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Importance Of Rudrabhishek In Sawan- सावन में भगवान शिव का क्यों करते हैं रुद्राभिषेक, जानें महत्व !

Importance Of Rudrabhishek In Sawan- सावन में भगवान शिव का क्यों करते हैं रुद्राभिषेक, जानें महत्व !

Importance Of Rudrabhishek In Sawan

Importance Of Rudrabhishek In Sawan-जैसे ही हिन्दू कैलेंडर में सावन महीने की एंट्री होती है शिव भक्तों का जोश देखते ही बनता है। कहते हैं शिवजी के सबसे प्रिय महीनों में से एक है सावन।

भोलेनाथ को खुश करने का सबसे उपयुक्त समय सावन महीना ही है, इसीलिए भक्त भी कोई कसर नहीं छोड़ते। शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करना सावन महीने में सबसे पुण्यकारी बताया गया है। दूध, पानी, शहद, दही, घी… हर चीज़ का अपना अलग ही मतलब है।

Importance of rudrabhishek in sawan

कौन-सी चीज से क्या मिलता है? किसे सुख-समृद्धि चाहिए, किसे शांति, किसे हेल्थ? सबका जुड़ाव है रुद्राभिषेक के इन द्रव्यों से। चलिए जानते हैं इस पावन सावन महीने में आखिर रुद्राभिषेक की किस चीज क्या खास महत्व होता है।

Importance Of Rudrabhishek In Sawan- भगवान शिव के रुद्राभिषेक का क्या है महत्त्व

इस वर्ष श्रावण मास 11 जुलाई, शुक्रवार से प्रारंभ हो रहा है। पूरे महीने शिव भक्त मंदिरों में जाकर महादेव का जलाभिषेक करते हैं, क्योंकि मान्यता है कि भोलेनाथ केवल एक लोटा जल से भी प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। लेकिन रुद्राभिषेक का महत्व (Rudrabhishek In Sawan) इससे कहीं अधिक है, क्योंकि यह विभिन्न समस्याओं के निवारण और विशिष्ट इच्छाओं की पूर्ति के लिए किया जाता है।

रुद्राभिषेक का महत्व

 

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रुद्राभिषेक भगवान शिव को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का एक बहुत ही महत्वपूर्ण और प्रभावशाली वैदिक अनुष्ठान है। “रुद्र” भगवान शिव का एक नाम है और “अभिषेक” का अर्थ होता है स्नान कराना। इस प्रकार, रुद्राभिषेक (Rudrabhishek In Sawan) का अर्थ है भगवान शिव के रुद्र स्वरूप का विभिन्न पवित्र द्रव्यों से अभिषेक करना।

रुद्राभिषेक का महत्व कई कारणों से है:

पापों से मुक्ति: माना जाता है कि रुद्राभिषेक करने से व्यक्ति अपने पिछले जन्मों के पापों से मुक्ति पा सकता है और वर्तमान जीवन में किए गए पापों का नाश होता है। यह आत्मशुद्धि का एक शक्तिशाली माध्यम है।

मनोकामना पूर्ति: रुद्राभिषेक को मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। भक्त अपनी विशिष्ट कामनाओं (जैसे संतान प्राप्ति, धन लाभ, रोग मुक्ति, विवाह, नौकरी आदि) के लिए विशेष द्रव्यों से रुद्राभिषेक करवाते हैं, और ऐसी मान्यता है कि इससे उनकी इच्छाएं पूरी होती हैं।

ग्रह दोषों की शांति: कुंडली में उपस्थित ग्रह दोषों, विशेषकर मंगल दोष, शनि और राहु-केतु के दुष्प्रभावों को शांत करने के लिए रुद्राभिषेक एक प्रभावी उपाय है। यह नकारात्मक ग्रहों के प्रभाव को कम कर सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।

सुख-शांति और समृद्धि: रुद्राभिषेक करने से घर-परिवार में सुख, शांति और समृद्धि आती है। यह पारिवारिक कलह को दूर करता है और आपसी मनमुटाव को मिटाता है।

स्वास्थ्य लाभ: कई प्रकार की बीमारियों और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए भी रुद्राभिषेक किया जाता है। शीतल जल, गंगाजल या इत्र मिले जल से अभिषेक करने से रोगों का नाश होता है।

व्यवसाय और करियर में सफलता: व्यावसायिक और शैक्षणिक सफलता के लिए भी रुद्राभिषेक बहुत लाभकारी माना जाता है। यह व्यापार में वृद्धि और करियर में उच्च पद की प्राप्ति में सहायक होता है।

शत्रु बाधा से मुक्ति: सरसों के तेल से अभिषेक करने पर शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है और उनसे उत्पन्न होने वाली बाधाएं दूर होती हैं।

मोक्ष प्राप्ति: तीर्थ के जल से अभिषेक करने पर (Rudrabhishek In Sawan) मोक्ष की प्राप्ति होती है और व्यक्ति कर्म बंधनों से मुक्त होता है।

दैवीय कृपा: भगवान शिव अत्यंत भोले और दयालु हैं। रुद्राभिषेक के माध्यम से भक्त उनकी असीम कृपा प्राप्त करते हैं और महादेव प्रसन्न होकर भक्तों के सभी दुखों को हर लेते हैं।

आइए जानते हैं कि किस चीज से रुद्राभिषेक करने से क्या फल प्राप्त होता है:

  1. दूध से अभिषेक: श्रावण मास में भगवान शिव को दूध से अभिषेक करना अत्यंत शुभ माना जाता है। विशेषकर श्रावण के प्रत्येक सोमवार को गाय के दूध से शिवलिंग का अभिषेक करने से महादेव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। यह न केवल आध्यात्मिक शांति देता है बल्कि जीवन में समृद्धि का मार्ग भी प्रशस्त करता है।
  2. दही से अभिषेक: यदि आपके कार्यों में लगातार बाधाएं आ रही हैं या आत्मविश्वास में कमी महसूस होती है तो श्रावण में दही से शिवलिंग का अभिषेक करना अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकता है। दही से अभिषेक करने से सभी प्रकार के विघ्न दूर होते हैं। व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है और घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
  1. गंगाजल से अभिषेक: यह सर्वविदित है कि भगवान शिव ने अपनी जटाओं में गंगा मैया को धारण किया है। इसलिए श्रावण मास में गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करने वाले भक्त को महादेव के साथ-साथ मां गंगा का भी विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। ऐसी मान्यता है कि गंगाजल से अभिषेक करने से व्यक्ति जन्म-मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  1. शहद से अभिषेक: जो शिव भक्त पवित्र श्रावण मास में शहद से महादेव का अभिषेक करते हैं उन्हें जीवन में अपार मान-सम्मान प्राप्त होता है। इसके अलावा शहद से अभिषेक करने से (Rudrabhishek In Sawan) वाणी दोष दूर होते हैं और व्यक्ति के स्वभाव में कोमलता आती है। धन वृद्धि और आर्थिक समस्याओं के समाधान के लिए, साथ ही रुके हुए धन की प्राप्ति के लिए इसके साथ साथ यह सामाजिक और व्यक्तिगत संबंधों में सुधार लाता है।
  1. घी से अभिषेक: यदि कोई व्यक्ति लंबे समय से किसी बीमारी से ग्रस्त है तो श्रावण में शुद्ध देसी घी से शिवलिंग का अभिषेक करना अत्यंत प्रभावी माना जाता है। घी से अभिषेक करने से व्यक्ति का स्वास्थ्य हमेशा अच्छा रहता है और पुरानी से पुरानी बीमारियों से भी मुक्ति मिलती है।
  1. इत्र से अभिषेक: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में मानसिक तनाव एक आम समस्या है। यदि आप किसी भी प्रकार के मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं तो श्रावण में इत्र से भगवान शिव का अभिषेक करना बहुत लाभकारी होता है। इत्र से अभिषेक करने से मन को शांति मिलती है और जीवन में सुकून आता है।
  1. गन्ने के रस से अभिषेक: आर्थिक समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए श्रावण में गन्ने के रस से भगवान शिव का अभिषेक करना अत्यंत फलदायी होता है। यह दरिद्रता को दूर करता है और व्यक्ति के जीवन में धन-धान्य की वृद्धि होती है।
  1. शुद्ध जल से अभिषेक: भगवान शिव का आशीर्वाद और पुण्य प्राप्त करने के लिए शुद्ध जल से अभिषेक का विशेष महत्व है। यह सबसे सरल और सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है जो भक्तों पर भोलेनाथ की विशेष कृपा बरसाता है, जिससे उनके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है।
  1. सरसों के तेल से अभिषेक: जिन लोगों की कुंडली में किसी प्रकार का ग्रह दोष होता है या जो अपने शत्रुओं से परेशान हैं, उन्हें श्रावण में सरसों के तेल से भगवान शिव का अभिषेक (Rudrabhishek In Sawan) करना चाहिए। इससे ग्रह-दोषों का प्रभाव कम होता है, शत्रुओं का नाश होता है और व्यक्ति में साहस व पराक्रम की वृद्धि होती है।
  1. शक्कर मिले दूध: बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति के लिए।
  2. कुशा जल: कुशा जल (कुश से बने जल) से रुद्राभिषेक करने से रोगों, दुखों और कष्टों से मुक्ति मिलती है. यह भगवान शिव को प्रसन्न करने का एक प्रभावी तरीका माना जाता है और माना जाता है कि यह जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है.
Importance of rudrabhishek in sawan
उज्जैन महाकाल

रुद्राभिषेक एक अत्यंत शक्तिशाली अनुष्ठान है जो न केवल आध्यात्मिक लाभ प्रदान करता है, बल्कि जीवन के भौतिक पहलुओं में भी सुख-समृद्धि लाता है। सावन के महीने में इसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है, क्योंकि इस दौरान भगवान शिव पृथ्वी पर अपनी ससुराल में निवास करते हैं और भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं।


इमेज सोर्स: Unsplash

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