Navratri Yoga And Meditation-नवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जिसे न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि स्वास्थ्य और मानसिक शांति के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
यह नौ दिनों का पवित्र समय होता है, जब लाखों लोग माता दुर्गा की आराधना, व्रत और भक्ति में लीन रहते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, Navratri के दौरान योग और मेडिटेशन अपनाने से शरीर और मन दोनों को लाभ मिलता है।
Navratri Yoga And Meditation-नवरात्रि का आध्यात्मिक और स्वास्थ्य संबंधी महत्व
Navratri केवल पूजा और व्रत का पर्व नहीं है, बल्कि यह शरीर, मन और आत्मा को संतुलित करने का अवसर भी है।
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— ryogabless (@ryogabless) September 23, 2025
व्रत और उपवास के दौरान शरीर को ऊर्जा की आवश्यकता होती है और मानसिक तनाव बढ़ सकता है। इस समय योग और ध्यान करने से शारीरिक ऊर्जा बनी रहती है और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
योग और मेडिटेशन क्यों करें?
योग और मेडिटेशन के माध्यम से न केवल शरीर सक्रिय रहता है, बल्कि मानसिक तनाव कम होता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि व्रत और उपवास के दौरान हल्का योगाभ्यास करना, प्राणायाम करना और ध्यान लगाना शरीर और मन को सकारात्मक ऊर्जा देता है। ध्यान करने से मन स्थिर रहता है और भावनाओं पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
नवरात्रि में अपनाए जाने वाले योग अभ्यास
इस दौरान कुछ सरल योगाभ्यास अपनाए जा सकते हैं जैसे:
सूर्य नमस्कार: शरीर को सक्रिय और लचीला बनाता है।
प्राणायाम: श्वास नियंत्रण से मानसिक शांति और ऊर्जा मिलती है।
हल्के स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज: मांसपेशियों को ताकत और लचीलापन देते हैं।
मेडिटेशन का आध्यात्मिक लाभ
Navratri में ध्यान करने से व्यक्ति मानसिक रूप से शांत होता है और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करता है। माता दुर्गा के मंत्रों का उच्चारण करते हुए ध्यान करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और भावनात्मक शक्ति बढ़ती है। इससे व्यक्ति अधिक आत्मविश्वासी और सशक्त महसूस करता है।
नवरात्रि में योग और ध्यान की दिनचर्या
सुबह जल्दी उठकर 15-20 मिनट का हल्का योग और ध्यान नवरात्रि के दौरान सबसे लाभकारी होता है। इससे न केवल शरीर में शक्ति बनी रहती है, बल्कि दिनभर के काम और जिम्मेदारियों को सहजता से पूरा किया जा सकता है। यह दिनचर्या मानसिक स्पष्टता और संतुलन बनाए रखने में भी सहायक है।
विशेषज्ञों की सलाह
हाल ही में किए गए सर्वेक्षणों के अनुसार, Navratri में योग और ध्यान करने वाले लोग अधिक ऊर्जावान, सकारात्मक और मानसिक रूप से संतुलित रहते हैं। वहीं जो लोग केवल व्रत रखते हैं और मानसिक रूप से तनावग्रस्त रहते हैं, उन्हें थकान और चिड़चिड़ापन अधिक महसूस होता है।
Navratri केवल व्रत और पूजा का पर्व नहीं है, बल्कि यह शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने का अवसर भी है। योग और ध्यान के माध्यम से इस पर्व का महत्व और बढ़ जाता है। इस नवरात्रि हर व्यक्ति को चाहिए कि वह अपने दैनिक जीवन में योग और ध्यान को शामिल करे और माता दुर्गा की शक्ति का अनुभव करे।
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