Himachal Pradesh Kinnaur Cloudburst: आज सुबह हिमाचल प्रदेश के किन्नौर ज़िले में एक बड़ा प्राकृतिक हादसा हुआ। जिले के पूह ब्लॉक में स्थित रालदांग खड्ड (Raldang Khad) और तांगलिंग (Tangling) क्षेत्र में बादल फटने की घटना सामने आई, जिससे इलाके में भारी तबाही मच गई। इस हादसे ने किन्नर कैलाश यात्रा को सीधे तौर पर प्रभावित किया, जिसके चलते यात्रा को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया है।
Himachal Pradesh Kinnaur Cloudburst: 413 श्रद्धालु सुरक्षित रेस्क्यू किए गए
हादसे के समय सैकड़ों श्रद्धालु किन्नर कैलाश यात्रा पर थे। अचानक पानी और मलबे का सैलाब आने से यात्रा मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया और श्रद्धालु बीच रास्ते में फंस गए।इस स्थिति में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) ने संयुक्त अभियान चलाकर 413 श्रद्धालुओं को सुरक्षित बाहर निकाला।
हिमाचल के किन्नौर में फटा बादल, खतरनाक वीडियो आया सामने. किन्नर कैलाश यात्रा पर सैंकड़ों लोग फंसे, ITBP ने 413 श्रद्धालुओं को बचाया#HimachalPradesh #HimachalPradeshCloudBurst #CloudBurst #KinnaurKailash pic.twitter.com/H97Fr4h3qJ
— Zee News (@ZeeNews) August 6, 2025
बचाव कार्य में rope traverse crossing तकनीक का इस्तेमाल किया गया, क्योंकि क्षेत्र में पुल बह चुके थे और सड़कें टूट गई थीं।ITBP की 17वीं बटालियन के साथ कुल 1 गजटेड अधिकारी, 4 सब-ऑफिसर, 29 जवान और NDRF की टीम ने इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया।
Kinnaur Cloudburst से यात्रा मार्ग और सड़कों को भारी नुकसान
भारी बारिश और बादल फटने से कई स्थानों पर भूस्खलन और अचानक बाढ़ की स्थिति बन गई।
रिब्बा नाला (Ribba Nallah) में आई बाढ़ से राष्ट्रीय राजमार्ग‑5 (NH-5) का करीब 15 मीटर हिस्सा बह गया है, जिससे सड़क संपर्क पूरी तरह टूट गया है।
सांगला घाटी में बहने वाले चार छोटे नालों में तेज़ बाढ़ आने से दो अस्थायी पुल भी बह गए हैं।
इस वजह से किन्नर कैलाश यात्रा का रूट बंद कर दिया गया है और भविष्य में मौसम की स्थिति को देखते हुए ही इसे फिर से शुरू करने पर विचार किया जाएगा।
प्रशासन की सक्रियता
Kinnaur Cloudburst हादसे के तुरंत बाद राज्य प्रशासन और केंद्र से मिली आपदा राहत टीमें सक्रिय हो गईं।
लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया
टेंट, भोजन, और मेडिकल सहायता उपलब्ध कराई गई
खराब मौसम की चेतावनी को देखते हुए नई यात्राओं पर फिलहाल प्रतिबंध लगाया गया है।
मौसम विभाग की चेतावनी
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने हिमाचल प्रदेश के कई जिलों—जैसे शिमला, मंडी, कांगड़ा, भुंतर, धर्मशाला आदि—के लिए 11 अगस्त तक येलो अलर्ट जारी किया है।
राज्य सरकार ने लोगों से नदी-नालों और यात्रा मार्गों से दूर रहने की अपील की है और आपात स्थिति के लिए सभी जिलों में कंट्रोल रूम अलर्ट मोड पर हैं।
स्थानीय लोगों की परेशानी
Kinnaur Cloudburst की इस घटना से केवल यात्री ही नहीं, स्थानीय ग्रामीण आबादी भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। कई घरों में पानी घुस गया है, खेतों को नुकसान पहुंचा है और बिजली-पानी की आपूर्ति पर असर पड़ा है। प्रशासन ने कहा है कि क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे की मरम्मत का काम जल्द शुरू किया जाएगा।
किन्नर कैलाश यात्रा: एक पवित्र तीर्थ
किन्नर कैलाश यात्रा हिमाचल प्रदेश की सबसे पवित्र धार्मिक यात्राओं में से एक मानी जाती है, जो हर साल जुलाई‑अगस्त में आयोजित होती है। इस यात्रा में श्रद्धालु 18,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित शिवलिंग के दर्शन के लिए कठिन पहाड़ी रास्तों से गुजरते हैं। यात्रा मार्ग में नदियाँ, खड्ड, और ग्लेशियर आते हैं, जिससे इसका रूट मौसम के प्रभाव में अत्यंत संवेदनशील रहता है।
हिमाचल प्रदेश –
किन्नौर जिले में कल बादल फटने के बाद किन्नर कैलाश यात्रा स्थगित की गई। यात्रा पर गए 413 श्रद्धालुओं को ITBP/NDRF ने रेस्क्यू किया। बचाव-राहत अभियान जारी है। pic.twitter.com/s2xHYP8YhR
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) August 6, 2025
हिमाचल प्रदेश में मानसून के दौरान बादल फटना कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस बार Kinnaur Cloudburst घटना ने एक बार फिर आपदा प्रबंधन और पूर्व चेतावनी तंत्र की अहमियत को रेखांकित किया है। प्रशासन की तत्परता से सैकड़ों जानें बचाई गईं, लेकिन प्रकृति की यह मार इस बात की भी चेतावनी है कि हमें पर्वतीय क्षेत्रों में सतर्कता और योजना के साथ ही आगे बढ़ना होगा।
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