहने की क्षमता रखती है। इसके अलावा, वाडेल सील और अंटार्कटिक क्रिल भी यहां के महत्वपूर्ण जीव हैं, जो समुद्री जीवन का हिस्सा हैं।
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Image: Unsplash
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7 Interesting Facts About Goddess Katyayani: जानिए नवरात्रि के छठे दिन पूजी जाने वाली मां कात्यायनी के रूप से जुड़े कुछ रोचक तथ्य।
7 Interesting Facts About Goddess Katyayani: आज नवरात्रि का छठा दिन है और आज देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है। आपको बता दे देवी कात्यायनी नवदुर्गा के छठे स्वरूप में पूजनीय है। मान्यता के अनुसार मां दुर्गा ने यह रूप अपने परम भक्त ऋषि कात्यायन के लिए धारण किया था।
मां दुर्गा का छठा अवतार मानी जाने वाली माता कात्यायनी अत्यंत दिव्य और बलशाली मानी जाती है। आज हम आपको नवदुर्गा के छठे रूप देवी कात्यायनी के बारे में सात रोचक तथ्य बताएंगे, जो आपको माता कात्यायनी के महिमा से परिचित कराएंगे।
7 Interesting Facts About Goddess Katyayani: मां कात्यायनी के रूप से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
1.माता कात्यायनी की उत्पत्ति
पौराणिक कथाओं के अनुसार माता कात्यायनी देवी दुर्गा के छठे रूप में पूजी जाती हैं। कहां जाता है माता कात्यायनी का जन्म ऋषि कात्यायन के तप से हुआ था।
ऋषि कात्यायन ने उन्हें अपनी पुत्री के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तप किया था तब देवी ने ऋषि कात्यायन के यहां जन्म लिया था। कहा जाता है की देवी का नाम ऋषि कात्यायन के यहां जन्म लेने से उनका नाम देवी कात्यायनी पड़ा।
2.माता कात्यायनी का रूप
माता कात्यायनी चारभुजा वाली देवी है जिनका स्वरूप अत्यंत दिव्य और प्रभावशाली है। उनकी चार भुजाएं हैं जो शक्ति और संकल्प का प्रतीक मानी जाती हैं। इन चारभुजा में माता कात्यायनी तलवार, कमल, अभयमुद्रा और वरमुद्रा को धारण करती हैं।
देवी कात्यायनी द्वारा उनके चारों भुजाओं में धारण किए गए वस्तुओं का महत्व कुछ इस प्रकार से है-
तलवार- मां कात्यायनी की एक भुजा में तलवार होती है जो बुराई और अधर्म को नाश करने वाली है। तलवार देवी कात्यायनी के शक्ति और साहस का प्रतीक है।
कमल- माता कात्यायनी अपनी दूसरी भुजा में कमल धारण करती है जो उनकी कोमलता और दिव्यता को दर्शाता है और यह शांति और पवित्रता का प्रतीक है।
अभयमुद्रा- देवी कात्यायनी की तीसरी भुजा में अभय मुद्रा होती है जिससे मां कात्यानी अपने भक्तों को हर प्रकार के डर और संकट से मुक्त करती हैं। अभय मुद्रा सुरक्षा और निडरता का प्रतीक माना जाता है।
वरमुद्रा- चौथी भुजा में माता कात्यायनी वर मुद्रा को धारण करती हैं जिससे वे भक्तों की सभी इच्छाओं को पूर्ण करने का आशीर्वाद देती है और ये मां की दयालुता और करुणा का प्रतीक है।
3.महिषासुर मर्दिनी
देवी कात्यायनी को महिषासुर मर्दिनी भी कहा जाता है क्योंकि उन्होंने महिषासुर राक्षस का वध करने के लिए ऋषि कात्यायन की पुत्री के रूप में जन्म लिया था।
कथाओं के अनुसार माता कात्यायनी ने महिषासुर राक्षस का वध करके देवताओं को संकट से मुक्त किया था इसलिए उन्हें महिषासुर मर्दिनी भी कहा जाता है।
4.नवदुर्गा का छठा अवतार।
मां कात्यायनी को नवदुर्गा का छठा अवतार माना जाता है और नवरात्रि के छठे दिन माता कात्यायनी की पूजा की जाती है जिसका नवरात्रि के दिनों में बहुत ही विशेष महत्व होता है।
मां कात्यायनी को नवदुर्गा का अत्यंत दिव्य और बलशाली रूप माना जाता है जो नवदुर्गा के नौ रूपों के विभिन्न पहलुओं का प्रतिनिधित्व करती हैं।
5.ऋषि कन्या
देवी कात्यानी को ऋषि कन्या के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि उन्होंने ऋषि कात्यायन के पुत्री के रूप में जन्म लिया था। कहा जाता है की मां कात्यायनी की पूजा करने से अविवाहित कन्याओं को योग्यवर मिलता है इसलिए नवरात्रि में मां कात्यायनी की पूजा का विशेष महत्व होता है।
6.वेदों और शास्त्रों में उल्लेख।
माना जाता है की देवी कात्यायनी का उल्लेख प्राचीन हिंदू शास्त्रों जैसे वेदों और पुराणों में किया गया है। मान्यताओं के अनुसार मार्कंडेय पुराण के देवी के महात्म्य खंड में देवी कात्यानी द्वारा दुष्ट राक्षसों का वध करने का वर्णन सामने आता है।
7.मंत्र और पूजा।
देवी कात्यायनी नवदुर्गा के साहस और दिव्यता का प्रतीक मानी जाती हैं जिनकी पूजा नवरात्रि के दिनों में बहुत विशेष महत्व रखता है।
भक्तगण यदि नवरात्रि के छठे दिन में माता कात्यायनी के बलशाली मंत्र “ॐ देवी कात्यायन्यै नमः” का जाप करते हैं तो उन्हें माता कात्यायनी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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Image: Wallpaer Cave
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