Origin And History Of Christmas: 25 दिसंबर को देश ही नहीं पूरी दुनिया में क्रिसमस त्योहार पूरे जोश के साथ मनाया जाता है। हर साल 25 दिसंबर के दिन क्रिसमस पहले सिर्फ ईसाई समुदाय के लोग मनाया करते थे। पर अब ये त्यौहार हर देश में सभी समुदाय के लोग भी मानते हैं। और ये काफी पॉपुलर भी होता जा रहा है। खासकर बच्चों में क्रिसमस को लेकर एक अलग ही जोश रहता है। आईए जानते हैं 25 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है क्रिसमस।
Origin And History Of Christmas: 25 दिसंबर को क्रिसमस क्यों मनाया जाता है।
ईसाई समुदाय के लोग इसे यीशु मसीह के जन्मदिवस के रूप में मनाते हैं। शुरुआत में ईसाई समुदाय के लोग यीशु यानी ईसा मसीह के जन्म को एक त्यौहार के रूप में नहीं मानते थे।लेकिन चौथी शताब्दी के जन्मदिन को एक त्यौहार के तौर पर मनाया जाने लगा। हुआ यू की यूरोप में गैर ईसाई समुदाय के लोग सूर्य के उत्तरायण मौके पर एक बड़ा त्योहार मनाते थे।
इनमें प्रमुख था 25 दिसंबर को सूर्य के उत्तरायण होने का त्योहार इस तारीख से दिन की लंबा होना शुरू होने की वजह से इसे सूर्य देवता के पुनर्जन्म का दिन माना जाता था। कहां जाता है कि इसी वजह से ईसाई समुदाय के लोगों ने इस दिन को यीशु के जन्मदिन के त्यौहार क्रिसमस के तौर पर चुना। और तब से 25 दिसंबर को हर साल क्रिसमस मनाया जाने लगा।
क्या है क्रिसमस ट्री का इतिहास!
सदाबहार क्रिसमस पेड़ सर्दियों के बीच में जीवन का एक प्राचीन प्रतिक था हालांकि इस पेड़ का सबसे पहले इस्तेमाल कब किया गया था इस बारे में किसी को जानकारी नहीं है लेकिन ऐसा माना जाता है, कि लगभग 1000 साल पहले उत्तरी यूरोप में इसकी शुरुआत हुई थी। ये माना जाता है कि शुरुआती क्रिसमस ट्री क्षत्रियों में झूमर या रोशनी के हुक से उल्टा लटकाए जाते थे।
रोमन लोग सर्दियों में सदाबहार शाखाओं को अपने घरों में सजाने के लिए इस्तेमाल करते थे।उत्तरी यूरोप में सदाबहार पेड़ों को काटा और क्रिसमस के समय के दौरान उन्हें अपने घरों के अंदर बक्से में लगाया। एक दूसरी मान्यता के अनुसार जब यीशु मसीह का जन्म हुआ था तब बहुत तेज सर्दी थी और बर्फबारी की वजह से दुनिया भर के पेड़ों पर से पत्तियां गिर गई थी। इन पेड़ों ने नई हरी पत्तियों को जन्म दिया।
क्रिसमस ट्री का प्रतीकात्मक अर्थ।
मूर्ति पूजा का संस्कृत में क्रिसमस के पेड़ के सदाबहार हिस्से को जीवन पुनर्जन और सहनशक्ति का प्रतिनिधि करता है जो कि सर्दियों के मौसम में जीने के लिए बहुत आवश्यक है ये माना जाता है कि सर्दी के महीने में बुरी आत्माएं अपने सबसे मजबूत स्थिति में होती है इस दौरान इस पेड़ को उपयोग करने का अर्थ अंधेरी युक्त सबसे ठंडी स्थितियों को हल्का करना सकारात्मक को आमंत्रित करना और बुरी आत्माओं को दूर करना था।
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