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Myths and Facts About Incognito Mode: प्राइवेट ब्राउज़िंग के बारे में मिथक और तथ्य
Myths and Facts About Incognito Mode: प्राइवेट ब्राउज़िंग या इन्कॉग्निटो मोड एक ऐसा शब्द है जो वर्तमान समय में हम लोगों के बीच बहुत अधिक प्रचलित है। हम लोग लगभग रोज ही प्राइवेट ब्राउज़िंग का इस्तेमाल करते हैं। आज से समय में अधिकतर लोगों को प्राइवेट ब्राउज़िंग की पूरी जानकारी नहीं है।
अगर हम किसी भी वेब ब्राउज़र के इस इन्कॉग्निटो मोड की विशेषता और उसके पीछे के तथ्यों के बारे में बताये तो आप आश्चर्यचकित हो जायेंगें। इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको प्राइवेट ब्राउज़िंग से जुड़े कुछ मिथकों और फैक्ट्स को आपके सामने रखेंगें जो आपके प्राइवेट ब्राउज़िंग को इस्तेमाल करने में बेहद मददगार साबित होंगे।
प्राइवेट ब्राउज़िंग, जिसे कुछ ब्राउज़रों में इन्कॉग्निटो मोड के नाम से भी जाना जाता है, एक ऐसी सुविधा है जो आपके डेटा को इकठ्ठा किये बिना आपको इंटरनेट ब्राउज़ करने की आज़ादी देती है। यह इन्कॉग्निटो मोड आपको कुछ हद तक प्राइवेट रखता है, लेकिन अगर आप यह सोच रहे है कि यह आपकी एक्टिविटी को पूरी तरह से प्राइवेट कर देता है तो आप गलत हैं।
यहाँ हम प्राइवेट ब्राउज़िंग से जुड़ें हुए कुछ सामान्य मिथक और तथ्यों को बता रहे हैं। अगर आप इंटरनेट का उपयोग करते हैं तो इस पोस्ट को एक बार पूरा अवश्य पढ़ें।
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Some Myths and Facts About Incognito Mode – प्राइवेट ब्राउज़िंग के बारे में मिथक और तथ्य
Myth: प्राइवेट ब्राउज़िंग आपके IP Address को छुपा देती है।
Fact: जब आप प्राइवेट ब्राउज़िंग या इन्कॉग्निटो मोड का उपयोग करते हैं, तब भी आपका IP Address दिखाई देता है। अगर आपका इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) चाहें तो आपके आईपी का पता लगाकर आपके द्वारा देखी जाने वाली सभी प्रकार की वेबसाइटों को देख सकता है, वह भी तब जब आप प्राइवेट ब्राउज़िंग का उपयोग कर रहे होते हैं।
आप चाहे नार्मल ब्राउज़र यूज़ कर रहे हो या प्राइवेट ब्राउज़र, आपकी सभी एक्टिविटी आपके ISP द्वारा ट्रैक की जा सकती है।
Myth: प्राइवेट ब्राउजिंग आपकी इंटरनेट स्पीड को धीमा कर देती है।
Fact: हमारे दिमाग में यह धारणा बन गयी है कि प्राइवेट ब्राउज़िंग से हमारे इंटरनेट की गति धीमी हो सकती है। टेक्निकल एक्सपर्ट्स के अनुसार ऐसा बिलकुल भी नही है। प्राइवेट ब्राउज़िंग सामान्यतया आपके इंटरनेट कनेक्शन की स्पीड बहुत प्रभावित नहीं करते हैं।
इंटरनेट की स्पीड, सर्वर पर अधिक लोड होने पर या आपके एरिया में अधिक यूजर के इंटरनेट उपयोग करने के कारण भी स्लो हो सकती है।
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Myth: प्राइवेट ब्राउज़िंग आपकी सभी ट्रैकिंग कुकीज़ को ब्लॉक करती है।
Fact: प्राइवेट ब्राउज़िंग नई कुकीज़ को स्टोर नहीं करती है। यह विभिन्न कंपनियों द्वारा ऐड चलाने में उपयोग की जाने वाली थर्ड-पार्टी कुकीज़ को ब्लॉक नहीं करती है , जिससे ऐड चलाने वाली कंपनियों को आपकी एक्टिविटी का पता चल जाता है और वो आपके एक्टिविटी के अनुसार आपको अपने प्रोडक्ट्स के ऐड दिखाते हैं।
Myth: इन्कॉग्निटो मोड में ब्राउज़िंग करने से मैलवेयर और वायरस से सुरक्षा होती है।
Fact: हम लोगों में एक और ग़लतफ़हमी यह है कि प्राइवेट ब्राउज़िंग करने से हमारे सिस्टम, लैपटॉप या स्मार्टफोन में मैलवेयर और वायरस नहीं आ सकते हैं। लेकिन आईटी एक्सपर्ट्स की माने तो ऐसा बिलकुल भी नहीं है। इन्कॉग्निटो मोड को लोकल डाटा को स्टोर नहीं करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, लेकिन ये आपको मैलवेयर या वायरस से बचाने में बहुत मददगार नहीं होते हैं।
ऑनलाइन खतरों से बचने के लिए हमको एक बढ़िया एंटीवायरस का उपयोग करना चाहिए और अपने सिस्टम को रेगुलर अपडेट करते रहना चाहिए। इसके साथ ही अपरिचित वेबसाइटों को यूज़ करने या फ़ाइलें डाउनलोड करते समय बहुत ही सावधानी बरतना चाहिए।
प्राइवेट ब्राउज़िंग आपको मैलवेयर या फ़िशिंग हमलों से नहीं बचा सकती है। आपको संदिग्ध वेबसाइटों या स्पैम ईमेल से सावधान रहना चाहिए।
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Myth: प्राइवेट ब्राउज़िंग आपकी आइडेंटिटी को छुपा देती है।
Fact: प्राइवेट ब्राउज़िंग के बारे में सबसे फेमस मिथकों में से एक यह है कि यह आपकी ऑनलाइन एक्टिविटी को पूरी तरह से छुपा देती है। प्राइवेट ब्राउज़िंग करने से कोई भी वेब ब्राउज़र आपके इंटरनेट की हिस्ट्री को स्टोर नहीं करता है परन्तु ये आपको पूरी तरह से Anonymous नहीं बनाता है।
आप की इंटरनेट पर मौजूदगी आपके इंटरनेट प्रोवाइडर को पता चल सकती है। जब आप Google Chrome या Mozila Firefox के प्राइवेट ब्राउज़र से इंटरनेट सर्फिंग करते है तो यह आपके ब्राउज़िंग हिस्ट्री, कुकीज़ और टेम्पररी फ़ाइलों को स्टोर नहीं करता है।
आपका आईपी एड्रेस अभी भी विज़िबल रहता है और यदि आपका इंटरनेट प्रोवाइडर चाहे तो वह आपकी गतिविधि को ट्रैक कर सकता है।
Myth: प्राइवेट ब्राउज़िंग केवल गलत कार्यों में उपयोग किया जाता है।
Fact: कुछ लोगों का यह भी मानना है कि प्राइवेट ब्राउज़िंग का उपयोग लोगों द्वारा अवैध या संदिग्ध ऑनलाइन एक्टिविटीज में किया जाता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार यह एक ग़लत धारणा है। प्राइवेट ब्राउज़र ( इन्कॉग्निटो मोड ) का उपयोग कोई भी इंसान कर सकता है जो ऑनलाइन कोई भी काम करता है।
आज कल इंटरनेट का उपयोग करने वाले यूजर है कि हममें से अधिकतर लोग अपने काम के लिए प्राइवेट ब्राउज़िंग का यूज़ करते हैं। एक उदाहरण के लिए, यदि आप एक आईटी प्रोफेशनल हैं, तो आप निश्चित ही इन्कॉग्निटो मोड का यूज़ करते होंगें।
यदि आप किसी जरूरी रिसर्च कर रहे है आप चाहते हैं कि आपकी वो हिस्ट्री ब्राउज़र में स्टोर ना हो, तो आप प्राइवेट ब्राउज़िंग कर सकते हैं।
Myth: प्राइवेट ब्राउज़िंग आपकी सारी एक्टिविटी को डिलीट कर देती है।
Fact: हममें से अधिकतर लोगों में यह ग़लतफ़हमी है कि प्राइवेट ब्राउज़िंग आपकी सभी तरह की ऑनलाइन एक्टिविटी को पूरी तरह से डिलीट कर देती है। यह बात पूरी तरह से सही नहीं है। आपको ये मालूम हो चुका है कि प्राइवेट ब्राउज़िंग आपके ब्राउज़िंग हिस्ट्री को, कुकीज़ या कैश डेटा को स्टोर नहीं करती है।
इसके अतिरिक्त आपको यह भी पता होना चाहिए कि प्राइवेट ब्राउज़िंग पर हम जब भी कोई फाइल डाउनलोड करते हैं या किसी वेबसाइट को बुकमार्क के रूप में सेव करते हैं तो उसको तब तक सहेजा जाता है जब तक कि उसे हम डिलीट ना कर दें।
Myth: प्राइवेट ब्राउजिंग को केवल टेकनिकल लोग ही उपयोग कर सकते हैं।
Fact: प्राइवेट ब्राउजिंग से जुड़ा एक और मिथक यह है कि यह केवल टेक्निक को समझने वाले व्यक्तियों के लिए ही है जो इंटरनेट की प्राइवेसी को समझते हैं। परन्तु ये बात पूरी तरह से गलत है।
वर्तमान समय में प्राइवेट ब्राउजिंग को आम इंसान ज्यादा उपयोग में लाते हैं। आपको इंटरनेट की थोड़ी ही नॉलेज क्यू ना हो या आप एक एक्सपर्ट यूजर हो, आप अपनी ऑनलाइन प्राइवेसी के लिए प्राइवेट ब्राउजिंग को यूज़ कर सकते हैं।
Myth: प्राइवेट ब्राउजिंग VPN का एक ऑप्शन है।
Fact: अगर हम एक VPN की बात करें तो वह एक हाई लेवल की सुरक्षा देता है। प्राइवेट ब्राउजिंग और VPN में कोई समानता नहीं हो सकती है।
कुछ गिने-चुने प्राइवेट ब्राउज़र एक सीमित हद तक कुछ प्राइवेसी प्रदान करते हैं। प्राइवेट ब्राउजिंग, हमारी ऑनलाइन प्राइवेसी और बहुत लोगों के बीच में प्राइवेसी की एक पतली लेयर है।
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Myth: प्राइवेट ब्राउज़िंग आपके Geo-location को छुपा देती है।
Fact: प्राइवेट ब्राउज़िंग में ऐसा कोई भी फीचर नहीं है जिससे आपके लोकेशन की जानकारी का पता ना लगाया जा सके। इसमें ऐसा भी कोई फीचर नहीं है, जिससे आप प्रतिबंधित कंटेंट या वेबसाइट को देख पाये।
अगर आप ऐसा करते हैं तो आपके IP Address से सब कुछ पता चल सकता है। पूरी तरह Anonymous रहने के लिए आपको एक वीपीएन या प्रॉक्सी सर्वर की जरूरत होती है। परन्तु एक नार्मल यूजर को ऐसी कोई आवश्यकता नहीं होती है।
निष्कर्ष: हालाँकि इन्कॉग्निटो मोड ( प्राइवेट ब्राउज़िंग ) के अपने कुछ फायदे हैं, लेकिन हम सबको इसकी लिमिटेशन को जानना बहुत महत्वपूर्ण है। आपको अपने ब्राउज़र की हिस्ट्री, कुकीज़ को कुछ दिनों के अंतराल पर डिलीट करते रहना चाहिए।
ट्रैकर्स को ब्लॉक करने के लिए ब्राउज़र में कई तरह के एक्सटेंशन आते हैं, आप उनका उपयोग कर सकते हैं। खुद को अपडेट रखें और ऑनलाइन खतरों से सुरक्षित रखें।
यह लेख सिर्फ जानकारी के लिए है।
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आशीष ने कुछ समय पहले ही ब्लॉग लिखना शुरू किया है। इनकी टेक्नोलॉजी, बिज़नेस, लाइफस्टाइल, ट्रैवेल और ट्रेंडिंग पोस्ट लिखने में काफी दिलचस्पी है।
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Facts About World’s Largest Antarctica Desert: दुनिया के सबसे बड़े रेगिस्तान से जुड़े कुछ अद्भुत रहस्य।
Facts About World’s Largest Antarctica Desert: क्या आपको पता है कि अंटार्कटिका जिसे आमतौर पर बर्फ की भूमि के नाम से जाना जाता है वह वास्तव में एक विशाल रेगिस्तान है।
जी हां, आपने सही सुना अंटार्कटिका दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान है जिसमें कई अद्भुत और अनोखे तथ्य छुपे हैं। आज हम आपको दुनिया के सबसे बड़े रेगिस्तान अंटार्कटिका से जुड़े 5 अद्भुत रहस्य बताएंगे जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे।
Facts About World’s Largest Antarctica Desert: दुनिया के सबसे बड़े रेगिस्तान, अंटार्कटिका से जुड़े 5 अद्भुत रहस्य
1.दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान
अंटार्कटिका रेगिस्तान को आमतौर पर बर्फ की वजह से केवल एक बर्फीला क्षेत्र माना जाता है, लेकिन असल में यह दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान है। रेगिस्तान की परिभाषा के अनुसार, यह एक ऐसा क्षेत्र होता है जहां बहुत कम बारिश होती है।
अंटार्कटिका में साल भर में केवल 200 मिमी से भी कम बारिश होती है, जिससे यह धरती का सबसे सूखा स्थान बन जाता है।
2.सबसे ठंडा स्थान
अंटार्कटिका रेगिस्तान धरती का सबसे ठंडा स्थान है। यहां अब तक का सबसे कम तापमान माइनस 128.6 डिग्री फारेनहाइट (माइनस 89.2 डिग्री सेल्सियस) दर्ज किया गया है, जो 21 जुलाई 1983 को वॉस्टोक स्टेशन पर मापा गया था।
इतनी कड़कड़ाती ठंड में जीवन का अस्तित्व मुश्किल हो जाता है, फिर भी कुछ विशेष जीव-जंतु और वनस्पतियाँ यहां जीवित रह पाती हैं।
3.अनोखी झीलें
अंटार्कटिका में कई अनोखी झीलें हैं, जो बर्फ के नीचे छिपी हुई हैं। सबसे प्रसिद्ध झीलों में से एक वॉस्टोक झील है, जो लगभग 4 किलोमीटर बर्फ की परत के नीचे स्थित है।
यह झील हजारों सालों से अलग-थलग है और वैज्ञानिकों का मानना है कि इसमें अनोखे और प्राचीन जीवों का अस्तित्व हो सकता है, जो दुनिया के अन्य हिस्सों में नहीं पाए जाते।
4.सक्रिय ज्वालामुखी
अंटार्कटिका बर्फ से ढका हुआ है, लेकिन यहां पर सक्रिय ज्वालामुखी भी हैं। सबसे प्रसिद्ध ज्वालामुखी माउंट एरेबस है, जो दुनिया का सबसे दक्षिणी सक्रिय ज्वालामुखी है। माउंट एरेबस में एक लावा झील भी है, जो इसको और भी रोमांचक बनाती है।
5.अद्वितीय जीव-जंतु
अंटार्कटिका रेगिस्तान में कई अद्वितीय जीव-जंतु पाए जाते हैं, जो कठोर परिस्थितियों में भी जीवित रहते हैं। यहां की सबसे प्रसिद्ध प्रजातियों में से एक है अडेली पेंगुइन, जो ठंड और बर्फीली हवाओं में भी जीवित रहने की क्षमता रखती है। इसके अलावा, वाडेल सील और अंटार्कटिक क्रिल भी यहां के महत्वपूर्ण जीव हैं, जो समुद्री जीवन का हिस्सा हैं।
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7 Interesting Facts About Goddess Katyayani: जानिए नवरात्रि के छठे दिन पूजी जाने वाली मां कात्यायनी के रूप से जुड़े कुछ रोचक तथ्य।
7 Interesting Facts About Goddess Katyayani: आज नवरात्रि का छठा दिन है और आज देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है। आपको बता दे देवी कात्यायनी नवदुर्गा के छठे स्वरूप में पूजनीय है। मान्यता के अनुसार मां दुर्गा ने यह रूप अपने परम भक्त ऋषि कात्यायन के लिए धारण किया था।
मां दुर्गा का छठा अवतार मानी जाने वाली माता कात्यायनी अत्यंत दिव्य और बलशाली मानी जाती है। आज हम आपको नवदुर्गा के छठे रूप देवी कात्यायनी के बारे में सात रोचक तथ्य बताएंगे, जो आपको माता कात्यायनी के महिमा से परिचित कराएंगे।
7 Interesting Facts About Goddess Katyayani: मां कात्यायनी के रूप से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
1.माता कात्यायनी की उत्पत्ति
पौराणिक कथाओं के अनुसार माता कात्यायनी देवी दुर्गा के छठे रूप में पूजी जाती हैं। कहां जाता है माता कात्यायनी का जन्म ऋषि कात्यायन के तप से हुआ था।
ऋषि कात्यायन ने उन्हें अपनी पुत्री के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तप किया था तब देवी ने ऋषि कात्यायन के यहां जन्म लिया था। कहा जाता है की देवी का नाम ऋषि कात्यायन के यहां जन्म लेने से उनका नाम देवी कात्यायनी पड़ा।
2.माता कात्यायनी का रूप
माता कात्यायनी चारभुजा वाली देवी है जिनका स्वरूप अत्यंत दिव्य और प्रभावशाली है। उनकी चार भुजाएं हैं जो शक्ति और संकल्प का प्रतीक मानी जाती हैं। इन चारभुजा में माता कात्यायनी तलवार, कमल, अभयमुद्रा और वरमुद्रा को धारण करती हैं।
देवी कात्यायनी द्वारा उनके चारों भुजाओं में धारण किए गए वस्तुओं का महत्व कुछ इस प्रकार से है-
तलवार- मां कात्यायनी की एक भुजा में तलवार होती है जो बुराई और अधर्म को नाश करने वाली है। तलवार देवी कात्यायनी के शक्ति और साहस का प्रतीक है।
कमल- माता कात्यायनी अपनी दूसरी भुजा में कमल धारण करती है जो उनकी कोमलता और दिव्यता को दर्शाता है और यह शांति और पवित्रता का प्रतीक है।
अभयमुद्रा- देवी कात्यायनी की तीसरी भुजा में अभय मुद्रा होती है जिससे मां कात्यानी अपने भक्तों को हर प्रकार के डर और संकट से मुक्त करती हैं। अभय मुद्रा सुरक्षा और निडरता का प्रतीक माना जाता है।
वरमुद्रा- चौथी भुजा में माता कात्यायनी वर मुद्रा को धारण करती हैं जिससे वे भक्तों की सभी इच्छाओं को पूर्ण करने का आशीर्वाद देती है और ये मां की दयालुता और करुणा का प्रतीक है।
3.महिषासुर मर्दिनी
देवी कात्यायनी को महिषासुर मर्दिनी भी कहा जाता है क्योंकि उन्होंने महिषासुर राक्षस का वध करने के लिए ऋषि कात्यायन की पुत्री के रूप में जन्म लिया था।
कथाओं के अनुसार माता कात्यायनी ने महिषासुर राक्षस का वध करके देवताओं को संकट से मुक्त किया था इसलिए उन्हें महिषासुर मर्दिनी भी कहा जाता है।
4.नवदुर्गा का छठा अवतार।
मां कात्यायनी को नवदुर्गा का छठा अवतार माना जाता है और नवरात्रि के छठे दिन माता कात्यायनी की पूजा की जाती है जिसका नवरात्रि के दिनों में बहुत ही विशेष महत्व होता है।
मां कात्यायनी को नवदुर्गा का अत्यंत दिव्य और बलशाली रूप माना जाता है जो नवदुर्गा के नौ रूपों के विभिन्न पहलुओं का प्रतिनिधित्व करती हैं।
5.ऋषि कन्या
देवी कात्यानी को ऋषि कन्या के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि उन्होंने ऋषि कात्यायन के पुत्री के रूप में जन्म लिया था। कहा जाता है की मां कात्यायनी की पूजा करने से अविवाहित कन्याओं को योग्यवर मिलता है इसलिए नवरात्रि में मां कात्यायनी की पूजा का विशेष महत्व होता है।
6.वेदों और शास्त्रों में उल्लेख।
माना जाता है की देवी कात्यायनी का उल्लेख प्राचीन हिंदू शास्त्रों जैसे वेदों और पुराणों में किया गया है। मान्यताओं के अनुसार मार्कंडेय पुराण के देवी के महात्म्य खंड में देवी कात्यानी द्वारा दुष्ट राक्षसों का वध करने का वर्णन सामने आता है।
7.मंत्र और पूजा।
देवी कात्यायनी नवदुर्गा के साहस और दिव्यता का प्रतीक मानी जाती हैं जिनकी पूजा नवरात्रि के दिनों में बहुत विशेष महत्व रखता है।
भक्तगण यदि नवरात्रि के छठे दिन में माता कात्यायनी के बलशाली मंत्र “ॐ देवी कात्यायन्यै नमः” का जाप करते हैं तो उन्हें माता कात्यायनी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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