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Himachal Pradesh Cloudburst News: हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से तबाही, अब तक 18 की मौत, 30 से अधिक लापता, मंडी और कुल्लू ज़िला सबसे ज्यादा प्रभावित

Himachal Pradesh Cloudburst News: हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से तबाही, अब तक 18 की मौत, 30 से अधिक लापता, मंडी और कुल्लू ज़िला सबसे ज्यादा प्रभावित

Himachal Pradesh Cloudburst News

Himachal Pradesh Cloudburst News: हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश ने कहर बरपा दिया है। मंडी, कुल्लू, कांगड़ा और किन्नौर जैसे पहाड़ी ज़िलों में अचानक बादल फटने की कई घटनाएं सामने आई हैं। सरकारी आंकड़ों और ज़मीनी रिपोर्टों के अनुसार, अब तक कम से कम 18 लोगों की मौत हो चुकी है और 30 से ज़्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। अकेले Mandi ज़िले में 11 मौतों की पुष्टि हुई है और सैकड़ों लोग प्रभावित हुए हैं।

Himachal pradesh cloudburst news

Himachal Pradesh Cloudburst News: मंडी में सबसे भीषण तबाही

मंडी ज़िले के सिराज और धर्मपुर क्षेत्र में बीते सप्ताह बादल फटने (Cloudburst) की घटना ने सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया है। यहां 24 से अधिक घर, 12 गोशालाएं, और कई निजी वाहन पूरी तरह बह गए या मलबे में दब गए। इसके अलावा, करीब 117 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है। सरकारी रिपोर्ट में बताया गया कि मंडी जिले में करीब ₹800 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

कुल्लू और कांगड़ा में भी हालात गंभीर

कुल्लू ज़िले की सैंज घाटी में पार्वती नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया, जिससे कई गांवों का सम्पर्क टूट गया। वहीं, कांगड़ा में भी भूस्खलन के कारण कई सड़कें बंद हो गई हैं। बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित हो चुकी है। यहां रेड अलर्ट जारी किया गया है।

राज्य सरकार के अनुसार, 30 जून से 2 जुलाई के बीच एक ही रात में 17 स्थानों पर Cloudburst की घटनाएं हुईं। इससे ना केवल जनजीवन प्रभावित हुआ बल्कि सड़कें, पुल और जलसंरचनाएं भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुईं।

आईएमडी ने जारी किया रेड और ऑरेंज अलर्ट

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने हिमाचल प्रदेश के कुल्लू, मंडी और कांगड़ा जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है। अन्य ज़िलों के लिए ऑरेंज और येलो अलर्ट लागू किया गया है। विभाग के अनुसार अगले कुछ दिनों तक बारिश का यही सिलसिला जारी रह सकता है।

रेस्क्यू ऑपरेशन तेज़, लेकिन चुनौतियां भी बड़ी

एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और स्थानीय प्रशासन की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्यों में लगी हुई हैं। हेलिकॉप्टर की मदद से कई इलाकों में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा रहा है। लेकिन कुछ दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंच बनाना अब भी मुश्किल हो रहा है क्योंकि रास्ते बंद हो चुके हैं।

मासूम नीतिका बनी ‘राज्य की संतान’

इस Cloudburst त्रासदी में सबसे मार्मिक घटना रही 10 महीने की नीतिका की कहानी, जो Mandi आपदा में अनाथ हो गई। राज्य सरकार ने उसे ‘राज्य की संतान’ (Child of the State) घोषित किया है और मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत उसकी शिक्षा, स्वास्थ्य और देखभाल का जिम्मा उठाया है।

राजनेताओं की प्रतिक्रिया और मांग

पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने केंद्र सरकार से क्षेत्र-विशेष आपदा राहत पैकेज की मांग की है। उन्होंने यह भी आग्रह किया है कि वन संरक्षण अधिनियम में छूट दी जाए जिससे पुनर्निर्माण में तेजी लाई जा सके। जय राम ठाकुर ने दावा किया कि अकेले सिराज क्षेत्र में ₹1000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।

राज्य प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और मौसम विभाग द्वारा जारी चेतावनियों का पालन करें। जरूरत पड़ने पर आपदा नियंत्रण कक्ष या नजदीकी पुलिस स्टेशन से तुरंत संपर्क करें।

हिमाचल प्रदेश में मानसून की तबाही इस वर्ष रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। पहाड़ों में प्रकृति की नाराज़गी ने यह साफ कर दिया है कि जलवायु परिवर्तन का असर अब सीधे जीवन और संपत्ति पर पड़ने लगा है। सरकार राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई है, लेकिन पुनर्वास और पुनर्निर्माण एक दीर्घकालिक चुनौती होगी।

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