World Environment Day 2025: आज 5 जून है — यानी विश्व पर्यावरण दिवस। यह दिन हर साल दुनियाभर में पर्यावरण की सुरक्षा, संरक्षण और संवर्धन के लिए मनाया जाता है। हर साल 5 जून को ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ मनाया जाता है।
इस दिन का मकसद लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाना और प्रकृति को बचाने के लिए एकजुट होना है। पर्यावरण सिर्फ पेड़-पौधों तक सीमित नहीं है, यह हमारी हवा, पानी, मिट्टी, जानवर, पक्षी और पूरा पारिस्थितिक तंत्र (ecosystem) का हिस्सा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज पर्यावरण किन-किन समस्याओं से जूझ रहा है?
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World Environment Day 2025: जानिए पर्यावरण से जुड़े कुछ चौंकाने वाले तथ्य!
नज़र डालते हैं पर्यावरण से जुड़े कुछ अहम और गंभीर तथ्यों पर:
1. हर साल 70 लाख लोग वायु प्रदूषण से मरते हैं
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट बताती है कि दुनियाभर में वायु प्रदूषण के कारण हर साल लगभग 70 लाख लोगों की समय से पहले मौत हो जाती है। इनमें हृदयघात, फेफड़ों की बीमारी, स्ट्रोक और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के मामले शामिल हैं।
2. प्रतिवर्ष 1 करोड़ हेक्टेयर जंगल काटे जा रहे हैं
फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइज़ेशन (FAO) के अनुसार, हर साल लगभग 10 मिलियन हेक्टेयर जंगल खत्म किए जा रहे हैं। यह लगभग पूरे इटली के क्षेत्रफल के बराबर है। वनों की कटाई से जैव विविधता खत्म हो रही है और जलवायु (World Environment Day) असंतुलित हो रही है।
3. हर मिनट समुद्र में फेंका जा रहा है एक ट्रक प्लास्टिक
यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल करीब 80 लाख टन प्लास्टिक समुद्रों में फेंका जा रहा है। इसका अर्थ है कि हर एक मिनट में लगभग एक ट्रक भरकर प्लास्टिक समुद्री जीवन के लिए खतरा बन रहा है।
4. धरती का औसत तापमान 1.2°C तक बढ़ चुका है
आईपीसीसी (Intergovernmental Panel on Climate Change) के अनुसार, औद्योगिक क्रांति के बाद से पृथ्वी का औसत तापमान 1.2 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया है। यदि यह 1.5°C से ऊपर गया, तो इससे बर्फ पिघलना, समुद्री जलस्तर बढ़ना और सूखा-बाढ़ जैसी आपदाएं बढ़ सकती हैं।
5. 2050 तक आधी आबादी को पीने के पानी की भारी कमी का खतरा
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्टों में चेतावनी दी गई है कि अगर जल संसाधनों का मौजूदा दर से दोहन होता रहा, तो 2050 तक विश्व की आधी आबादी को पीने के पानी की गंभीर समस्या झेलनी पड़ सकती है।
6. हर दिन 100 से अधिक प्रजातियां हो रही हैं विलुप्त
WWF और यूनाइटेड नेशंस बायोडायवर्सिटी के आंकड़ों के अनुसार, इंसानों की गतिविधियों के चलते हर दिन करीब 100 से अधिक प्रजातियाँ पृथ्वी से गायब हो रही हैं। इनमें पक्षी, स्तनधारी, कीट, पौधे और समुद्री जीव शामिल हैं।
7. भारत के 20 में से 18 शहर दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में
एक अध्ययन के अनुसार, भारत के 20 में से 18 शहर दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में शामिल हैं। इनमें दिल्ली, लखनऊ, कानपुर, पटना, भोपाल जैसे शहर प्रमुख हैं। इन शहरों की वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खतरनाक स्तर पर बनी हुई है।
8. आर्कटिक में हर दशक 13% बर्फ गायब हो रही है
NASA और NOAA की रिपोर्टों में बताया गया है कि आर्कटिक क्षेत्र में बर्फ की परत हर दशक करीब 13 प्रतिशत घट रही है। इससे समुद्री जलस्तर बढ़ने का खतरा मंडरा रहा है, जो तटीय क्षेत्रों के लिए गंभीर चुनौती बन सकता है।
9. भारत में 70% जल स्रोत प्रदूषित
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के 70% से अधिक जल स्रोत जैसे नदियां, तालाब और झीलें प्रदूषण की चपेट में हैं। इनमें गंगा, यमुना, गोमती और साबरमती जैसी प्रमुख नदियां शामिल हैं।
10. परागण करने वाले जीव संकट में
मधुमक्खियाँ, तितलियाँ और चमगादड़ जैसे परागण करने वाले जीव, जो हमारे खाद्य उत्पादन के लिए बेहद आवश्यक हैं, अब तेजी से विलुप्त हो रहे हैं। इसका कारण कीटनाशकों का अत्यधिक प्रयोग, पेड़ों की कटाई और ग्लोबल वार्मिंग है।
Images: unsplash
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