TheRapidKhabar

6 Signs of Silent Heart Attack- बढ़ रहा है साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा, जानें क्या है प्रमुख लक्षण और बचाव के उपाय

6 Signs of Silent Heart Attack- बढ़ रहा है साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा, जानें क्या है प्रमुख लक्षण और बचाव के उपाय

6 Signs of Silent Heart Attack

6 Signs of Silent Heart Attack- गलत लाइफस्टाइल और खान पान की वजह से पिछले कुछ सालों से दिल की बीमारियों के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। पहले पचास साल से अधिक उम्र के लोगों को ही हार्ट अटैक ज्यादा आते थे, लेकिन अब 30 साल या उससे कम उम्र के लोगों को भी हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं।

आज के समय में डॉक्टर्स इस बात को लेकर ज्यादा परेशान हैं कि मरीज में ऐसे कोई लक्षण दिखाई नहीं दे रहे जिससे वे पहले से बचाव के लिए कुछ उपाय बता सकें। अचानक आने वाले इस हार्ट अटैक को साइलेंट हार्ट अटैक कहा जाने लगा है।

6 signs of silent heart attack

साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा पहले की तुलना में बढ़ता जा रहा है। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि क्या साइलेंट हार्ट अटैक के कोई लक्षण पहले से दिखाई देते हैं?

आखिर ऐसे कौन से लक्षण होते हैं जिनको महसूस करते ही हमें अलर्ट होने की जरूरत है। इस पोस्ट में हम ऐसे ही कुछ लक्षणों के बारे में जानेंगे, जिनसे आप यह पता लगा सकते हैं कि आपको हार्ट अटैक का कितना खतरा है।

6 Signs of Silent Heart Attack- बढ़ रहा है साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा, जानें क्या है प्रमुख लक्षण

देखा जाय तो साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण बहुत मामूली होते हैं, जिन्हें देखकर कोई भी नहीं कह सकता कि आपको हार्ट की प्रॉब्लम हो सकती है। लेकिन ये मामूली लक्षण ही एक गंभीर खतरे को जन्म देते हैं।

बहुत से मामलों में इसका पता तब चलता है, जब डॉक्टर उनकी जांच करता है। आज के समय में साइलेंट हार्ट अटैक के 45 परसेंटेज से भी ज्यादा मरीज हॉस्पिटल में भर्ती हो रहे हैं।

क्या है साइलेंट हार्ट अटैक

मेडिकल भाषा में साइलेंट हार्ट अटैक को ‘साइलेंट मायोकार्डियल इन्फाक्र्शन’ कहा जाता है। इसमें कभी कभी पेशेंट को दर्द का बिल्कुल भी पता नहीं चलता या दर्द का पता एकदम अचानक से चलता है।

World heart day theme 2024

इससे मरीज को समझ ही नहीं आता कि उसे कौन सी प्रॉब्लम हो रही है। कई बार तो ऐसा भी होता है कि ब्रेन को दर्द का अहसास कराने वाली नसों, स्पाइनल कॉर्ड में दिक्कत आने से भी मरीज दर्द की पहचान नहीं कर पाता है।

इसके अलावा अधिक उम्र वाले और डायबिटीज के मरीजों में ऑटोनॉमिक न्यूरोपैथी के कारण दर्द का अहसास नहीं होता है। साइलेंट हार्ट अटैक आने के कुछ प्रमुख लक्षणों को जानते हैं।

सीने में हल्का दर्द रहना

Gud and chana khane ke fayde

आमतौर पर काम की अधिकता, खराब लाइफ़स्टाइल के कारण भी हमारे सीने, पीठ में दर्द होता है। लेकिन यदि आपको सीने के साथ पीठ में हल्का दर्द बना रहता है या कभी कभी तेज दर्द होने लगता है तो आपको सावधान होने की जरूरत है।

डॉक्टरों के अनुसार ये साइलेंट हार्ट अटैक का एक मुख्य लक्षण है। इसमें दर्द के साथ ही आपको मांसपेशियों में खिंचाव या दर्द भी महसूस हो सकता है। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत ही एक्सपर्ट डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। साथ ही अपनी लाइफस्टाइल और खान पान पर भी ध्यान देना चाहिए।

अपच और गैस की समस्या

6 signs of silent heart attack

ज्यादा ऑयली खाने या जंक फूड खाने से गैस की समस्या किसी को भी हो सकती है। लेकिन साइलेंट हार्ट अटैक से इसका भी गहरा संबंध है। अगर आप डेली एक्सरसाइज कर रहे हैं, पोषक तत्वों से युक्त खाना खा रहे हैं और उसके बाद भी आपको गैस और अपच की दिक्कत हो रही है तो यह साइलेंट हार्ट अटैक का शुरुआती लक्षण हो सकता है।

खाना ना पचने और गैस की समस्या होने पर हमारा हार्ट सही तरीके से काम नहीं कर पाता। भोजन को पचाने के लिए शरीर के अन्य अंगों के साथ साथ हार्ट पर ज्यादा प्रेशर पड़ता है जो हार्ट अटैक में कब बदल जाता है, हमें पता भी नहीं चलता।

सांस लेने में परेशानी

7 signs of heart attack

कहने के लिए तो यह बहुत हो नॉर्मल बात है कि मेरी सांस फूल रही है। लेकिन अगर आप इसके पीछे छिपे कारणों को समझेंगे तो यह बहुत ही खतरनाक और गंभीर है।

बहुत ही कम एक्सरसाइज करने, गलत लाइफस्टाइल और खान पान के कारण या जंक फूड ज्यादा खाने वालों में सांस फूलने की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। मोटापे से ग्रस्त लोग भी ज्यादातर सांस फूलने की बीमारी से परेशान रहते हैं।

इसकी वजह से भी शरीर के अंदरूनी अंगों के साथ हार्ट पर प्रेशर पड़ता है, जो साइलेंट हार्ट अटैक की एक बड़ी वजह बनता है। जिन लोगों को सांस लेने में दिक्कत होती है, उनमें से अधिकतर को छाती में जकड़न या जुकाम की समस्या भी बनी रहती है।

जानिए हार्ट अटैक से बचने के 7 आसान उपाय

थकान महसूस करना

How to overcome procrastination for students

दिन भर की भागदौड़ के बाद शरीर का थकना स्वाभाविक है। लेकिन जब आप ज्यादा काम ना कर रहे हों और एक से दो घंटे के बाद ही आपके शरीर में कमजोरी और थकान महसूस हो तो आपको सावधान होने की जरूरत है।

यह समस्या अक्सर उनके अंदर देखने को मिलती है, जिनकी नींद पूरी नहीं होती या जो लोग बहुत ज्यादा टेंशन या डिप्रेशन में होते हैं। अचानक शरीर के थकने से भी आपको हार्ट की समस्या हो सकती है और साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

बिना वजह उल्टी होना

6 signs of silent heart attack

कभी कभी जब हमारा शरीर स्वस्थ नहीं होता है तो यह कई प्रकार के संकेत करता है। इन संकेतों में आपको थकान का अनुभव हो सकता है, हल्का बुखार हो सकता है, शरीर में दर्द की समस्या भी हो सकती है।

कभी कभी बिना किसी कारण के 1–2 बार उल्टी भी हो सकती है। यदि एक दो बार ऐसा होता है तो इसमें घबराने वाली कोई बात नहीं है, लेकिन ये समस्या जब बार बार होने लगती है तो आपको सावधान हो जाना चाहिए।

अगर बिना किसी कारण के बार बार उल्टी होने लगे तो आपको किसी अच्छे डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए और शरीर की जांच जरूर करवानी चाहिए। उल्टी की समस्या महिलाओं में ज्यादा देखी जाती है, इसलिए इसे बिल्कुल भी अनदेखा नहीं करना चाहिए।

बुखार या चक्कर आना

10 health benefits of sugarcane juice-fever

हमारे शरीर की बनावट इस प्रकार हुई है कि थोड़ा सा भी अस्वस्थ होने पर यह खुद को अपने आप ही ठीक करने लग जाता है। ऐसे में हल्के बुखार या चक्कर आने पर हमें आराम करने की कोशिश करनी चाहिए।

लेकिन यदि आपको बार बार बुखार हो रहा है या सही मात्रा में भोजन लेने के बाद भी चक्कर आने की समस्या बनी हुई है तो सतर्क हो जाइए। ये साइलेंट हार्ट अटैक आने का एक लक्षण है। हालांकि ऐसा सबके साथ नहीं होता है लेकिन सावधान रहना बहुत ही ज्यादा जरूरी है।

क्या है साइलेंट हार्ट अटैक के कारण

Silent heart attack

देखा जाय तो साइलेंट हार्ट अटैक आने के कई कारण हो सकते हैं। इनमें वजन का अधिक होना, संतुलित आहार का सेवन न करना, ऑयली फूड का ज्यादा इस्तेमाल, प्रोसेस्ड फूड का अधिक यूज, फिजिकल एक्टिविटी न के बराबर करना, नशा और धूम्रपान करना, डायबिटीज का बढ़ा होना मुख्य है।

इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों में  कोलेस्ट्रॉल के बढ़े होने, जरूरत से ज्यादा नमक का सेवन, टेंशन लेना और परिवार में किसी को स्ट्रोक की समस्या होने की वजह से भी साइलेंट हार्ट अटैक हो सकता है। हालांकि डॉक्टरों ने साइलेंट हार्ट अटैक के लिए एक निश्चित कारण नहीं बताया है।

समय समय पर जांच जरूर करवाना

डॉक्टरों के अनुसार अपच या सीने में जलन के साथ अन्य लक्षण होने पर घरेलू उपचार के साथ साथ एक्सपर्ट डॉक्टर से भी सलाह जरूर लेनी चाहिए।

6 signs of silent heart attack

अलग अलग तरह की जांच जैसे इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम या इकोकार्डियोग्राम और इमेजिंग टेस्ट साइलेंट हार्ट अटैक की पहचान करने का एकमात्र तरीका है। आमतौर पर हार्ट के मरीज को हर तीन महीने में अपनी जांच जरूर करवानी चाहिए। इसके साथ ही खान पान में विशेष ध्यान रखने की जरूरत है।

कैसे करें बचाव

साइलेंट हार्ट अटैक के खतरे से बचने के लिए जरूरी है कि आप शरीर का रूटीन चेकअप कराते रहें। संतुलित आहार का सेवन करें। डेली एक्सरसाइज की आदत डालें और पर्याप्त नींद लें।

Tension

काम की अधिकता के बावजूद टेंशन और डिप्रेशन से बचने की कोशिश करें। किसी भी प्रकार के नशे और अल्कोहल से दूर रहें। अगर आप जिम जाने की शुरुआत कर रहे हैं तो जिम जाने के पहले ईसोजी, इको और टीएमटी के साथ ही लिपोप्रोटीन ए. एबएस-सीआरपी, क्रोनिक कैल्शियम जैसी जांच करा लें।

इससे आपको अपने शरीर की अच्छे से जानकारी हो जाएगी। इन जांच को रिपोर्ट ठीक आने पर ही जिम ज्वॉइन करें। अगर कोई दिक्कत हो तो सही डॉक्टर से उसका इलाज कराएं। शरीर में किसी भी तरह की कमी, बदलाव को नजरअंदाज न करें और समय से किसी अच्छे और एक्सपर्ट डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।


इमेज क्रेडिट: Freepik

Volkswagen Tera SUV से उठा पर्दा, जानें फीचर्स और डिटेल्स

 

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now
Instagram Page Join Now

मनोरंजन

ऑटोमोबाइल