The Rapid Khabar

दशहरा और नवरात्रि का गहरा संबंध, साधना से विजय तक की आध्यात्मिक यात्रा !

दशहरा और नवरात्रि का गहरा संबंध, साधना से विजय तक की आध्यात्मिक यात्रा !

Vijayadashami Celebration In India

Vijayadashami Celebration In India-भारत त्योहारों की धरती है, जहाँ हर पर्व अपने साथ कोई न कोई संदेश लेकर आता है। इन्हीं प्रमुख पर्वों में शामिल हैं नवरात्रि और दशहरा (Vijayadashami)।

नवरात्रि का समापन जैसे ही होता है, उसी के अगले दिन दशहरा मनाया जाता है। यह केवल कैलेंडर का संयोग नहीं, बल्कि दोनों के बीच गहरी आध्यात्मिक कड़ी है। नवरात्रि आत्मसंयम और भक्ति का प्रतीक है तो दशहरा विजय और सफलता का संदेश देता है।

Vijayadashami Celebration In India-नवरात्रि से दशहरा तक का सफर

नवरात्रि के नौ दिनों तक माता दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की आराधना की जाती है। भक्तजन व्रत रखते हैं, पूजा-पाठ करते हैं और शक्ति साधना में लीन रहते हैं। यह साधना व्यक्ति को भीतर से मजबूत बनाती है।

दसवां दिन, जिसे Vijayadashami कहते हैं, इस साधना का परिणाम होता है। यह दिन हमें बताता है कि नौ दिनों की तपस्या और आस्था के बाद अच्छाई की शक्ति जागृत होती है और बुराई का अंत होता है।

धार्मिक मान्यताएं

Vijayadashami celebration in india

दशहरे और नवरात्रि का संबंध कई धार्मिक कथाओं से जुड़ा हुआ है। महिषासुर मर्दिनी की कथा के अनुसार नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा ने महिषासुर नामक असुर से युद्ध किया और दशमी के दिन उसका वध कर संसार को भयमुक्त किया।

इसलिए Vijayadashami को उनकी विजय का प्रतीक माना जाता है।रामायण की कथा के अनुसार इसी दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध कर धर्म की स्थापना की थी।

रावण का अंत केवल एक युद्ध की जीत नहीं, बल्कि अधर्म और अहंकार पर सत्य और धर्म की जीत थी। इन दोनों घटनाओं से स्पष्ट होता है कि नवरात्रि की साधना और दशहरे की विजय एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं।

नवरात्रि और दशहरे का महत्व

यदि गहराई से समझा जाए तो नवरात्रि और दशहरा दो चरणों की तरह हैं। नवरात्रि आत्मशक्ति को जगाने का समय है, जब व्यक्ति अपनी कमजोरियों पर नियंत्रण पाना सीखता है। दशहरा उस आत्मशक्ति का परिणाम है, जब साधना और संयम से प्राप्त ऊर्जा बुराई पर विजय दिलाती है। यानी, नवरात्रि बिना दशहरे के अधूरी है और दशहरा बिना नवरात्रि की साधना के संभव नहीं।

अलग-अलग राज्यों में दशहरा और नवरात्रि का संबंध

उत्तर भारत में नवरात्रि के दौरान रामलीला का मंचन होता है और दशहरे के दिन रावण दहन के साथ इस परंपरा का समापन होता है। बंगाल और पूर्वोत्तर भारत में नवरात्रि दुर्गा पूजा के रूप में मनाई जाती है।

Vijayadashami के दिन देवी की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है और इसे ‘मां की विदाई’ भी माना जाता है।दक्षिण भारत में नवरात्रि में ‘गोलू’ यानी गुड़ियों की सजावट की परंपरा है। महिलाएं घरों में अलग-अलग थीम पर गुड़ियों की सजावट करती हैं और दशहरे पर इस सजावट का समापन किया जाता है।

हिमाचल प्रदेश का कुल्लू दशहरा विश्व प्रसिद्ध है, जो नवरात्रि के बाद शुरू होकर पूरे सात दिन तक चलता है। इसमें देवताओं की शोभायात्रा और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। वहीं कर्नाटक का मैसूर दशहरा भी अपनी भव्यता के लिए जाना जाता है। इस दौरान मैसूर पैलेस को लाखों बल्बों से सजाया जाता है और हाथियों की शोभायात्रा के साथ सांस्कृतिक उत्सव मनाया जाता है।

धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व

नवरात्रि हमें साधना, संयम और भक्ति की शिक्षा देती है। यह समय है जब हम भीतर की नकारात्मक शक्तियों – जैसे क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार – से लड़ने की तैयारी करते हैं। दशहरा इस साधना का परिणाम है, जब अच्छाई की विजय और आत्मशक्ति की पुष्टि होती है।

नवरात्रि आत्म-संयम की परीक्षा है और दशहरा उस परीक्षा में सफलता का दिन है। यही कारण है कि इन दोनों पर्वों को अलग न मानकर एक ही आध्यात्मिक यात्रा के दो चरण कहा जाता है।

आज के समय में दशहरा और नवरात्रि

आज के समय में भी नवरात्रि और दशहरा लोगों को सकारात्मकता और एकता का संदेश देते हैं। बड़े-बड़े शहरों में मेले और रामलीला का आयोजन होता है। बाजारों में खरीदारी की रौनक बढ़ जाती है और लोग नए वाहन और मकान खरीदने के लिए इस दिन को शुभ मानते हैं।

साथ ही पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए अब कई जगहों पर इको-फ्रेंडली रावण पुतले और ग्रीन दुर्गा प्रतिमाएं बनाने की पहल की जा रही है। इससे त्योहार का धार्मिक महत्व भी बना रहता है और प्रकृति को नुकसान भी नहीं पहुंचता।

नवरात्रि और दशहरा केवल त्योहार नहीं, बल्कि जीवन जीने का दर्शन हैं। नवरात्रि हमें आस्था और आत्मशक्ति की राह दिखाती है, जबकि दशहरा बताता है कि जब हम सच्चाई और संयम के साथ आगे बढ़ते हैं, तो विजय निश्चित होती है। इसीलिए दोनों पर्वों को मिलाकर देखा जाए तो वे साधना से विजय तक की पूर्ण आध्यात्मिक यात्रा का प्रतीक बन जाते हैं।

इमेज सोर्स: Twitter

हॉलीवुड स्टार सेलेना गोमेज़ ने रचाई शादी, म्यूजिक प्रोड्यूसर बेनी ब्लैंको बने जीवनसाथी

 

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now
Instagram Page Join Now

ऑटोमोबाइल

How To