How to Overcome Procrastination for Students: काम को टालने की आदत हर व्यक्ति में होती है। इसमें किसी भी काम को पूरा करने की मजबूत इच्छाशक्ति लगातार कम होती जाती है। इससे व्यक्ति काम को टालता रहता है और उसके अंदर आलस आ जाता है।
हम सभी के अंदर यह प्रवृत्ति पायी जाती है। जब भी कोई किसी काम को टालता है तो वह अपनी ऊर्जा किसी जरुरी काम में लगाने के बजाय टीवी देखने, वीडियो गेम खेलने, सोशल मीडिया पर या फालतू में घूमने में बिताता है। इससे उनके शरीर की ऊर्जा जरुरी काम को करने के लिए नहीं बचती और उनके अंदर एक डर और टेंशन पैदा हो जाता है।
इस वजह से वे अपना कीमती समय बर्बाद कर देते हैं। इसलिए, टालमटोल की आदत हम सभी के लिए बहुत हानिकारक है। इस पोस्ट में टालमटोल की आदत, स्टूडेंट के ऊपर पड़ने वाले प्रभाव और कुछ उपायों के बारे में जानेंगे जिससे स्टूडेंट के लिए बेहद चिन्ताजनक इस आदत से छुटकारा मिल सके।
How to Overcome Procrastination for Students: टालने की आदत से छुटकारा पा सकते हैं इन आसान उपायों से
क्या होता है प्रोक्रस्टिनेशन या टालमटोल की आदत
अक्सर यह देखा गया है कि हम सभी को जब भी कोई महत्वपूर्ण काम करना होता है तो हम यह कहते हैं कि इस काम को कल करते हैं या कुछ देर के बाद करते हैं। इस कुछ देर बाद वाली आदत को ही टालना कहते हैं। इससे हम जरुरी काम तो नहीं करते परन्तु कई बेवजह के काम कर लेते हैं, जिनको करना उतना जरुरी नहीं होता है।
वास्तव में देखा जाय तो हम अपने अधिकांश कामों को टालते ही रहते हैं। इससे कई जरुरी काम देरी से होते हैं और जरुरी काम के देर से होने पर कभी कभी हम तनाव ले लेते हैं।
स्टूडेंट पर कैसे पड़ता है प्रभाव
एक स्टूडेंट अगर अपनी पढ़ाई या खेलकूद में टालमटोल करता है तो इस एक बुरी आदत से उसका पूरा कैरियर भी बर्बाद हो सकता है। इसलिए स्टूडेंट के साथ साथ हम सभी को इस टालने की आदत को जल्दी सुधारना चाहिए। स्कूलों और कॉलेज के ज़्यादातर स्टूडेंट अपना होमवर्क और एग्जाम की तैयारी को टालते रहते हैं।
वे हमेशा यह सोचते रहते हैं कि अभी तो उनके पास पढ़ाई करने या तैयारी के लिए बहुत समय है। परन्तु जब एग्जाम होने वाला होता है तो टालमटोल की आदत वाले ऐसे स्टूडेंट के पास तैयारी के लिए टाइम बहुत कम बचता है। इसका सीधा असर उनके रिजल्ट पर पड़ता है।
इससे उनको टेंशन हो जाती है और कभी कभी स्टूडेंट डिप्रेशन में भी चले जाते हैं। कुछ ऐसे भी मामले सामने आये हैं जिसमें स्टूडेंट नशा करने लगते हैं या गलत संगत में पड़ जाते हैं। इससे उनकी पूरी जिंदगी ख़राब हो सकती है।
कुछ ऐसे भी छात्र होते हैं जो अपना एक तिहाई समय सिर्फ काम को टालने की वजह से बरबाद कर देते हैं। वे रात भर पार्टी करते हैं। हफ्तों तक घूमने चले जाते हैं। क्लास में कई तरह के बहाने बनाते हैं। स्टूडेंट अपनी टालने की आदत के कारण अपनी क्षमता का सही आंकलन नहीं कर पाते और कई कामों को करने से डरते हैं। ऐसे में कुछ तरीके हैं जिनसे टालमटोल की आदत को कम किया जा सकता है।
टालने की आदत को कम करने के कुछ प्रमुख तरीके
वैसे तो टालने की आदत से बचने का सबसे बेहतरीन उपाय है एक फिक्स रूटीन बना लेना। परन्तु कई बार हम अपने बनाये इस रूटीन को फॉलो नहीं कर पाते जिससे टालमटोल की आदत छूट नहीं पाती। ऐसे में इन उपायों को जरूर अपनाना चाहिए।
डिस्ट्रैक्शन को पहचाहना
एक स्टूडेंट के तौर पर हम सभी को अपने डेली रूटीन को चेक करना चाहिए। इसमें उन सभी कामों और चीजों को करने से बचना चाहिए जिसके कारण हमारा जरुरी समय बर्बाद होता है।
टाइम सेट करना
स्टूडेंट को अपने सभी कामों को समय पर करने की आदत डालनी चाहिए। कोई भी आदत एक दिन में नहीं बन सकती है, इसके लिए लगातार प्रैक्टिस करना बेहद जरुरी है।
काम को स्टेप्स में करना
यदि आपको कोई काम बहुत ज्यादा उबाऊ और थकान वाला लग रहा है तो उसको कई स्टेप में बाँट देना चाहिए और उस काम को स्टेप बाई स्टेप करना चाहिए। इससे आप थकेंगे भी नहीं और धीरे धीरे आपका काम भी पूरा हो जायेगा।
बड़ी बड़ी कंपनियों में भी इसी नियम को अपनाया जाता है। लम्बे प्रोजेक्ट को अलग अलग स्टेप में बाँट कर उसे अलग अलग टीमों को दे दिया जाता है और अलग अलग टीमें अपने हिस्से का काम समय से पूरा कर देती हैं।
नोट या रिमाइंडर लगाना
एक स्टूडेंट के लिए उसकी दिनचर्या बहुत मायने रखती है। उसे स्कूल, कॉलेज के अलावा कई अन्य एक्टिविटी में भाग लेना होता है। एक स्टूडेंट को टाइम मैनेज करने में बहुत ही मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
ऐसे में स्टूडेंट के लिए जो भी काम बेहद जरुरी हो उसको एक नोट पर लिख कर किसी ऐसे स्थान पर चिपकाना चाहिए, जहाँ से उसको ये नोट सीधे दिखाई दे। ये स्टूडेंट के लिए एक रिमाइंडर का काम करेगा और उसके जरुरी काम समय पर ख़त्म हो जायेंगे।
पढ़ने के लिए सही जगह का चुनाव
किसी भी स्टूडेंट के लिए उसकी पढ़ने की जगह सबसे महत्वपूर्ण होती है। इसलिए हमेशा ऐसे स्थान को पढ़ाई या काम करने के लिए चुनना चाहिए, जहाँ बैठ कर वह अपनी पढ़ाई या काम आसानी से और शांति से कर सके। कभी भी ऐसी जगह पर नहीं पढ़ना चाहिए जहाँ बेड हो। बेड पर बैठकर पढ़ने से आपको आलस और नींद आ सकती है। इसके कारण आपका ध्यान पढ़ाई से हट सकता है।
समय समय पर ब्रेक लेना
कभी भी लगातार 4-5 घंटे तक बैठ कर पढ़ाई या काम नहीं करना चाहिए। मानसिक संतुलन को ठीक रखने के लिए 2 घंटे में कम से कम 15 मिनट का ब्रेक लेना चाहिए और टहलना चाहिए। इस बीच आप पानी भी पी सकते हैं। ऐसा करने से आपको एक अलग एनर्जी मिलती है।
अच्छा और हेल्दी खाना खाना
आजकल स्टूडेंट पढ़ने के लिए अपने घरों से दूर रहते हैं। ऐसे में उन्हें अच्छा खाना नहीं मिल पाता। अधिकांश स्टूडेंट बाहर का फ़ास्ट फ़ूड खाते रहते हैं जिससे उनकी तबियत भी ख़राब हो जाती है और पढ़ने में या किसी भी काम को करने में मन नहीं लगता है।
इस परिस्थिति में टालने की आदत बढ़ जाती है। इसलिए हमेशा यही कोशिश करनी चाहिए कि फ़ास्ट फ़ूड कम से कम खाये और हेल्दी खाना खाने की पूरी कोशिश करें। इससे आप बीमार नहीं पड़ेंगे। शरीर के स्वस्थ रहने पर आपको काम को टालने की जरुरत भी नहीं पड़ेगी।
हम सभी को मालूम है कि बुरी आदत को इतनी जल्दी नहीं छोड़ा जा सकता है। इसमें समय लगता है। इसलिए ऐसा भ्रम नहीं रखना चाहिए कि इस टालने की आदत को अचानक से छोड़ दिया जायेगा। इस आदत को धीमे धीमे ही छोड़ा जा सकता है। इसके लिए आपको ऊपर बताये गए कुछ उपायों पर लगातार काम करना पड़ेगा। यदि आप लगातार प्रयास करते रहेंगे तो एक दिन इस आदत से छुटकारा जरूर मिल जायेगा।
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