Brain Swelling After Stroke -स्ट्रोक के बाद मस्तिष्क में सूजन एक ऐसी जटिल स्थिति है, जो कई बार मरीज की जान के लिए गंभीर खतरा बन जाती है। इसे मेडिकल भाषा में पोस्ट-स्ट्रोक सेरेब्रल एडेमा कहा जाता है।
Brain Stroke के दौरान मस्तिष्क की कोशिकाएं ऑक्सीजन और पोषण से वंचित हो जाती हैं, जिससे वे क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। इसके बाद मस्तिष्क के प्रभावित हिस्से में द्रव जमा होने लगता है, जो धीरे-धीरे खतरनाक सूजन का रूप ले लेता है।
यह सूजन मस्तिष्क के भीतर दबाव (इंट्राक्रैनियल प्रेशर) को बढ़ा देती है, और चूंकि मस्तिष्क खोपड़ी के भीतर सीमित जगह में होता है, यह दबाव अन्य हिस्सों को भी प्रभावित करने लगता है।
ऐसी स्थिति में तेज सिरदर्द, उल्टी, चक्कर, भ्रम, बेहोशी या लकवा जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इन संकेतों की समय रहते पहचान और त्वरित इलाज बेहद जरूरी है, क्योंकि थोड़ी सी भी देर मरीज की जान ले सकती है।
इस पोस्ट में हम जानेंगे कि Stroke के बाद मस्तिष्क में सूजन क्यों होती है, इसके लक्षण क्या हैं और समय रहते कैसे बचाव किया जा सकता है।
Brain Swelling After Stroke -स्ट्रोक के बाद सूजन क्यों होती है?
Brain Stroke के दौरान मस्तिष्क के किसी हिस्से को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषण नहीं मिल पाता, जिसके कारण वहां की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त या नष्ट हो जाती हैं। इसके बाद शरीर की स्वाभाविक प्रतिक्रिया के रूप में प्रभावित क्षेत्र में सूजन आने लगती है, जिसे पोस्ट-स्ट्रोक एडेमा (Post-Stroke Edema) कहा जाता है।
Stroke के बाद क्षतिग्रस्त मस्तिष्क कोशिकाएं अपने भीतर पानी खींचने लगती हैं, जिससे टिश्यू में द्रव (Fluid) का जमाव होता है और सूजन बढ़ने लगती है। इसके अलावा, सामान्य परिस्थितियों में मस्तिष्क को सुरक्षित रखने वाली परत ब्लड-ब्रेन बैरियर (Blood-Brain Barrier) हानिकारक तत्वों को रोकती है, लेकिन Brain Stroke के बाद यह क्षतिग्रस्त हो सकती है, जिससे द्रव और प्रोटीन मस्तिष्क ऊतकों में रिसने लगते हैं।
साथ ही, शरीर स्ट्रोक प्रभावित क्षेत्र की रक्षा के लिए सूजन को नियंत्रित करने वाले रसायन छोड़ता है, लेकिन कई बार ये रसायन उल्टा असर डालते हैं और सूजन को और बढ़ा देते हैं। इन सभी कारणों से मस्तिष्क में खतरनाक दबाव बन सकता है, जो मरीज की जान के लिए जोखिमपूर्ण साबित होता है।
सूजन कब खतरनाक होती है?
मस्तिष्क एक कठोर हड्डी, यानी खोपड़ी, से घिरा होता है, जहां फैलने के लिए कोई अतिरिक्त जगह नहीं होती। ऐसे में जब Stroke के बाद मस्तिष्क में सूजन बढ़ने लगती है, तो यह इंट्राक्रैनियल प्रेशर (Intracranial Pressure) को खतरनाक स्तर तक पहुंचा सकती है।
यह बढ़ा हुआ दबाव मस्तिष्क के अन्य हिस्सों पर असर डालता है, जिससे उनकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है। इसके साथ ही, मस्तिष्क को मिलने वाली ऑक्सीजन की आपूर्ति और घट जाती है, जिससे स्थिति और गंभीर हो जाती है।
यदि यह दबाव लंबे समय तक बना रहे, तो मरीज को कोमा में जाने का खतरा बढ़ जाता है और कई मामलों में यह मृत्यु का कारण भी बन सकता है। इसीलिए Brain Stroke के बाद सूजन का समय रहते पता लगाना और तुरंत इलाज करना बेहद जरूरी है।
पोस्ट-स्ट्रोक सूजन के लक्षण
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सिरदर्द का अचानक और तेज़ होना
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उल्टी या मिचली
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भ्रम, चक्कर या बेहोशी
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बोलने या समझने में कठिनाई
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शरीर के एक हिस्से में कमजोरी या लकवा
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दौरे (Seizures)
बचाव और इलाज
पोस्ट-स्ट्रोक सूजन का समय पर पता लगाना और इलाज करना बेहद जरूरी है।
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जल्दी पहचान और अस्पताल पहुंचना – स्ट्रोक के शुरुआती 3–4.5 घंटे इलाज के लिए गोल्डन पीरियड माने जाते हैं।
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मेडिकल मैनेजमेंट –
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दवाओं द्वारा सूजन और मस्तिष्क दबाव को कम करना।
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हाइपरओस्मोलर थेरेपी (Mannitol या Hypertonic Saline) का उपयोग।
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सर्जरी – गंभीर मामलों में डिकंप्रेसिव क्रेनिएक्टॉमी (Decompressive Craniectomy) की जाती है, जिसमें खोपड़ी का एक हिस्सा अस्थायी रूप से हटा दिया जाता है ताकि सूजन कम हो सके।
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ब्लड प्रेशर और शुगर कंट्रोल – इनका संतुलन बिगड़ने से सूजन और बढ़ सकती है।
Brain Stroke के बाद होने वाली सूजन एक गंभीर जटिलता है जो मरीज की जान को खतरे में डाल सकती है। समय पर पहचान, सही इलाज और सावधानी बरतने से मरीज की जान बचाई जा सकती है और लंबे समय के नुकसान को भी रोका जा सकता है। स्ट्रोक के लक्षण दिखते ही देर न करें और तुरंत आपातकालीन चिकित्सा सहायता लें।
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पल्लवी को लाइफस्टाइल की अच्छी समझ है, वह हेल्थ, लाइफस्टाइल, मनोरंजन से संबंधित पोस्ट लिखना पसंद करती हैं।