Navratri Vrat During Periods-शारदीय Navratri हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जिसे मां दुर्गा की उपासना और भक्ति के लिए मनाया जाता है। यह पर्व आश्विन महीने में आता है और नौ दिनों तक चलता है। इस दौरान महिलाएं व्रत रखती हैं, देवी की आराधना करती हैं और अपने घर को साफ-सुथरा करके पूजा स्थल सजाती हैं।
हालांकि, कई महिलाएं अपने मासिक धर्म (पीरियड्स) के दौरान पूजा और व्रत को लेकर संशय में रहती हैं। परंतु धार्मिक और आधुनिक स्वास्थ्य दृष्टिकोण के अनुसार, सही तरीके और सावधानियों के साथ पीरियड्स में भी पूजा और व्रत किया जा सकता है।
Navratri Vrat During Periods-पीरियड्स में घटस्थापना कैसे करें?
मासिक धर्म के दौरान पारंपरिक रूप से मिट्टी या धातु की मूर्ति स्थापित करना कठिन माना जाता है, लेकिन मनोभाव और भक्ति के साथ सरल घटस्थापना संभव है। इस वर्ष शारदीय Navratri 2025 22 सितंबर से 2 अक्टूबर तक मनाई जाएगी और घटस्थापना का शुभ मुहूर्त 22 सितंबर 2025 को सुबह 6:09 बजे से 8:06 बजे तक का कन्या लग्न है।
इसके लिए घर में कोई साफ-सुथरी जगह चुनें और वहां एक साफ कलश या गमला रखें, जिसमें पानी भरें। इसके ऊपर हल्दी, सिंदूर और फूल डालकर सजावट करें और इस कलश को देवी माँ का प्रतीक मानकर भक्ति और श्रद्धा के साथ प्रार्थना करें। इस तरीके से घटस्थापना पूरी श्रद्धा के साथ की जा सकती है और पीरियड्स के दौरान भी सुरक्षित रहती है।
पूजा विधि और मंत्र
महावारी के दौरान लंबी या जटिल पूजा करने की बजाय साधारण पूजा अपनाना सबसे बेहतर है। इस दौरान रोज़ाना “ॐ श्री दुर्गायै नमः” या “ॐ दुर्गे सुख समृद्धि देहि” जैसे मंत्रों का जाप किया जा सकता है, साथ ही घर पर हल्की आरती और भजन-संकीर्तन भी किया जा सकता है, क्योंकि भजन सुनना भी पुण्य का कार्य माना जाता है।
पूजा और प्रार्थना के समय मन को शांत और सकारात्मक रखना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यही भक्ति का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसके माध्यम से मानसिक शांति और देवी माँ की कृपा प्राप्त होती है।
अधिक रक्तस्राव या थकान होने पर कठोर पूजा या व्रत से बचें।
शरीर को ठंडा रखें और हाइजीन का ध्यान रखें।
पूजा सामग्री जैसे फूल, हल्दी, सिंदूर आदि का उपयोग सुरक्षित तरीके से करें।
पीरियड्स में Navratri का पालन करना स्वास्थ्य और श्रद्धा के संतुलन का मामला है। पूर्ण भक्ति और सरल विधियों के माध्यम से महिलाएं नौ दिन तक देवी माँ की पूजा और व्रत कर सकती हैं।
यह समय केवल नियमों का पालन नहीं, बल्कि आध्यात्मिक अनुभव और मानसिक शांति का अवसर है। इस प्रकार, पीरियड्स में भी नवरात्रि को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जा सकता है, जिससे स्वास्थ्य और धर्म दोनों का ध्यान रखा जा सके।
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