Nirjala Ekadashi 2025 Niyam: एकादशी व्रत हिंदू धर्म में सबसे पुण्य व्रत में से एक माना गया है विशेष रूप से निर्जला एकादशी जिसका पालन जल तक का त्याग करके किया जाता है। अत्यंत कठिन लेकिन अत्यधिक फलदायक होती है ये व्रत।
पापों का नाश करता है और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है लेकिन इस दिन ऐसे काम है जिन्हें करने से व्रत का फल नष्ट हो सकता है या पाप लग सकता है।तो आईए जानते हैं वो 11 काम जो Nirjala Ekadashi 2025 के दिन भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
Nirjala Ekadashi 2025 Niyam: काम जो निर्जला एकादशी में भूलकर भी नहीं करना चाहिए
1. जल पीना या अन्न का सेवन करना
निर्जला एकादशी का अर्थ ही है बिना जल के एकादशी इस दिन जल भोजन, फल ,दूध सबका त्याग करना चाहिए।यह व्रत अत्यंत कठोर है। लेकिन इसका फल हजार एकादशियों के व्रत के बराबर बताया गया है। अगर आप जल या भोजन करते हैं तो व्रत का पुण्य समाप्त हो जाता है।
2. क्रोध और वाद विवाद से बचें
इस दिन का उद्देश्य आत्म शुद्धि संयम और भगवान विष्णु की आराधना है। अगर आप किसी से झगड़ा करते हैं कटु शब्द बोलते हैं या क्रोध में रहते हैं तो आपका मन अशांत रहता है और व्रत का भाव खंडित हो जाता है।
3. झूठ बोलना या धोखा देना
एकादशी के दिन किसी को भी धोखा देना ,झूठ बोलने या छल कपट करना पाप माना जाता है। यह दिन सत्य अहिंसा और भक्ति का है ।इसलिए किसी भी प्रकार की कपटता व्रत को व्यर्थ कर देती है।
4. कामवासना और शारीरिक संबंध से दूरी
निर्जला एकादशी के दिन ब्रह्मचर्य का पालन अनिवार्य है। मानसिक शारीरिक और वाणी से शुद्ध रहना आवश्यक है। इस दिन दांपत्य संबंध भी निषेध माने गए हैं क्योंकि इससे मन अशुद्ध होता है।
5. बिस्तर पर देर तक सोना
इस दिन देर तक सोने से व्रत का पुण्य नष्ट हो जाता है। ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना और भगवान विष्णु की पूजा करना आवश्यक होता है आलस्य का त्याग कर दिन भर भक्ति में लीन रहना चाहिए।
6. तामसिक भोजन का बनाना या सेवन करना
भले ही आप व्रत ना भी कर रहे हो फिर भी इस दिन मांस, मछली, अंडा, लहसुन, प्याज और मदिरा जैसे तामसिक पदार्थ का सेवन या उपयोग पूरी तरह से वर्जित है।इससे वातावरण भी दूषित होता है और व्रतधारी को दोष लगता है।
7. दूसरों का अपमान या बुरा सोचना
इस दिन किसी की निंदा ,आलोचना, अपमान या पीठ पीछे बुराई करना निषेध है ।भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए मन ,वाणीऔर कर्म तीनों को पवित्र रखना आवश्यक है।
8. शारीरिक आलस्य और मनोरंजन से दूरी बनाएं
टीवी मोबाइल फिल्में या सोशल मीडिया पर समय बिताना व्रत की भावना के विपरीत है ।इस दिन इन चीजों से दूर रहकर भगवान विष्णु के भजन ,कीर्तन, पाठ और ध्यान में समय बिताना चाहिए।
9. बाल कटवाना, नाखून काटना या शेविंग करना
ये दिन ब्रह्मचर्य और संयम का होता है शरीर की सजावट या सौंदर्य प्रसाधन का प्रयोग। बाल कटवाना या शेविंग करना अशुभ माना जाता है इन कार्यों से मन भटकता है और आध्यात्मिक ऊर्जा कमजोर होती है।
10. जरूरतमंदों को दान ना करना
निर्जला एकादशी पर दान का विशेष महत्व है अगर आप इस दिन व्रत तो कर रहे हैं लेकिन किसी जरूरतमंद की मदद नहीं कर रहे है तो पुण्य अधूरा रह जाता है इस दिन अन्न, जल ,वस्त्र ,छाता, पंखा, गीता ,तुलसी आदि का दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
11. व्रत तोड़ने का समय गलत न चुनें
अगर आप व्रत का समापन पारण कर रहे हैं तो पारण का समय शास्त्रों में निर्धारित होता है गलत समय पर व्रत तोड़ने से उसका पुण्य समाप्त हो सकता है अंतः पारण का समय सही से देखें और तभी अन्य जल ग्रहण करें।
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