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Amazing Temples of Lord Shiva- भगवान शिव के अलौकिक मंदिर जो अद्भुत होने के साथ ही बेहद रहस्यमयी भी हैं !

Amazing Temples of Lord Shiva- भगवान शिव के अलौकिक मंदिर जो अद्भुत होने के साथ ही बेहद रहस्यमयी भी हैं !

Amazing Temples of Lord Shiva

Amazing Temples of Lord Shiva- भारत में भगवान शिव को संहार और सृजन के देवता के रूप में पूजा जाता है। जहाँ काशी विश्वनाथ, केदारनाथ और सोमनाथ जैसे प्रसिद्ध शिव मंदिर श्रद्धालुओं की भीड़ से सजे रहते हैं। वहीं कुछ ऐसे रहस्यमयी और अलौकिक शिव मंदिर भी हैं, जिनके चमत्कार और रहस्य आज तक विज्ञान से परे हैं।

ये मंदिर न सिर्फ धार्मिक स्थल हैं, बल्कि आध्यात्मिक रहस्य और प्रकृति की अद्भुत लीला के प्रतीक हैं। आइए जानते हैं भगवान शिव के कुछ ऐसे अदृश्य और अलौकिक मंदिरों के बारे में, जो आम जनता की नजरों से दूर हैं, लेकिन अपने चमत्कारों से लोगों की आस्था को और भी गहरा कर देते हैं।

Amazing Temples of Lord Shiva- भगवान शिव के अद्भुत और अलौकिक मंदिर

स्तंभेश्वर महादेव मंदिर, गुजरात – जो रोज़ समंदर में समा जाता है

गुजरात के कावी-कांबोई गाँव में स्थित यह मंदिर अरब सागर के किनारे बना है और इसकी विशेषता यह है कि यह प्रतिदिन ज्वार-भाटा के समय पानी में डूब जाता है और फिर उतरते ज्वार के साथ फिर से प्रकट हो जाता है।

यह चमत्कारिक दृश्य भगवान शिव की लीलाओं में से एक माना जाता है। यह मंदिर लगभग 150 साल पुराना है और समुद्र से जुड़ा होने के कारण यह आध्यात्मिक शांति और प्राकृतिक सौंदर्य दोनों का संगम है।

कोट्टियूर मंदिर, केरल – साल में सिर्फ एक बार खुलता है

Amazing temples of lord shiva

केरल के वन क्षेत्रों में स्थित कोट्टियूर मंदिर एकमात्र ऐसा शिव मंदिर है जो साल में सिर्फ एक बार, 28 दिनों के लिए, विशेष पूजा के लिए खुलता है। यहाँ कोई पक्की संरचना नहीं है, बल्कि एक स्वयंभू शिवलिंग नदी के किनारे खुले में स्थित है।

मान्यता है कि यहीं पर सती का यज्ञ हुआ था और भगवान शिव ने तांडव किया था। यह मंदिर प्रकृति की गोद में बसा है, जहाँ लगता है स्वयं शिव विराजमान हैं।

लिंगराज मंदिर, ओडिशा – जिसकी छाया नहीं पड़ती

 

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भुवनेश्वर का लिंगराज मंदिर न सिर्फ शिवभक्तों का प्रिय स्थल है, बल्कि इसका रहस्य यह है कि इसके मुख्य शिखर की कोई छाया नहीं पड़ती। चाहे सूरज किसी भी दिशा में हो, इस मंदिर का मुख्य गुंबद छाया नहीं देता। यह रहस्य आज तक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से स्पष्ट नहीं हो पाया है और लोग इसे शिव की लीला मानते हैं।

वीरभद्र मंदिर, आंध्र प्रदेश – हवा में लटका स्तंभ

 

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लेपाक्षी गाँव में स्थित यह 16वीं शताब्दी का वीरभद्र मंदिर एक विशेष कारण से प्रसिद्ध है – यहाँ एक स्तंभ है जो ज़मीन को छूता ही नहीं। यह स्तंभ हवा में लटका हुआ है और इसके नीचे से कपड़ा आसानी से निकाला जा सकता है। मान्यता है कि यह चमत्कार भगवान शिव की दिव्य शक्ति से संभव हुआ है।

महेन्द्रगिरि पर्वत मंदिर, ओडिशा – जहाँ साधु नहीं, देवता करते हैं पूजा

महेन्द्रगिरि पर्वत पर स्थित यह प्राचीन शिव मंदिर गहरे जंगलों में बसा है और माना जाता है कि यहाँ परशुराम जी ने भगवान शिव की तपस्या की थी। यह स्थान इतना शांत और अलौकिक है कि श्रद्धालु दावा करते हैं कि यहाँ अक्सर पूजा की घंटियाँ और मंत्रोच्चारण सुनाई देते हैं, जबकि आसपास कोई मनुष्य नहीं होता।

भूतनाथ मंदिर, छत्तीसगढ़ – आत्माओं का निवास स्थान

यह मंदिर छत्तीसगढ़ के मरौदा गाँव में स्थित है और मान्यता है कि यहाँ भगवान शिव की सेवा भूत-प्रेत करते हैं। यह स्थान सामान्य मंदिरों की तरह चहल-पहल वाला नहीं है, बल्कि यहाँ श्रद्धालु रात्रि में दर्शन कर विशेष अनुभूतियाँ पाते हैं। यहाँ आने वाले कई भक्तों का कहना है कि उन्हें सपनों में संकेत मिलते हैं और इच्छाएं पूरी होती हैं।

पातालेश्वर गुफा मंदिर, महाराष्ट्र – अधूरा लेकिन चमत्कारी

पुणे में स्थित यह मंदिर एक विशाल पत्थर को काटकर बनाया गया है। लेकिन यह मंदिर अधूरा है – कहा जाता है कि किसी दिव्य संकेत के कारण निर्माण कार्य एक रात में रोक दिया गया। यहाँ की शांति और शिवलिंग से उत्पन्न ऊर्जा आज भी लोगों को आध्यात्मिक अनुभव कराती है।

मध्यमहेश्वर मंदिर (उत्तराखंड)

 

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पंचकेदारों में से एक, यह मंदिर भगवान शिव के नाभि रूप की पूजा के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ पहुँचने के लिए कठिन ट्रैकिंग करनी पड़ती है। कहा जाता है कि यहाँ रात में घंटियों और मंत्रोच्चार की आवाज़ें सुनाई देती हैं, जब वहाँ कोई नहीं होता।

रहस्य और श्रद्धा का अद्वितीय संगम

इन मंदिरों की कहानियाँ सिर्फ धार्मिक नहीं हैं, बल्कि यह प्रमाण भी हैं कि भारत की आध्यात्मिक संस्कृति कितनी गहराई और रहस्य से भरी हुई है। भगवान शिव स्वयं “अज्ञेय” (Unpredictable) कहे जाते हैं — जो न तो पूरी तरह समझे जा सकते हैं, न ही सीमित किए जा सकते हैं। इन मंदिरों में उनकी वही अनंत और अलौकिक उपस्थिति आज भी जीवित है।

शिव को “भूतनाथ”, “कालों के काल” और “रहस्य के अधिपति” कहा जाता है।भगवान शिव को रहस्यों और अलौकिकताओं का देवता कहा जाता है। इन अदृश्य और रहस्यमय मंदिरों में ना केवल उनकी शक्ति का अनुभव होता है, बल्कि यह भी प्रतीत होता है कि वे आज भी इस धरती पर अपनी उपस्थिति बनाए हुए हैं।

Mysterious facts about lingaraj temple

भारत एक ऐसा देश है जहाँ धर्म, आस्था और चमत्कारों की अनेक कथाएँ हर कोने में बसी हुई हैं। विशेष रूप से भगवान शिव के मंदिरों से जुड़ी कई ऐसी अद्भुत और रहस्यमयी बातें हैं जो आज तक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी नहीं सुलझ पाई हैं।

इन स्थलों की यात्रा केवल तीर्थ नहीं, बल्कि आत्मा की यात्रा है — एक ऐसा सफर जहाँ विज्ञान खत्म होता है और श्रद्धा प्रारंभ होती है। उनके कई मंदिर आज भी अपनी चमत्कारी घटनाओं और रहस्यों के कारण चर्चा का विषय बने हुए हैं।


इमेज सोर्स: Instagram 

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